जयपुर. सचिन पायलट के दिल्ली में 25 सितंबर को विधायक दल के समानांतर बैठक बुलाने और इस्तीफों का दबाव बनाने वाले नेताओं पर जल्द कार्रवाई की मांग कर एक बार फिर शांत पड़ी राजस्थान की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. सचिन पायलट के बाद अब पायलट कैंप के विधायक भी आक्रामक हो गए हैं. पायलट कैंप के विधायक वेद सोलंकी ने कहा कि अब विधायकों की इच्छा क्या है, यह बात नहीं बची. क्योंकि अब चुनावी साल है. चुनावी साल में जनता की इच्छा क्या है. उसके अनुसार आलाकमान को निर्णय लेना चाहिए और जनता की इच्छा यह है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए.
वेद सोलंकी ने कहा कि अगर विधायकों की संख्या देखनी है, तो आलाकमान दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाकर सभी से वन टू वन चर्चा कर ले. किसके साथ कितने विधायक हैं, यह सामने आ जाएगा. तो वहीं वेद सोलंकी ने राजस्थान के बजट को लेकर कहा कि अगर बजट और योजनाओं के सहारे ही सरकार रिपीट होती, तो फिर 1998 में सरकार बनने पर किए गए अकाल राहत के काम और 2013 में मुफ्त इलाज जैसी बेहतरीन योजनाओं के बाद उस समय सरकार रिपीट होनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब भी अगर सरकार प्रदेश में रिपीट करवानी है, तो जनता जिन सचिन पायलट को मुख्यमंत्री देखना चाहती है, उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए.
बीच में लटकाने से होता है कांग्रेस को नुकसान: वेद सोलंकी ने कहा चाहे समानांतर बैठक बुलाने की बात हो या फिर विधायकों पर इस्तीफों के लिए किसका दबाव था, उसकी जांच होनी चाहिए. सोलंकी ने कहा कि हम तो कांग्रेस आलाकमान के सामने बात रखने के लिए 2020 में मानेसर गए थे, लेकिन उस समय हमें षड्यंत्रकारी कहा गया और हमें दोषी ठहराते हुए हमारे ऊपर कार्रवाई भी की गई. लेकिन अब तो आलाकमान खुद यहां बैठा था, जिसने पूरी घटना अपनी आंखों से देखी कि पहली बार हिंदुस्तान में कांग्रेस के आलाकमान को किसी ने आंख दिखाई. समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाई और उसके बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई.
पढ़ें: Mission 2023: राजस्थान भाजपा के सामने प्रधानमंत्री का चेहरा, मोदी ने प्रदेश में संभाल लिया मोर्चा
वेद सोलंकी ने कहा ऐसा करने वालों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं होने से कांग्रेस कार्यकर्ता निराश हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो आलाकमान को यह कहना चाहिए कि उन्हें क्लीन चिट मिल गई है. वेद सोलंकी ने कहा कि दोषियों पर अगर कार्रवाई हुई है तो उसे सामने रखना चाहिए. अगर दंड देना है तो तत्काल दंड दें और क्लीनचिट देनी है तो भी तत्काल दें. ताकि दुविधा की स्थिति नहीं बने. जब दुविधा और मझदार की स्थिति बनती है, तो हमेशा कांग्रेस को नुकसान होता है.
पायलट ने साधी चुप्पी, अब 20 को गंगानगर में सभा पर सबकी नजर: सचिन पायलट ने अब इस मामले में पूरी तरीके से चुप्पी साध ली है. मीडिया से वह इस बारे में कोई बात नहीं कर रहे हैं. आज पायलट आवास पर पहुंचकर भले ही खिलाड़ी लाल बैरवा और वेद सोलंकी ने अपनी बात रखी हो, लेकिन सचिन पायलट ने उनसे मिलने आए कार्यकर्ताओं से मुलाकात तो की, लेकिन मीडिया के सामने चुप्पी साध ली. अब हर किसी की नजर सचिन पायलट के 20 फरवरी को होने वाले गंगानगर दौरे पर है, जहां वह दलित समाज के कार्यक्रम में शामिल होंगे और सभा को संबोधित करेंगे.
आपको बता दें कि पायलट से मुलाकात करने गुरुवार को विधायक रामनिवास गावड़िया, वेद सोलंकी, खिलाड़ी लाल बैरवा, राकेश पारीक और अपनी पारिवारिक शादी का निमंत्रण देने विधायक हाकम अली भी पहुंचे. इसके अलावा पायलट गुट के नेताओं का उनके निवास पर जमावड़ा लगा हुआ है. अब सचिन पायलट विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने विधानसभा पहुंचेंगे.
मुख्यमंत्री तो आलाकमान बनाता हैः विधायक वेद सोलंकी ने आज सचिन पायलट से मुलाकात करने के बाद मीडिया में अपनी बात रखते हुए कहा कि राजस्थान में हमेशा मुख्यमंत्री आलाकमान ही बनाता है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को भी मुख्यमंत्री कांग्रेस आलाकमान ने ही बनाया था. सोलंकी ने कहा कि आगे भी जो निर्णय होगा वह आलाकमान का होगा. आलाकमान को अब जनता की इच्छा देखते हुए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए.