जयपुर: राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर का मामला उठा. इस पर सरकार ने साफ कर दिया कि अभी थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों की कोई मंशा नहीं. उनके तबादलों पर रोक यथावत रहेगी. इसके साथ ही प्रश्नकाल में कालीबाई भील और देवनारायण योजना में स्कूटी वितरण, लखपति दीदी योजनाओं के तहत महिलाओं को रोजगार देने, जिला मुख्यालयों पर महिलाओं के हॉस्टल, प्रदेश में भिखारियों के पुनर्वास की योजना सहित कई मुद्दे उठे, जिस पर सरकार घिरी हुई दिखी.
बगरू के विधायक कैलाश वर्मा ने विधानसभा में सवाल पूछा कि क्या सरकार शिक्षकों के स्थानांतरण करने का विचार रखती है? इसके जवाब में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि प्रशासनिक विभाग में स्थानांतरण पर रोक लगी है. प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले फिलहाल नहीं होंगे. शैक्षिक संगठनों से सुझाव आमंत्रित कर विमर्श कर ट्रांसफर की नीति बनाई जा रही है. उसके बाद ही सरकार आगे कदम उठाएगी.
दिलावर ने कहा कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के वर्ष 2012 के बाद स्थानांतरण नहीं किए गए हैं. इस पर विधायक कैलाश वर्मा ने कहा पिछले 6 साल में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं होने से हजारों शिक्षक गृह जिले से बाहर काम कर रहे हैं. विधायक ने पूछा कि क्या सरकार ग्रीष्मकालीन अवकाश में इन शिक्षकों ट्रांसफर का विचार रखती है? इसके जवाब में मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अभी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर मंत्रिमंडल में विचार होना प्रस्तावित है.
आचार संहिता ने रोकी स्कूटी वितरण: प्रश्नकाल के दौरान विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कालीबाई भील एवं देवनारायण मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के तहत वर्ष 2021-22 से 2024 तक चयनित छात्राओं की सूची की जानकारी मांगी तो उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि कोविड के कारण स्कूटी वितरण प्रक्रिया बाधित हो गई थी. उसके बाद लोकसभा चुनाव आचार संहिता लग गई. इन कारणों के चलते वितरण में देरी हुई. इसके बाद दीप्ति किरण माहेश्वरी ने पूछा कि राजसमंद में कितनी छात्राएं सिलेक्ट हुई है और कितनों को देना बकाया है. देरी का मुख्य कारण क्या है? बैरवा ने कहा कि राजसमंद में 92 चयनित की गई थी. इनमें 68 बालिकाओं को स्कूटी वितरित की गई. पिछली सरकार ने एक भी स्कूटी नहीं बांटी. वर्तमान सरकार ने 4800 स्कूटी बांट दी है.
स्कूटी का सवाल काफी गंभीर: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह सवाल काफी गंभीर है. हमारे समय में सितंबर में स्कूटी बांटनी थी, सितंबर में चुनाव आचार संहिता लगा गई. स्कूटी भी खड़ी है, बच्चों की लिस्ट भी जारी हो चुकी है. स्कूटी की हालत यह है कि उनके अंदर झाड़ियां उग आई है. बच्चियों का क्या दोष है, जिनको अभी तक स्कूटी नहीं मिली?. इनकी वजह से देरी हुई उनके खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं या नहीं चाहते? इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा 1437 स्कूटी है जो आपकी सरकार ने नहीं बांटी थी. वेंडर के खिलाफ जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी.
लखपति दीदी पर हंगामा: विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान लखपति दीदी योजना को लेकर कांग्रेस विधायक रफीक खान के सवाल पर उस समय हंगामा हो गया. जब पंचायत राज मंत्री ओटाराम देवासी ने आंकड़े पेश किए. रफीक ने आपत्ति दर्ज कराई कि मंत्री ने सही आंकड़े पेश नहीं किए. सरकार आंकड़े छुपा रही है. सवाल किया गया है, उसका जवाब नहीं दिया जा रहा है. इसी बात पर सदर में कुछ देर पक्ष - विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक चलती रही. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल खड़े हुए.उन्होंने रफीक खान के आरोपों पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा के सदस्य ने सरकार और अधिकारियों पर आरोप लगाया है. वह अपने बयान को साबित करें नहीं तो सदन में माफी मांगे. इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से नोंकझोंक शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ने मध्यस्थता करते हुए मामले को शांत कराया. उन्होंने सरकार और अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों के शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटवा दिया.