जयपुर. राजधानी में स्थानीय बदमाशों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई तो अब वे वारदातों के लिए नई तरकीब निकाल रहे हैं. जयपुर के बदमाश अब बाहर के बदमाशों को यहां बुलाकर पार्टनरशिप में अपराध करवा रहे हैं. बाहर के बदमाश राजधानी में वारदात को अंजाम दे रहे हैं और उन्हें शिकार की जानकारी देने से लेकर संसाधन मुहैया करवाने और ठहरने तक का इंतजाम स्थानीय बदमाश कर रहे हैं. यहां तक कि किसे शिकार बनाने पर बड़ी रकम हाथ लग सकती है, यह जानकारी भी जयपुर के बदमाश बाहरी बदमाशों को मुहैया करवा रहे हैं.
बीते कुछ दिनों में जयपुर में हुई वारदातों की पड़ताल में यह बात निकल कर सामने आई है. दरअसल, राजधानी के कोतवाली थाना इलाके में गत 30 जून को एक व्यक्ति को बातों में उलझाकर स्कूटी की डिग्गी से 17.34 लाख रुपए की लूट की पुलिस ने पड़ताल की, तो सामने आया कि जयपुर के नाहरगढ़ थाने के हिस्ट्रीशीटर इंद्र कुमार हरवानी ने गुजरात की छारा गैंग के बदमाशों को बुलाकर न केवल उनके ठहरने का इंतजाम किया, बल्कि शिकार के बारे में जानकारी भी मुहैया करवाई. इसके बाद छारा गैंग के बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया. जबकि सांगानेर इलाके में प्रॉपर्टी कारोबारी पर फायरिंग की वारदात में भी स्थानीय बदमाश भावेश ने हिसार के गैंगस्टर सुरेश ढंढोरिया को बुलाया और 1 करोड़ की फिरौती वसूलने की साजिश रची. जिसमें 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी तय हुई थी.
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लूट का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, चार अन्य फरारः अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (जयपुर, उत्तर) धर्मेंद्र सागर ने बताया कि 30 जून को पटेल जितेंद्र कुमार को बातों में उलझाकर स्कूटी की डिग्गी से 17.34 लाख रुपए लूटने की वारदात के बाद पुलिस ने पड़ताल की, तो सामने आया कि नाहरगढ़ इलाके के हिस्ट्रीशीटर इंद्र कुमार हरवानी द्वारा बदमाशों की मदद की है. इसके बाद अहमदाबाद से वारदात के मुख्य आरोपी विशाल विक्रम भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो सामने आया कि इंद्र कुमार ने उसे जयपुर बुलाया था और शिकार के बारे में जानकारी और रैकी के लिए संसाधन मुहैया करवाए थे. इस मामले में जयपुर निवासी इंद्र कुमार हरवानी, अहमदाबाद निवासी वीनू चार्य, नीलेश उर्फ काली और बंटी राजेश इन्द्रेकर तलाश में पुलिस जुटी हुई है. जबकि विशाल विक्रम भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
भावेश ने हिसार के गैंगस्टर को बुलायाः सांगानेर इलाके में प्रॉपर्टी कारोबारी गणेश जाट से बदला लेने और एक करोड़ रुपए की फिरौती वसूलने के लिए जयपुर के भावेश ने हिसार के गैंगस्टर सुरेश ढंढोरिया को बुलाया. इसके बाद रैकी कर सुरेश और उसके साथी गणेश के ऑफिस पहुंचे और फिरौती मांगी. गणेश ने एक करोड़ रुपए नहीं होने की बात कही, तो बदमाश उसे गोली मारने के बाद कार लूटकर फरार हो गए. पुलिस ने भावेश और उसके तीन साथियों को पकड़कर पूछताछ की, तो इस कहानी की सारी परतें खुलती गईं. हालांकि, गैंगस्टर और उसके तीन साथी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है.