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राजस्थान में बेटियों का सौदा: जांच के लिए दिल्ली से पहुंची NHRC टीम, आयोग की कार्रवाई पर गरमाई सियासत

राजस्थान में बेटियों के सौदे के मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India) ने गहलोत सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. NHRC की 2 सदस्यीय टीम भीलवाड़ा पहुंच चुकी है. इससे पहले शुक्रवार को इस मामले पर जमकर राजनीति हुई.

BJP attack on Gehlot government
आयोग की कार्रवाई पर गरमाई सियासत
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Published : Oct 29, 2022, 12:51 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 2:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान में जातीय पंचायतों के कर्ज में डूबे परिवारों की बेटियों को स्टांप पेपर पर बेचने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. जिस पर हैरानी जाहिर करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India) ने गहलोत सरकार (Rajasthan Govt) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं, अब इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानावाधिकार आयोग और राजस्थान सरकार आमने-सामने आ गए हैं. एनएचआरसी की दो सदस्यीय टीम भीलवाड़ा पहुंच चुकी है. महिला आयोग दिल्ली की सेक्रेटरी शिवानी डे और कानूनी सलाहकार अनन्या सिंह जहाजपुर पहुंच गई हैं.

एनएचआरसी के नोटिस पर गहलोत सरकार के मंत्री खाचरियावास ने पलटवार (NHRC notice to Gehlot government) किया. उन्होंने कहा कि पहले मानवाधिकार आयोग की टीम को इस प्रकरण की जांच करनी चाहिए थी, न कि इस पर सियासत. इधर, बीजेपी ओर से सूबे की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया गया और कहा गया कि राजस्थान के लिए इससे बुरा और कुछ नहीं हो सकता है.

आयोग की कार्रवाई पर गरमाई सियासत

मामले में मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए प्रदेश के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदियों पहले ऐसा सुना था, लेकिन अब गहलोत राज में कर्ज वसूली के नाम पर (BJP attack on Gehlot government) बेटियों का सौदा हो रहा है. यह वाकया राजस्थान को शर्मसार करने वाला है. आगे उन्होंने इस मामले को विधानसभावार उठाने का ऐलान किया. साथ ही राठौड़ ने कहा कि सूबे में बेटियों की तस्करी का यह मामला गंभीर है. उन्होंने कहा कि गृह विभाग के मुखिया व सीएम के मत्थे लगे इस कलंक को राजस्थान लंबे समय तक याद रखेगा.

इसे भी पढ़ें - गुजरात में गहलोत और पायलट साथ साथ, पूर्व उप मुख्यमंत्री को पार्टी ने बनाया स्टार प्रचारक

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बाद अब राज्य महिला आयोग व बाल संरक्षण आयोग ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है. भीलवाड़ा में बच्चियों के साथ हो रही इस घटना पर राजस्थान महिला आयोग ने मुख्य सचिव व DGP को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही शनिवार को राज्य बाल आयोग की टीम भीलवाड़ा का दौरा करेंगी.

इस पूरे मामले में सामने आई राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि जिस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस वाकया में संलिप्त सभी पापियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में बाल आयोग जिला प्रशासन से संपर्क कर आरोपियों के खिलाफ एक्शन को अग्रसर है.

ये है मामला: दरअसल, कर्ज में डूबे परिवार की बेटियों को बाकायदा स्टांप पेपर पर ( selling daughter on stamp paper) लिखवाकर बेचने का यह मामला जयपुर से 340 किलोमीटर दूर भीलवाड़ा से सामने आया है. इस घिनौने अपराध में जातीय पंच के शामिल होने की भी बातें सामने आई है. साथ ही बताया गया कि 8 से 18 साल की बच्चियों को नीलाम किया जाता था. इन लड़कियों को उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, मुंबई, दिल्ली समेत विदेशों तक भेजा जा रहा था.

भीलवाड़ा के पंडेर गांव से यह घटना सामने आई. यहां कई बस्तियों में गरीब परिवारों की बच्चियों को दलाल स्टांप पेपर पर खरीदकर उन्हें बेचते थे. इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि गरीब परिवार की बच्चियों के माता-पिता को अपने शिकंजे में लेकर पहले तो उन्हें कर्जदार बनाया जाता था और फिर कर्ज न चुकाने की सूरत में उनकी बेटियों की नीलामी कराई जाती थी.

