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अब बीमार नवजात नहीं होंगे जयपुर रैफर, शाहपुरा में शुरू हुआ न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट

जयपुर के शाहपुरा के लोगों के लिए बड़ी खुशखबर है. अब बीमार नवजात शिशु उपचार के लिए जयपुर रैफर नहीं होंगे. ऐसे नवजात को कस्बे के राजकीय अस्पताल में ही उपचार की सुविधा मिल सकेगी. यहां राजकीय अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई विंग में बंद पड़ी न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट को शुरू किया गया है. जिससे समय से पहले जन्म लेने वाले, कम वजनी, पीलिया रोग से ग्रसित और संक्रमित नवजात के उपचार की यहीं सुविधा मिल सकेगी.

Neonatal Treatment in Shahpura, शाहपुरा के शुरू होगी न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट
शाहपुरा के शुरू होगी न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट
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Published : Jan 30, 2021, 3:58 PM IST

शाहपुरा (जयपुर). क्षेत्र के राजकीय अस्पताल से बीमार नवजात शिशु उपचार के लिए जयपुर रैफर नहीं होंगे. ऐसे नवजात को कस्बे के राजकीय अस्पताल में ही उपचार की सुविधा मिल सकेगी. सरकार के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत कस्बे के राजकीय अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई विंग में बंद पड़ी न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट को शुरू किया गया है. जिससे समय से पहले जन्म लेने वाले, कम वजनी, पीलिया रोग से ग्रसित और संक्रमित नवजात के उपचार की यहीं सुविधा मिल सकेगी.

शाहपुरा के शुरू होगी न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट

यह यूनिट 24 घंटे कार्य करेगी. यूनिट में 24 घंटे स्टाफ की तैनाती के बाद इसे शुरू कर दिया गया है, जिससे अब बीमार नवजात बच्चों को इलाज के लिए जयपुर रेफर नहीं करना पड़ेगा. इस यूनिट के पूर्णतया शुरू करने से नवजात के उपचार की सुविधा यहीं मिल सकेगी, वहीं, नवजात मृत्यु दर में भी कमी आएगी. हालांकि अस्पताल में मातृ शिशु विंग में नवजात बच्चों के उपचार के लिए मशीनें सहित अन्य संसाधन पहले से मौजूद थे, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी और 24 घंटे के लिए स्टाफ उपलब्ध नहीं होने से यह यूनिट बंद पड़ी थी.

ऐसे में नवजात को जयपुर रैफर करना पड़ रहा था. अब क्षेत्रीय विधायक आलोक बेनीवाल ने अस्पताल प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल को इस यूनिट को पूर्णतया शुरू करने के निर्देश दिए. जिस पर अब विंग में 24 घंटे स्टाफ की तैनाती के बाद इसे शुरू कर दिया गया है. अस्पताल प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल ने बताया कि हर माह करीब 200 से 250 प्रसव होते हैं, जिनमें कुछ नवजात विभिन्न बीमारी से ग्रसित जन्म लेते हैं. ऐसे नवजात को रेडियेन्ट वार्मर मशीन में रखने की आवश्यकता होती है. अब इस यूनिट के 24 घंटे कार्य करने से 9 माह पूर्व जन्म लेने वाले नवजात, संक्रमण वाले शिशु, पीलिया रोग से ग्रसित शिशु, कम वजन वाले शिशु का यहीं उपचार संभव हो सकेगा.

पढ़ें- कोल्हापुर में दूसरों के लिए उदल सिंह तो गर्लफ्रेंड के लिए मान सिंह था 'पपला'

उनको जयपुर रैफर नहीं करना पड़ेगा. पहले एनबीएसयू यूनिट के अभाव में नवजात को इलाज के लिए जयपुर भेजना पड़ता था. यहां शिशु को गर्म रखने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. अब यह सुविधा शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में चार रेडियेन्ट वार्मर मशीनें उपलब्ध है. जिससे एक साथ 4 नवजात भर्ती किए जा सकेंगे. पहले से उपलब्ध मशीनों को रिपेयर कराने और स्टाफ निुयक्त करने के बाद इस यूनिट को पूरी तरह से शुरू कर दिया गया है. अस्पताल प्रभारी डॉ. मुदगल ने बताया कि यूनिट में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. महेन्द्र कुमार मीणा और डॉ. महेन्द्र कुमार पलसानिया और मेल नर्स विनोद शर्मा सहित अन्य स्टाफ की 24 घंटे सुविधा रहेगा.

