जयपुर. राजधानी जयपुर में दो शव अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे हैं. मृतक रामप्रसाद मीणा का शव घर में तो वहीं संजय पांडेय का शव एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है. चांदी की टकसाल पर रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले को शुक्रवार को 5 दिन हो गए, लेकिन पांचवें दिन भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. परिजन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं तो वहीं कानोता इलाके में 19 अप्रैल को संजय पांडेय ने सुसाइड कर लिया था. जिसका शव एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आमतौर पर देखने को मिलता है कि लोग डेड बॉडी लेकर बैठ जाते हैं और आर्थिक पैकेज मांगते हैं. लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं. हमने तय किया है कि आमजन से इकट्ठा करके पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए सहायता राशि देंगे.
उन्होंने कहा कि हम सरकार के सामने भीख नहीं मांगना चाहते हैं. ऐसी घटनाएं बहुत होती रहती है. बात यह है कि श्री गिरधारी जी का मंदिर करीब 300 साल पुराना मंदिर है. लेकिन मंदिर की जगह पर होटल बनाया गया था. मंदिर के पीछे 84 वर्ग फीट का रामप्रसाद मीणा का मकान था. जिसका नगर निगम से वर्ष 2017 में पट्टा मिला था. बिना परमिशन चार मंजिला होटल तो बन गई और फिर अवैध होटल को तोड़ भी दिया गया. वहीं, सांसद मीणा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने ही रामप्रसाद मीणा को मरने पर मजबूर किया.
मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, होटल अवैध होने की सूरत में उसे ध्वस्त कर दिया गया. फिलहाल एफआईआर में जिनके नाम है, चाहे वो कितने भी बड़े व्यक्ति हो सब को गिरफ्तार करो. उन्होंने आगे कहा कि परकोटे की सुंदरता को नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी खराब कर रहे हैं. ऐसे में नगर निगम और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
इसे भी पढ़ें - रामप्रसाद आत्महत्या मामला : सतर्कता शाखा के CI नीरज तिवाड़ी निलंबित, मृतक की पत्नी को डेयरी बूथ और एक सदस्य को नौकरी
राजनीति के सवाल पर बोले किरोड़ी माणी - मामले के सियासीकरण के सवाल पर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वो राजनीतिक लाभ लेने के लिए आंदोलन नहीं कर रहे हैं. पिछले दिनों वीरांगना अपनी समस्याओं को लेकर उनके पास आई थीं. उस समय भी कोई बहुत बड़ी मांग नहीं थी कि मुख्यमंत्री वीरांगनाओं से नहीं मिले. वीरांगनाएं 10 दिनों तक धरने पर बैठी रही, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी एक न सुनी.
सीएम पर मीणा का हमला - वहीं, महिलाओं की गर्दन मरोड़ कर उन्हें धरना स्थलों से भगाया गया, जो एक लोकतांत्रिक देश में नहीं होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से अब भी हमारी यही मांग है कि भरतपुर में जुनेद और नासिर से मिलने जा सकते हैं तो यहां रामप्रसाद के परिजनों से क्यों नहीं मिल सकते हैं. 5 दिन से शव पड़ा है, यहां पर भी आकर परिवारजनों को सांत्वना देना चाहिए. राजनीति तो तब होती जब कोई भाजपा का झंडा लगाता या नारे लगाता.
बता दें कि रामप्रसाद मीणा ने 17 अप्रैल को सुसाइड किया था. सुसाइड करने से पहले उसने एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें मंत्री महेश जोशी समेत करीब 8 लोगों पर आरोप लगाए गए थे. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है, लेकिन फिलहाल गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं, परिजन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 5 दिनों से धरने पर बैठे हैं.
परिजनों का कहना है कि मांगे पूरी होने पर ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं, जयपुर के कानोता थाना इलाके में 19 अप्रैल को संजय पांडेय ने सुसाइड कर लिया था. जिसने मरने से पहले एक ऑडियो सुसाइड नोट बनाया था. जिसमें मृतक ने एक शब्बीर नाम के व्यक्ति पर आरोप लगाए हैं. साथ ही आरोपी की विधायक रफीक खान से नजदीकी की भी बात कही थी.
वहीं, परिजन अपने विभिन्न मांगों को लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. परिजनों के साथ भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा समेत कई भाजपा नेता भी धरने पर बैठ हैं. हालांकि, पुलिस प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलने के बाद शनिवार तक धरना स्थगित कर दिया गया.