जयपुर. अजमेर उत्तर से भारतीय जनता पार्टी के लिए लगातार तीन दशक से जीत का परचम लहराने वाले वासुदेव देवनानी अब राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष होंगे. मंगलवार को हाई कमान की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, संतोष तावड़े और सरोज पांडे की मौजूदगी में देवनानी की नई भूमिका का ऐलान किया गया. जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी जिसमें विधायकों संग बात की गई. इसी के बाद राजस्थान के सीएम के तौर पर भजनलाल शर्मा के नाम पर मुहर लगी.
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी दो डिप्टी सीएम नियुक्त किए गए हैं. दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है.अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी को स्पीकर बनाया गया है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने वासुदेव देवनानी से विशेष बातचीत की और चंद सवालों के जवाब जानने का प्रयास किया. सवाल जवाब के दौर में देवनानी ने विधानसभा के संचालन मौजूदा पद को लेकर उम्मीदें और विचारधारा से जुड़े सवालों पर बात की.
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सदन के सशक्त संचालन पर रहेगा जोर: ईटीवी भारत में वासुदेव देवनानी से पूछा कि क्या उन्हें इस पद को लेकर पहले से इशारा मिला हुआ था और क्या उनकी उम्मीदें इसी मुताबिक थी. इस सवाल के जवाब में देवनानी ने खुद को अनुशासित पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में बताते हुए कहा कि हमेशा से संगठन की ओर से भूमिका तय की जाती है और अनुशासित कार्यकर्ता उसका निर्वहन करते हैं. इस बार संगठन ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाकर नई जिम्मेदारी सौंपी है और वह अपना प्रयास शत प्रतिशत करेंगे. भविष्य में सदन चलाने के सवाल पर देवनानी ने कहा कि वह पूर्व अध्यक्ष से बातचीत करके मार्गदर्शन लेंगे. देवनानी ने भरोसा जताया कि वे पक्ष और विपक्ष को साथ लेकर सार्थक बहस हो इसका पूरी तरह से प्रयास करेंगे. देवनानी ने कहा कि सबके बीच समन्वय बनाकर सदन को ज्यादा से ज्यादा चलाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि सदन को चलाने के लिए वह राजस्थान की गौरवपूर्ण परंपरा का ख्याल रखेंगे.
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संघ की भूमिका पर टाल गए जवाब: राजस्थान भाजपा की नई टीम के नए चेहरों को लेकर जब वासुदेव देवनानी से संघ पृष्ठभूमि के नेताओं को तवज्जो मिलने से जुड़े सवाल पर कहा कि कि नई टीम के सभी लोग भाजपा की विचारधारा के हैं और भाजपा की विचारधारा राष्ट्रवाद की है और राष्ट्रवाद की विचारधारा के आधार पर ही प्रदेश को चलाया जाएगा.