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जयपुर में नेशनल दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन समारोह, विजेता टीम को किया गया सम्मानित

राजधानी जयपुर में आयोजित नेशनल दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन समारोह आयोजित किया गया. समारोह में विजेता टीम को सम्मानित किया गया. वहीं सम्मानित होने पर दिव्यांगों के चेहरों पर खुशी की झलक नजर आई.

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नेशनल दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन समारोह
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Published : Dec 3, 2019, 10:36 PM IST

जयपुर. शहर के आमेर में एक निजी विश्वविद्यालय में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के तत्वाधान में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ 29 नवंबर को किया गया था और मंगलवार को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर प्रतियोगिता का समापन हुआ. क्रिकेट प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न राज्यों से 8 टीमो ने भाग लिया.

नेशनल दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन समारोह

बता दें कि प्रतियोगिता में 13 खिलाड़ी ऐसे भी शामिल थे जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है. दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच तमिलनाडु और गुजरात दिव्यांग टीम के बीच खेला गया. साथ ही इस मुकाबले में पहले खेलते हुए गुजरात टीम ने निर्धारित ओवर में 136 रन बनाए जिसके जवाब में तमिलनाडु 67 रन पर ही ऑल आउट हो गई.

प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले को गुजरात टीम ने 67 रन से जीत लिया. वहीं आखिरी मुकाबले को देखने के लिए काफी संख्या में लोग महाराजा विनायक ग्लोबल यूनिवर्सिटी पहुंचे. इस प्रतियोगिता में रोजाना 20-20 ओवर के मैच खेले जा रहे थे. साथ ही समापन समारोह में आए हुए अतिथियों ने विजेता टीम को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. वहीं समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीना रहे.

पढ़ेंः जयपुर : शराब पिलाने के बाद दोस्तों ने ही अपहरण कर की सामूहिक ज्यादती, आरोपियों के करीब पहुंची पुलिस

उस दौरान क्रिकेट टीम के कप्तान और खिलाड़ियों सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों ने दिव्यांग खिलाड़ियों को शुभकामनाएं और बधाइयां देकर उनका उत्साहवर्धन किया. अतिथियों ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसले काबिले तारीफ है. सभी खिलाड़ियों ने एक सामान्य खिलाड़ी से भी बेहतर प्रदर्शन किया है.

पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीणा मुख्य अतिथि रहे-

मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीणा ने बताया कि गुजरात के टीम प्रतियोगिता में विजेता रही है. इस तरह का कार्यक्रम हम सभी के लिए बड़े सौभाग्य की बात है. साथ ही कहा कि आगे भी दिव्यांग भाइयों के लिए हमारे दरवाजे खुले रहेंगे. वह जब भी चाहे यहां आकर इस तरह का कार्यक्रम कर सकते है.

दिव्यांगों को सरकार के सहयोग की भी जरूरत है- केएल मीणा

मीणा ने कहा कि दिव्यांगों को सरकार के सहयोग की भी जरूरत है ऐसे में हर गांव और हर कस्बे का सर्वे होना चाहिए. जिसमें दिव्यांगों की सूची तैयार की जाए. इसके बाद मेडिकल एग्जामिनेशन करवाकर विकलांगता के स्वरूप की पहचान की जाए. हर एक की अलग-अलग कैटेगरी बनाई जाए और योजनाबद्ध तरीके से उनका पुनर्वास किया जाए.

पढ़ेंः जयपुर नगर निगम बंटवारे को लेकर दायर जनहित याचिकाएं खारिज

साथ ही उन्होंने बताया कि सन् 1981 में पाली जिले में कलेक्टर के पद पर रहते हुए यह प्रयास किया गया था. इस सराहनीय कार्य के लिए राज्य सरकार ने मुझे सम्मानित भी किया था. इसके बाद यह पूरे राजस्थान में लागू किया गया जिसके लिए सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए. जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े पैमाने पर चर्चा होने लगी. वहीं अब इसको एक योजनाबद्ध तरीके से करने की जरूरत है.

जयपुर. शहर के आमेर में एक निजी विश्वविद्यालय में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के तत्वाधान में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ 29 नवंबर को किया गया था और मंगलवार को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर प्रतियोगिता का समापन हुआ. क्रिकेट प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न राज्यों से 8 टीमो ने भाग लिया.

नेशनल दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन समारोह

बता दें कि प्रतियोगिता में 13 खिलाड़ी ऐसे भी शामिल थे जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है. दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच तमिलनाडु और गुजरात दिव्यांग टीम के बीच खेला गया. साथ ही इस मुकाबले में पहले खेलते हुए गुजरात टीम ने निर्धारित ओवर में 136 रन बनाए जिसके जवाब में तमिलनाडु 67 रन पर ही ऑल आउट हो गई.

प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले को गुजरात टीम ने 67 रन से जीत लिया. वहीं आखिरी मुकाबले को देखने के लिए काफी संख्या में लोग महाराजा विनायक ग्लोबल यूनिवर्सिटी पहुंचे. इस प्रतियोगिता में रोजाना 20-20 ओवर के मैच खेले जा रहे थे. साथ ही समापन समारोह में आए हुए अतिथियों ने विजेता टीम को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. वहीं समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीना रहे.

