कोटपूतली (जयपुर). राष्ट्रीय शराबबंदी आंदोलन की अध्यक्ष और स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधू पूजा भारती छाबड़ा शुक्रवार को कोटपूतली पहुंची. जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार शराबबंदी के पक्ष में नहीं दिखती नजर आ रही है, यदि राजस्थान सरकार शराबबंदी के पक्ष में होती तो राजस्थान में शराब से इतनी मौतें नहीं हो रही होती.
पूजा छाबड़ा का कहना था कि कोरोना काल के चलते आंदोलन में कुछ कमी जरूर आई थी, लेकिन अब इस को सुचारू रूप से चलाया जाएगा और सरकार को शराबबंदी के लिए चेताया जाएगा. यदि राजस्थान सरकार शराबबंदी को लेकर इतनी संवेदनशील होती तो अभी हाल ही भरतपुर में हुई आठ मौतें और भीलवाड़ा में हुई पांच मौतें नहीं होती.
छाबड़ा ने यह भी कहा कि हम महिलाओं के मान और सम्मान के लिए शराबबंदी आंदोलन को लेकर चल रहे हैं, लेकिन हमारी भावनाओं के अनुरूप गहलोत सरकार नहीं चल पा रही है और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यदि राजस्थान का गांधी कहा जाता है, तो उनको गांधीवादी विचारधारा के चलते राजस्थान में महिलाओं की मान और सम्मान के लिए पूर्णतया अवैध में हथकढ़ शराब पर पाबंदी लगानी चाहिए.
पूजा छाबड़ा ने कहा कि कमेटी के मेंबर होने के नाते जल्द ही गुजरात जाऊंगी और गुजरात में शराबबंदी के मॉडल को देखते हुए की क्या गुजरात में पूर्णतया शराबबंदी है या नहीं, उसके पक्ष और विपक्ष को देखते हुए मुख्यमंत्री को रिपोर्ट भी पेश करेंगे.
किसान आंदोलन की बात को लेकर पूजा छाबड़ा का कहना था कि केंद्र सरकार को किसानों की भावनाओं को समझना चाहिए और जो तीनों काले कानून हैं, उनको समाप्त करना चाहिए, इसमें किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. किसानों के हित में जो आवश्यक कदम हो वो मोदी सरकार को उठाने चाहिए. किसान आंदोलन के दौरान 170 किसानों की हुई मौत को मैं उनकी शहादत कहती हूं और उन्हें सलाम करती हूं. कार्यक्रम के दौरान युवा रेवोलेशन के अध्यक्ष मनोज चौधरी सहित अनेक लोगों ने संबोधित किया.