जयपुर. प्रदेश के डीजीपी कपिल गर्ग 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को राज्य के नए डीजीपी की घोषणा कर देंगे. क्योंकि, राज्य कार्मिक विभाग ने यूपीएससी को 11 आईपीएस अफसरों के नामों का पैनल भेजा था, जिनमें से 3 आईपीएस के नामों को पैनल ने राज्य सरकार को भेज दिया है.
ऐसे में संभावना है कि शुक्रवार देर रात तक मुख्यमंत्री नए डीजीपी के नाम की घोषणा कर दें. बता दें, वर्तमान डीजीपी कपिल गर्ग 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. डीजीपी कपिल गर्ग के रिटायरमेंट होने के साथ ही प्रदेश में नए पुलिस मुखिया को लेकर तलाश तेज जो गई थी. वहीं, राज्य कार्मिक विभाग ने डीजी रैंक के 6 अधिकारियों सहित 11 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का पैनल तैयार कर यूपीएसी को भेजा था. जिसमें एन.आर.के रेड्डी, ओपी गहलोत्रा, भूपेंद्र सिंह यादव, आलोक त्रिपाठी, एमएल लाठर, राजीव दासोत, अक्षय मिश्रा, पीके सिंह, बीएल सोनी, उत्कलरंजन साहू, के.नरसिम्हा राव के नाम भेजे थे.
वहीं, कार्मिक विभाग ने वरीयता के आधार पर 11 आईपीएस अधिकारियों का पैनल तैयार करके यूपीएससी को भेज दिया था. इस पर यूपीएसी ने इन अफसरों के कामकाज का आकलन कर राज्य सरकार को तीन अफसरों का पैनल बंद लिफाफा में भेज दिया है. लिफाफा मुख्यमंत्री के नाम है ऐसे में अब मुख्यमंत्री ही इस लिफाफे को खोलेंगे. सीएम इन तीन नामों में एक नाम पर मुहर लगाएंगे.
दरअसल, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों की सरकारों को आदेश दिए थे कि डीजीपी पद पर किसी अफसर को लगाने के लिए केंद्र सरकार को डीजी रैंक के अधिकारियों के नाम का पैनल भेजा जाए. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अनुसरण करते हुए यूपीएससी को डीजी रैंक सहित वरिष्ठता के आधार पर 11 नामों के अफसरों का पैनल भेजा था.
हालांकि, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने पुलिस का मुखिया बदल दिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठता और पसंद को देखते हुए 1983 बैच के आईपीएस कपिल को पुलिस महानिदेशक बनाया गया था. अब कपिल गर्ग 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. हालांकि, राज्य सरकार चाहे तो अपनी पॉवर्स का उपयोग करते हुए, जो 11 नामों का पैनल यूपीएससी के पास भेजा गया था उससे अलग जाकर भी वरीयता और काम के आधार पर किसी अन्य आईपीएस को डीजीपी की जिम्मेदारी दे सकती हैं. ऐसे में देखना होगा कि मुख्यमंत्री गहलोत, यूपीएससी द्वारा भेजे गए तीन नामों में से ही डीजीपी का चुनाव करेंगे या फिर अपनी पसंद के किसी नए पुलिस अधिकारी को राज्य की कानून अवस्था का जिम्मा देंगे.