जयपुर. राजधानी के सांगानेरी गेट स्थित पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में सामूहिक सुंदरकांड के बाद आपत्तिजनक नारे लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने सोमवार को पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव से मुलाकात की. पदाधिकारियों ने कमिश्नर को एक ज्ञापन देकर इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और सरकार पर तुष्टीकरण के भी आरोप लगाए हैं.
विहिप के पदाधिकारियों की ओर से कमिश्नर को दिए ज्ञापन में बताया गया है कि 3 जून को सांगानेरी गेट स्थित पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में सुव्यवस्थित और अनुशासन पूर्ण तरीके से हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. कार्यक्रम के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया गया. जिसमें अमर्यादित नारे लगाए जा रहे थे. इसके बाद मंदिर के पुजारी सहित शहर के कई गणमान्य लोगों को रातभर पुलिस ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. मंदिर के पुजारी को तो पुलिस ने रातभर थाने में बिठाए रखा. उनका कहना है कि इससे जयपुर शहर के मंदिर पुजारियों और साधु-संतों में भय का वातावरण बना है. ऐसे में भविष्य में धार्मिक आयोजनों के दौरान कार्यकर्ताओं और साधु संतों को परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है.
पढ़ेंः विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता का आरोप, कहा- राजस्थान में सरकार PFI के गुर्गों के कहने पर काम करती रही
इन मामलों में सरकार पर तुष्टीकरण के आरोपः इस ज्ञापन में विहिप की ओर से सरकार पर तुष्टीकरण के आरोप भी लगाए गए हैं. ज्ञापन में बताया गया है कि संजीव प्रकाशन के मुद्दे, रामनवमी और हनुमान जयंती के कार्यक्रम से पहले और बाद में बिना किसी प्रयोजन साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को भी पाबंद करना और कार्रवाई के नाम पर डराना सरकार की तुष्टीकरण की नीति के उदाहरण हैं.