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होलिका दहन का यह है शुभ मुहूर्त...ऐसे करें पूजा तो होगा ये लाभ - Muhurat

रंगों का त्योहार होली आने के साथ ही लोगों में खुशियां और उत्साह देखने को मिल रहा है. होलिका दहन का यह है शुभ मुहूर्त और उसकी पूजा से क्या लाभ होंगे जानिए

रंगों का त्योहार होली
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Published : Mar 20, 2019, 11:04 AM IST

जयपुर. त्योहार के आने से सभी का उत्साह बढ़ने लगा है. रंगों का त्योहार होली इस बार 20 मार्च और 21 मार्च का मनाया जाएगा. जिसके लिए क्या मुहूर्त रहेगा आइए बताते हैं.

देशभर में 20 मार्च को होली और 21 मार्च को धुलंडी मनाने के लिए लोग काफी उत्साहित देखे जा रहे है. शहर में हर तरफ रंगों के त्योहार होली के लिए तैयारियां की जा रही है. 2019 में बुधवार के दिन आने वाली होली का दहन चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में मनाया जाएगा. साथ ही 20 मार्च को रात 9 बजे तक भद्रा रहेगी. इससे होलिका दहन भद्रा के बाद नौ बजे करना ठीक होगा. माना जाता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है, लेकिन बुधवार के दिन होली का दहन करना लोगों के लिए काफी फलदाय रहेगा. ऐसे में सभी स्थानों पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
जानकारी के अनुसार भद्रा काल में होलिका दहन करने से उस क्षेत्र में अशुभ घटनाएं हो सकती हैं. वहीं, होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा का भद्रा रहित प्रदोष काल में करना चाहिए. इस बार सुबह 10 बजकर 48 मिनट से रात नौ बजे तक भद्रा रहेगी. इसलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा के बाद से मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
वहीं, दूसरे दिन गुरुवार को रंगों का पर्व धुलंडी मनाई जाएगी. 21 मार्च को स्नान और दान की पूर्णिमा भी है. भद्रा के बाद पूर्णिमा व्रत है. इसके अलावा चैत्र कृष्ण प्रारम्भ भी 21 मार्च से ही शुरू हो रहा है. रंगों के इस पर्व के आने से चारों ओर खुशियों का माहौल बना हुआ है. बाजार भी रंगों और पिचकारियों से अटे हुए हैं.

पूजा की विधि
होलिका दहन से पूर्व नारियल, सुपारी, जायफल और आठ गोमति चक्र लेकर गुलाबी रंग से होलिका का पूजन करें. हल्दी की गांठ, उपले, फलों, सब्जी आदि की माला बनाकर धारण करें. इसके बाद होलिका के चारों तरफ आठ दीए जलाएं और सभी सामग्री को होलिका के ऊपर अर्पण कर दें.

जयपुर. त्योहार के आने से सभी का उत्साह बढ़ने लगा है. रंगों का त्योहार होली इस बार 20 मार्च और 21 मार्च का मनाया जाएगा. जिसके लिए क्या मुहूर्त रहेगा आइए बताते हैं.

देशभर में 20 मार्च को होली और 21 मार्च को धुलंडी मनाने के लिए लोग काफी उत्साहित देखे जा रहे है. शहर में हर तरफ रंगों के त्योहार होली के लिए तैयारियां की जा रही है. 2019 में बुधवार के दिन आने वाली होली का दहन चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में मनाया जाएगा. साथ ही 20 मार्च को रात 9 बजे तक भद्रा रहेगी. इससे होलिका दहन भद्रा के बाद नौ बजे करना ठीक होगा. माना जाता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है, लेकिन बुधवार के दिन होली का दहन करना लोगों के लिए काफी फलदाय रहेगा. ऐसे में सभी स्थानों पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
जानकारी के अनुसार भद्रा काल में होलिका दहन करने से उस क्षेत्र में अशुभ घटनाएं हो सकती हैं. वहीं, होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा का भद्रा रहित प्रदोष काल में करना चाहिए. इस बार सुबह 10 बजकर 48 मिनट से रात नौ बजे तक भद्रा रहेगी. इसलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा के बाद से मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
वहीं, दूसरे दिन गुरुवार को रंगों का पर्व धुलंडी मनाई जाएगी. 21 मार्च को स्नान और दान की पूर्णिमा भी है. भद्रा के बाद पूर्णिमा व्रत है. इसके अलावा चैत्र कृष्ण प्रारम्भ भी 21 मार्च से ही शुरू हो रहा है. रंगों के इस पर्व के आने से चारों ओर खुशियों का माहौल बना हुआ है. बाजार भी रंगों और पिचकारियों से अटे हुए हैं.

पूजा की विधि
होलिका दहन से पूर्व नारियल, सुपारी, जायफल और आठ गोमति चक्र लेकर गुलाबी रंग से होलिका का पूजन करें. हल्दी की गांठ, उपले, फलों, सब्जी आदि की माला बनाकर धारण करें. इसके बाद होलिका के चारों तरफ आठ दीए जलाएं और सभी सामग्री को होलिका के ऊपर अर्पण कर दें.

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होलिका दहन का यह है शुभ मुहूर्त...ऐसे करें पूजा तो होगा ये लाभ

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जयपुर. त्योहार के आने से सभी का उत्साह बढ़ने लगा है. रंगों का त्योहार होली इस बार 20 मार्च और 21 मार्च का मनाया जाएगा. जिसके लिए क्या मुहूर्त रहेगा आइए बताते हैं.

देशभर में 20 मार्च को होली और 21 मार्च को धुलंडी मनाने के लिए लोग काफी उत्साहित देखे जा रहे है. शहर में हर तरफ रंगों के त्योहार होली के लिए तैयारियां की जा रही है. 2019 में बुधवार के दिन आने वाली होली का दहन चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में मनाया जाएगा. साथ ही 20 मार्च को रात 9 बजे तक भद्रा रहेगी. इससे होलिका दहन भद्रा के बाद नौ बजे करना ठीक होगा. माना जाता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है, लेकिन बुधवार के दिन होली का दहन करना लोगों के लिए काफी फलदाय रहेगा. ऐसे में सभी स्थानों पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. 

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 

जानकारी के अनुसार भद्रा काल में होलिका दहन करने से उस क्षेत्र में अशुभ घटनाएं हो सकती हैं. वहीं, होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा का भद्रा रहित प्रदोष काल में करना चाहिए. इस बार सुबह 10 बजकर 48 मिनट से रात नौ बजे तक भद्रा रहेगी. इसलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा के बाद से मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.

वहीं, दूसरे दिन गुरुवार को रंगों का पर्व धुलंडी मनाई जाएगी. 21 मार्च को स्नान और दान की पूर्णिमा भी है. भद्रा के बाद पूर्णिमा व्रत है. इसके अलावा चैत्र कृष्ण प्रारम्भ भी 21 मार्च से ही शुरू हो रहा है. रंगों के इस पर्व के आने से चारों ओर खुशियों का माहौल बना हुआ है. बाजार भी रंगों और पिचकारियों से अटे हुए हैं.

पूजा की विधि

होलिका दहन से पूर्व नारियल, सुपारी, जायफल और आठ गोमति चक्र लेकर गुलाबी रंग से होलिका का पूजन करें. हल्दी की गांठ, उपले, फलों, सब्जी आदि की माला बनाकर धारण करें. इसके बाद होलिका के चारों तरफ आठ दीए जलाएं और सभी सामग्री को होलिका के ऊपर अर्पण कर दें.

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