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सांसद किरोड़ी मीणा का मंत्री शांति धारीवाल पर बड़ा आरोप, कहा- चहेतों को बांटे बंगले

राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. मीणा ने गुरुवार को प्रताप नगर एनआरआई कॉलोनी में बंगला आवंटन, कब्जा और नियमों के विपरीत निर्माण (Kirori Lal Meena accused Shanti Dhariwal of scam) में उल्लंघन का आरोप लगाया.

Kirori Lal Meena accused Shanti Dhariwal of scam
Kirori Lal Meena accused Shanti Dhariwal of scam
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Published : May 25, 2023, 10:02 PM IST

सांसद किरोड़ी मीणा

जयपुर. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर राज्य की गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मीणा ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि NRI कॉलोनी में पुनर्निर्माण नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट के नाम पर मंत्री धारीवाल अपने चहेतों को बंगले आवंटित कर दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कौशल विकास व शिक्षा के नाम पर ये पूरा आवंटन किया गया, हालांकि, जिस उद्देश्य से मंत्री ने ये बेशकीमती जमीन आवंटित की, वो काम ही पूरा नहीं हुआ.

लगाए गंभीर आरोप - सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि हाउसिंग बोर्ड की राज आंगन योजना में धारीवाल ने अपने खास व्यक्ति अश्विनी को आरजी मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी कोटा को 2377.36 वर्गमीटर जमीन गलत ढंग से दे दी. जमीन की कीमत 45 करोड़ रुपए हैं. जबकि उसे मात्र 6 करोड़ 18 लाख रुपए में कौशल विकास संस्थान के नाम पर 2020 में आवंटित की गई थी, हालांकि बीते दो साल में उस बेशकीमती जमीन पर न तो कौशल केंद्र बने और न ही कोई विकास हुआ. उल्टे आवंटी ने वहां बंगला बना लिया. मीणा ने कहा कि सरकार ने अपने चहेतों को राज आंगन कॉलोनी में गलत तरीके से जमीन आवंटित की, जो अपने आप में एक बड़ा घोटाला है. उन्होंने कहा कि आज राजधानी में खुलेआम बंदरबाट चल रहा है.

इसे भी पढ़ें - Shekhawat Defamation Case: CM अशोक गहलोत की बढ़ सकती है मुश्किलें, दिल्ली पुलिस ने दाखिल की रिपोर्ट

नियम विरुद्ध हुआ आंवटन - मीणा का आरोप है कि इस जमीन को अलग संस्था में रजिस्ट्रेशन करवाकर आवंटन की कोशिश की गई, लेकिन वो पॉलिसी के नियमों में फिट नहीं हो रही थी, क्योंकि इसके लिए 2500 मीटर की भूमि होना जरूरी था. ऐसे में इसे बदलकर वापस कौशल विकास में लगाकर आवंटन करा लिया गया. जमीन के आवंटन के लिए 12 मार्च, 2020 को आवेदन की फाइल लगाई गई थी. इसके बाद 20 मार्च 2020 को नोटशीट पर एक ही दिन में विभिन्न अधिकारियों ने 20 हस्ताक्षर किए.

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सवाल उठता है कि ऐसी भी क्या जल्दबाजी थी कि एक नोटशीट पर एक साथ 20 हस्ताक्षर करवाए गए. इसके 45 दिन बाद एक दिन में खास अधिकारियों की मीटिंग के बाद 13 मई, 2020 को बाकी हस्ताक्षर कराए गए. किरोड़ी लाल मीणा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस जमीन के आवंटन में सात दिन बाद वो फाइल शांति धारीवाल के पास भेज दी गई. उनकी ओर से नोटशीट पर लिखा गया कि Not Allow नोटशीट अवलोकनार्थ संलग्न है. एक महीने बाद ही 12 जून, 2020 को जमीन को धारीवाल ने आवंटित कर दिया. इसका क्या मतलब है ?

सरकार की शह पर गेस्टहाउस पर कब्जा - सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि सरकार के नौकरशाह नीरज के पवन जो की पूर्व में हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन थे, उन्होंने NRI कॉलोनी में बने गेस्टहाउस पर कब्जा किया हुआ है. जिसका मेंटेनेंस से लेकर बिजली का बिल तक हाउसिंग बोर्ड भर रहा है. वहीं, उन्होंने सीएम गहलोत से इस बड़े घोटाले की अविलंब जांच की मांग की है, ताकि आरोपी के बारे में पता चल जाए और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

आगे उन्होंने मंत्री धारीवाल को भ्रष्ट मंत्री करार देते हुए कहा कि उन्हें बिना देर किए पद से हटाने की जरूरत है. मीणा ने कहा कि जिस जगह को हाउसिंग बोर्ड के बड़े अधिकारी के ऐशो आराम व बैठक के लिए बनाया गया है, वहां आए दिन पार्टियां चलती है. साथ ही हाउसिंग बोर्ड के सभी नियमों को ताक पर रखकर NRI के एरिया में मुख्य सड़क की ओर बंगलों के गेट निकाले गए हैं.