शाहपुरा (जयपुर). क्षेत्र के राजकीय अस्पताल से बीमार नवजात शिशु उपचार के लिए जयपुर रैफर नहीं होंगे. ऐसे नवजात को कस्बे के राजकीय अस्पताल में ही उपचार की सुविधा मिल सकेगी. सरकार के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत कस्बे के राजकीय अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई विंग में बंद पड़ी न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट को शुरू किया गया है. जिससे समय से पहले जन्म लेने वाले, कम वजनी, पीलिया रोग से ग्रसित और संक्रमित नवजात के उपचार की यहीं सुविधा मिल सकेगी.

शाहपुरा के शुरू होगी न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट

यह यूनिट 24 घंटे कार्य करेगी. यूनिट में 24 घंटे स्टाफ की तैनाती के बाद इसे शुरू कर दिया गया है, जिससे अब बीमार नवजात बच्चों को इलाज के लिए जयपुर रेफर नहीं करना पड़ेगा. इस यूनिट के पूर्णतया शुरू करने से नवजात के उपचार की सुविधा यहीं मिल सकेगी, वहीं, नवजात मृत्यु दर में भी कमी आएगी. हालांकि अस्पताल में मातृ शिशु विंग में नवजात बच्चों के उपचार के लिए मशीनें सहित अन्य संसाधन पहले से मौजूद थे, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी और 24 घंटे के लिए स्टाफ उपलब्ध नहीं होने से यह यूनिट बंद पड़ी थी.

ऐसे में नवजात को जयपुर रैफर करना पड़ रहा था. अब क्षेत्रीय विधायक आलोक बेनीवाल ने अस्पताल प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल को इस यूनिट को पूर्णतया शुरू करने के निर्देश दिए. जिस पर अब विंग में 24 घंटे स्टाफ की तैनाती के बाद इसे शुरू कर दिया गया है. अस्पताल प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल ने बताया कि हर माह करीब 200 से 250 प्रसव होते हैं, जिनमें कुछ नवजात विभिन्न बीमारी से ग्रसित जन्म लेते हैं. ऐसे नवजात को रेडियेन्ट वार्मर मशीन में रखने की आवश्यकता होती है. अब इस यूनिट के 24 घंटे कार्य करने से 9 माह पूर्व जन्म लेने वाले नवजात, संक्रमण वाले शिशु, पीलिया रोग से ग्रसित शिशु, कम वजन वाले शिशु का यहीं उपचार संभव हो सकेगा.

पढ़ें- कोल्हापुर में दूसरों के लिए उदल सिंह तो गर्लफ्रेंड के लिए मान सिंह था 'पपला'

उनको जयपुर रैफर नहीं करना पड़ेगा. पहले एनबीएसयू यूनिट के अभाव में नवजात को इलाज के लिए जयपुर भेजना पड़ता था. यहां शिशु को गर्म रखने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. अब यह सुविधा शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में चार रेडियेन्ट वार्मर मशीनें उपलब्ध है. जिससे एक साथ 4 नवजात भर्ती किए जा सकेंगे. पहले से उपलब्ध मशीनों को रिपेयर कराने और स्टाफ निुयक्त करने के बाद इस यूनिट को पूरी तरह से शुरू कर दिया गया है. अस्पताल प्रभारी डॉ. मुदगल ने बताया कि यूनिट में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. महेन्द्र कुमार मीणा और डॉ. महेन्द्र कुमार पलसानिया और मेल नर्स विनोद शर्मा सहित अन्य स्टाफ की 24 घंटे सुविधा रहेगा.

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