आरोप यह भी है कि जातीय पंच भी इसमें शामिल थे, क्योंकि ऐसे मामलों में पंचों को हर डील में कमीशन मिलता था. पंचायत से जुड़े एजेंटों ने गांव में आलीशान कोठियां बनवा रखी हैं.

जयपुर. राजस्थान में जातीय पंचायतों के कर्ज में डूबे परिवारों की बेटियों को स्टांप पेपर पर बेचने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. जिस पर हैरानी जाहिर करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India) ने गहलोत सरकार (Rajasthan Govt) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं, अब इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानावाधिकार आयोग और राजस्थान सरकार आमने-सामने आ गए हैं. एनएचआरसी की दो सदस्यीय टीम भीलवाड़ा पहुंच चुकी है. महिला आयोग दिल्ली की सेक्रेटरी शिवानी डे और कानूनी सलाहकार अनन्या सिंह जहाजपुर पहुंच गई हैं.

एनएचआरसी के नोटिस पर गहलोत सरकार के मंत्री खाचरियावास ने पलटवार (NHRC notice to Gehlot government) किया. उन्होंने कहा कि पहले मानवाधिकार आयोग की टीम को इस प्रकरण की जांच करनी चाहिए थी, न कि इस पर सियासत. इधर, बीजेपी ओर से सूबे की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया गया और कहा गया कि राजस्थान के लिए इससे बुरा और कुछ नहीं हो सकता है.

आयोग की कार्रवाई पर गरमाई सियासत

मामले में मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए प्रदेश के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदियों पहले ऐसा सुना था, लेकिन अब गहलोत राज में कर्ज वसूली के नाम पर (BJP attack on Gehlot government) बेटियों का सौदा हो रहा है. यह वाकया राजस्थान को शर्मसार करने वाला है. आगे उन्होंने इस मामले को विधानसभावार उठाने का ऐलान किया. साथ ही राठौड़ ने कहा कि सूबे में बेटियों की तस्करी का यह मामला गंभीर है. उन्होंने कहा कि गृह विभाग के मुखिया व सीएम के मत्थे लगे इस कलंक को राजस्थान लंबे समय तक याद रखेगा.

इसे भी पढ़ें - गुजरात में गहलोत और पायलट साथ साथ, पूर्व उप मुख्यमंत्री को पार्टी ने बनाया स्टार प्रचारक

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बाद अब राज्य महिला आयोग व बाल संरक्षण आयोग ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है. भीलवाड़ा में बच्चियों के साथ हो रही इस घटना पर राजस्थान महिला आयोग ने मुख्य सचिव व DGP को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही शनिवार को राज्य बाल आयोग की टीम भीलवाड़ा का दौरा करेंगी.

इस पूरे मामले में सामने आई राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि जिस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस वाकया में संलिप्त सभी पापियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में बाल आयोग जिला प्रशासन से संपर्क कर आरोपियों के खिलाफ एक्शन को अग्रसर है.

ये है मामला: दरअसल, कर्ज में डूबे परिवार की बेटियों को बाकायदा स्टांप पेपर पर ( selling daughter on stamp paper) लिखवाकर बेचने का यह मामला जयपुर से 340 किलोमीटर दूर भीलवाड़ा से सामने आया है. इस घिनौने अपराध में जातीय पंच के शामिल होने की भी बातें सामने आई है. साथ ही बताया गया कि 8 से 18 साल की बच्चियों को नीलाम किया जाता था. इन लड़कियों को उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, मुंबई, दिल्ली समेत विदेशों तक भेजा जा रहा था.

भीलवाड़ा के पंडेर गांव से यह घटना सामने आई. यहां कई बस्तियों में गरीब परिवारों की बच्चियों को दलाल स्टांप पेपर पर खरीदकर उन्हें बेचते थे. इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि गरीब परिवार की बच्चियों के माता-पिता को अपने शिकंजे में लेकर पहले तो उन्हें कर्जदार बनाया जाता था और फिर कर्ज न चुकाने की सूरत में उनकी बेटियों की नीलामी कराई जाती थी.

आरोप यह भी है कि जातीय पंच भी इसमें शामिल थे, क्योंकि ऐसे मामलों में पंचों को हर डील में कमीशन मिलता था. पंचायत से जुड़े एजेंटों ने गांव में आलीशान कोठियां बनवा रखी हैं.

Last Updated : Oct 29, 2022, 2:17 PM IST
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