सांसद किरोड़ी मीणा

जयपुर. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर राज्य की गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मीणा ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि NRI कॉलोनी में पुनर्निर्माण नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट के नाम पर मंत्री धारीवाल अपने चहेतों को बंगले आवंटित कर दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कौशल विकास व शिक्षा के नाम पर ये पूरा आवंटन किया गया, हालांकि, जिस उद्देश्य से मंत्री ने ये बेशकीमती जमीन आवंटित की, वो काम ही पूरा नहीं हुआ.

लगाए गंभीर आरोप - सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि हाउसिंग बोर्ड की राज आंगन योजना में धारीवाल ने अपने खास व्यक्ति अश्विनी को आरजी मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी कोटा को 2377.36 वर्गमीटर जमीन गलत ढंग से दे दी. जमीन की कीमत 45 करोड़ रुपए हैं. जबकि उसे मात्र 6 करोड़ 18 लाख रुपए में कौशल विकास संस्थान के नाम पर 2020 में आवंटित की गई थी, हालांकि बीते दो साल में उस बेशकीमती जमीन पर न तो कौशल केंद्र बने और न ही कोई विकास हुआ. उल्टे आवंटी ने वहां बंगला बना लिया. मीणा ने कहा कि सरकार ने अपने चहेतों को राज आंगन कॉलोनी में गलत तरीके से जमीन आवंटित की, जो अपने आप में एक बड़ा घोटाला है. उन्होंने कहा कि आज राजधानी में खुलेआम बंदरबाट चल रहा है.

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नियम विरुद्ध हुआ आंवटन - मीणा का आरोप है कि इस जमीन को अलग संस्था में रजिस्ट्रेशन करवाकर आवंटन की कोशिश की गई, लेकिन वो पॉलिसी के नियमों में फिट नहीं हो रही थी, क्योंकि इसके लिए 2500 मीटर की भूमि होना जरूरी था. ऐसे में इसे बदलकर वापस कौशल विकास में लगाकर आवंटन करा लिया गया. जमीन के आवंटन के लिए 12 मार्च, 2020 को आवेदन की फाइल लगाई गई थी. इसके बाद 20 मार्च 2020 को नोटशीट पर एक ही दिन में विभिन्न अधिकारियों ने 20 हस्ताक्षर किए.

किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सवाल उठता है कि ऐसी भी क्या जल्दबाजी थी कि एक नोटशीट पर एक साथ 20 हस्ताक्षर करवाए गए. इसके 45 दिन बाद एक दिन में खास अधिकारियों की मीटिंग के बाद 13 मई, 2020 को बाकी हस्ताक्षर कराए गए. किरोड़ी लाल मीणा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस जमीन के आवंटन में सात दिन बाद वो फाइल शांति धारीवाल के पास भेज दी गई. उनकी ओर से नोटशीट पर लिखा गया कि Not Allow नोटशीट अवलोकनार्थ संलग्न है. एक महीने बाद ही 12 जून, 2020 को जमीन को धारीवाल ने आवंटित कर दिया. इसका क्या मतलब है ?

सरकार की शह पर गेस्टहाउस पर कब्जा - सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि सरकार के नौकरशाह नीरज के पवन जो की पूर्व में हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन थे, उन्होंने NRI कॉलोनी में बने गेस्टहाउस पर कब्जा किया हुआ है. जिसका मेंटेनेंस से लेकर बिजली का बिल तक हाउसिंग बोर्ड भर रहा है. वहीं, उन्होंने सीएम गहलोत से इस बड़े घोटाले की अविलंब जांच की मांग की है, ताकि आरोपी के बारे में पता चल जाए और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

आगे उन्होंने मंत्री धारीवाल को भ्रष्ट मंत्री करार देते हुए कहा कि उन्हें बिना देर किए पद से हटाने की जरूरत है. मीणा ने कहा कि जिस जगह को हाउसिंग बोर्ड के बड़े अधिकारी के ऐशो आराम व बैठक के लिए बनाया गया है, वहां आए दिन पार्टियां चलती है. साथ ही हाउसिंग बोर्ड के सभी नियमों को ताक पर रखकर NRI के एरिया में मुख्य सड़क की ओर बंगलों के गेट निकाले गए हैं.

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