शिमला/जयपुर. हिमाचल कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह पर उनकी पत्नी सुदर्शना चूंडावत ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है. सुदर्शना ने विक्रमादित्य सिंह के साथ उनके परिजनों पर भी प्रताड़ना का आरोप लगाया है. अब राजस्थान के उदयपुर के एडिशनल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी यानी एडिशनल सीजेएम की अदालत ने विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. आज मामले में सुनवाई रखी गई है.
विक्रामादित्य सिंह पर आरोप- अदालत ने विक्रमादित्य सिंह के अलावा प्रतिवादियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. सभी प्रतिवादियों को 14 दिसंबर यानी आज अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है. सुदर्शना चूंडावत ने घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम की धारा 20 के तहत उदयपुर कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी. सुदर्शना ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि विवाह के बाद वो अपने ससुराल शिमला आई और कुछ ही समय बाद उसके साथ मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना की जाने लगी.
2019 में हुआ था विवाह- शिकायत में कहा गया कि उसका विवाह विधायक विक्रमादित्य सिंह के साथ 8 मार्च 2019 को हुआ था. ये विवाह हिंदू रीति रिवाज से राजस्थान के कणोता गांव में हुई थी. शादी के बाद वो ससुराल में आ गई. यहां उसके साथ प्रताड़ना शुरू हो गई. शिकायत के अनुसार विधायक के परिवार ने उसके परिजनों यानी सुदर्शना के रिश्तेदारों को शिमला बुलाकर उसे जबरन उदयपुर भेजने का आरोप है. सुदर्शना ने अपनी शिकायत में अदालत से आग्रह किया है कि उसके ससुराल वालों को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना न करने के लिए कहा जाए. साथ ही उसे अलग से रहने के लिए मकान की व्यवस्था करने के आदेश भी पारित किए जाएं.
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विक्रमादित्य सिंह का राजनीतिक सफर- बता दें, विक्रमादित्य सिंह का राजनीतिक सफर 2013 में शुरू हुआ. 2013 में वे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जुड़े और उन्हें युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया. 2017 तक विक्रमादित्य इस पद पर रहे. विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. 2021 में उनका निधन हो गया. विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. इस साल मंडी लोकसभा उपचुनाव में वीरभद्र की पत्नी और रानी प्रतिभा सिंह ने बीजेपी को हराया था. वहीं, विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की जीत के बाद प्रतिभा सिंह भी सीएम की रेस में शामिल थीं.