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उस दौरान क्रिकेट टीम के कप्तान और खिलाड़ियों सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों ने दिव्यांग खिलाड़ियों को शुभकामनाएं और बधाइयां देकर उनका उत्साहवर्धन किया. अतिथियों ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसले काबिले तारीफ है. सभी खिलाड़ियों ने एक सामान्य खिलाड़ी से भी बेहतर प्रदर्शन किया है.

पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीणा मुख्य अतिथि रहे-

मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीणा ने बताया कि गुजरात के टीम प्रतियोगिता में विजेता रही है. इस तरह का कार्यक्रम हम सभी के लिए बड़े सौभाग्य की बात है. साथ ही कहा कि आगे भी दिव्यांग भाइयों के लिए हमारे दरवाजे खुले रहेंगे. वह जब भी चाहे यहां आकर इस तरह का कार्यक्रम कर सकते है.

दिव्यांगों को सरकार के सहयोग की भी जरूरत है- केएल मीणा

मीणा ने कहा कि दिव्यांगों को सरकार के सहयोग की भी जरूरत है ऐसे में हर गांव और हर कस्बे का सर्वे होना चाहिए. जिसमें दिव्यांगों की सूची तैयार की जाए. इसके बाद मेडिकल एग्जामिनेशन करवाकर विकलांगता के स्वरूप की पहचान की जाए. हर एक की अलग-अलग कैटेगरी बनाई जाए और योजनाबद्ध तरीके से उनका पुनर्वास किया जाए.

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साथ ही उन्होंने बताया कि सन् 1981 में पाली जिले में कलेक्टर के पद पर रहते हुए यह प्रयास किया गया था. इस सराहनीय कार्य के लिए राज्य सरकार ने मुझे सम्मानित भी किया था. इसके बाद यह पूरे राजस्थान में लागू किया गया जिसके लिए सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए. जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े पैमाने पर चर्चा होने लगी. वहीं अब इसको एक योजनाबद्ध तरीके से करने की जरूरत है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी जयपुर में आयोजित नेशनल दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में विजेता टीम को सम्मानित किया गया। समारोह में सम्मानित होने पर दिव्यांगों के चेहरों पर खुशी की झलक नजर आई।


Body:आमेर में एक निजी विश्वविद्यालय में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के तत्वाधान में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ 29 नवंबर को किया गया था आज 3 दिसंबर विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर प्रतियोगिता का समापन हुआ। क्रिकेट प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न राज्यों से 8 टीमो ने भाग लिया। प्रतियोगिता में 13 खिलाड़ी ऐसे भी शामिल थे जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच तमिलनाडु और गुजरात दिव्यांग टीम के बीच खेला गया। इस मुकाबले में पहले खेलते हुए गुजरात टीम ने निर्धारित ओवर में 136 रन बनाए जिसके जवाब में तमिलनाडु 67 रन पर ही ऑल आउट हो गई। इस प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले को गुजरात टीम ने 67 रन से जीत लिया। वहीं आखिरी मुकाबले को देखने के लिए काफी संख्या में लोग महाराजा विनायक ग्लोबल यूनिवर्सिटी पहुंचे। इस प्रतियोगिता में रोजाना 20-20 ओवर के मैच खेले जा रहे थे। वही समापन समारोह में आए हुए अतिथियों ने विजेता टीम को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीना रहे। इसके साथ ही क्रिकेट टीम के कप्तान और खिलाड़ियों सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों ने दिव्यांग खिलाड़ियों को शुभकामनाएं और बधाइयां देकर उनका उत्साहवर्धन किया। अतिथियों ने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसले काबिले तारीफ है। सभी खिलाड़ियों ने एक सामान्य खिलाड़ी से भी बेहतर प्रदर्शन किया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी केएल मीणा ने बताया कि गुजरात के टीम प्रतियोगिता में विजेता रही है। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है यह हम सभी के लिए बड़े सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि आगे भी दिव्यांग भाइयों के लिए हमारे दरवाजे खुले रहेंगे। वह जब भी चाहे यहां आकर इस तरह का कार्यक्रम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को सरकार के सहयोग की भी जरूरत है ऐसे में हर गांव और हर कस्बे का सर्वे होना चाहिए जिसमें दिव्यांगों की सूची तैयार की जाए। इसके बाद मेडिकल एग्जामिनेशन करवाकर विकलांगता के स्वरूप की पहचान की जाए। हर एक की अलग-अलग कैटेगरी बनाई जाए और योजनाबद्ध तरीके से उनका पुनर्वास किया जाए। उन्होंने कहा कि सन 1981 में पाली जिले में कलेक्टर के पद पर रहते हुए यह प्रयास किया गया था। इस सराहनीय कार्य के लिए राज्य सरकार ने मुझे सम्मानित भी किया था। इसके बाद यह पूरे राजस्थान में लागू किया गया जिसके लिए सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए। जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े पैमाने पर चर्चा होने लगी। अब इसको एक योजनाबद्ध तरीके से करने की जरूरत है।

बाईट- केएल मीना, पूर्व आईएएस अधिकारी
बाईट- विशाल जेफ, प्रतियोगिता संरक्षक
बाईट- डॉ. विकास जेफ, अध्यक्ष, राजस्थान डेंटल काउंसिल
बाईट- डॉ. विक्रम गौतम, प्रतियोगिता कोऑर्डिनेटर
बाईट- डॉ. योगेश यादव, विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार



Conclusion:
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