चाकसू (जयपुर). सरकार की ओर से भले ही पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन की बात की जाती हो. लेकिन, सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों की लेट लतीफी और डेली अपडाउन की प्रवृति के कारण सरकारी दफ्तरों की दशा खराब है. सरकार की ओर से भले ही सुबह 9.30 बजे से शाम 6 बजे तक का कार्यालय समय निर्धारित किया हुआ है. लेकिन, कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान सामने आया है कि कई अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय से नदारद मिलते हैं. जिससे आम जनता को अपने कार्यो को लेकर परेशानी होती है.
ऐसा हीं मामला चाकसू नगरपालिका कार्यालय में देखने को मिला. जानकारी के मुताबिक यहां 15 कार्मिक नदारद मिले. जिसके बाद उपखंड अधिकारी ने ड्यूटी से गायब पाए जाने पर सभी कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पालिका पार्षद कविता गुर्जर, रामरतन शर्मा, परमजीत सिंह और सुरेन्द्र सांवरिया ने बताया कि वह अपने वार्ड के लोगों की समस्या और अन्य कार्यों को लेकर नगरपालिका कार्यालय पहुंचे तो कमरों पर ताले लगे हुए थे.
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अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय से नदारद थे. यहां घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई अधिकारी-कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे, तो पार्षदों ने उपखंड अधिकारी को फोन पर मामले की जानकारी दी. जिस पर उपखंड अधिकारी के तत्काल निर्देशन में तहसीलदार अशर्दीप बरार पालिका कार्यालय पहुंची. पार्षदों ने तहसीलदार को पालिका की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया. उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश सहारण ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ऑफिस समय पर ड्यूटी से गायब ईओ सहित 15 कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं.
फील्ड ड्यूटी का बहाना
कई अधिकारी जब कार्यालय में नहीं होते हैं और उनसे मोबाइल पर बात की जाती है तो वे फील्ड में होने की बात कहते हैं. जबकि नियमानुसार फील्ड में जाने से पहले उनको कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कर मूवमेंट बुक में फील्ड में जाने संबंधी जानकारी का अंकन करना होता है. बता दें की कोरोना महामारी में जहां सभी विभागो के कार्मिक आमजन की सेवा में जुटे हुए हैं. वहीं चाकसू नगरपालिका के कार्मिक कार्यालय से नदारद मिलने पर विभागीय स्तर पर बड़ी लापरवाही सामने आई है. जबकि सरकार के निर्देशानुसार मुख्यालय छोड़ने से पहले अपने उच्चाधिकारी से लिखित में अनुमति लेना जरूरी है.