जयपुर. जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं तो चुनावी मैदान में चुनाव लड़ने वाले प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के अलावा निर्दलीय और स्थानीय पार्टियों के उम्मीदवार भी भाग्य आजमाते हैं. इतना ही नहीं वे अपने आप को अलग दिखाने की कोशिश भी करते है. वे कभी कोई घोड़ी पर बैठकर आते हैं तो कभी ट्रैक्टर पर आते हैं.
दरअसल प्रत्याशी ऐसा कुछ करना चाहता है, जिसके जरिए लोगों का ध्यान उसकी तरफ आकर्षित हो. एक ऐसे उम्मीदवार जो सोमवार को जयपुर कलेक्ट्रेट में जयपुर शहर से लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने पहुंचे. जिन्होंने अपने गले में एक बैनर लटकाए हुए थे, जिसमें लिखा था कि 'मैं मूर्ख हूं मैं गधा हूं', जी हां सुनने में और पढ़ने में भले ही यह अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सही है. ये शख्सियत हैं राष्ट्रीय समता विकास पार्टी के उम्मीदवार त्रिलोक तिवाड़ी.
उम्मीदवार त्रिलोक पिछले 10 साल से आरक्षण के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. वे समाज में समानता की बात कर रहे हैं. लंबे समय से नंगे पैर घूम के लोगों को समानता का पाठ पढ़ा रहे हैं और आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन जब उनकी बात को किसी ने को खास तवज्जो नहीं दी. तब उन्होंने लोकसभा में चुनाव लड़ संसद में अपनी बात उठाने का मन बना लिया. इसीलिए त्रिलोक राष्ट्रीय समता पार्टी के बैनर पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं.
ऐसे में जब वे जयपुर जिला कलेक्टर नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे तो लोगों की नजरें उनके ऊपर थीं और हर किसी की जुबान पर और मन में एक ही सवाल था की इस उम्मीदवार ने अपने आप को गधा और मूर्ख क्यों बताया. लेकिन जब त्रिलोक से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे 10 साल से लोगों के बीच में अपनी बात रख रहे हैं. लेकिन उनके साथ कोई भी नहीं लग रहा है. ऐसे में उन्हें लगता है कि वह अपने आप को मूर्ख और गधा बताएंगे. तभी लोगों का ध्यान उनकी तरफ जाएगा और लोग उनकी बातों पर अमल करेंगे.