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Religion of tribes: कांग्रेस विधायक ने कहा आदिवासी हिन्दू नहीं, वापस लागू हो धर्म कोड, जानें भाजपा ने क्या कहा

विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने कहा कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं. इनका आदिवासी धर्म कोड फिर से लागू किया जाए. वहीं भाजपा ने कहा कि जो आदिवासी खुद को हिन्दू नहीं मानते, उन्हें डीलिस्ट किया जाए.

MLA Ganesh Ghogra demands religion code for tribes
Religion of tribes: कांग्रेस विधायक ने कहा आदिवासी हिन्दू नहीं, वापस लागू हो धर्म कोड, जानें भाजपा ने क्या कहा
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Published : Mar 13, 2023, 9:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अनुदान मांगों पर बहस के दौरान आदिवासियों हिन्दू हैं या नहीं पर भी चर्चा हुई. कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने आदिवासी हिन्दू नहीं होने और 1951 के आदिवासी कोड को फिर लागू करने की बात कही, तो भाजपा विधायक समाराम गरासिया ने आदिवासियों को हिंदू बताते हुए कहा कि जो लोग आदिवासी को हिंदू नहीं मानते, उन्हें डीलिस्ट किया जाए.

गणेश घोघरा ने कहा कि 1951 में आदिवासियों का धर्म कोड 9 नंबर था. 2011 में उस धर्म कोड को हटा दिया गया. पहले आदिवासियों का अलग से कॉलम था, जिसे हटा दिया गया. घोघरा ने कहा कि मैं किसी धर्म या जाति का विरोध नहीं कर रहा, लेकिन जैन धर्म के लोग 54 लाख हैं, उनके लिए धर्म कोड है. लेकिन आदिवासियों के लिए जाति के लिए कोई कॉलम नहीं है. घोघरा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों का धर्म कोड अलग से लागू करे. घोघरा ने इस दौरान जातिगत जनगणना होनी चाहिए.

पढ़ें: आदिवासी क्यों चाहते हैं अलग सरना धर्म, हिंदू धर्म से क्यों है अलग

उन्होंने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम 1995 सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने आदिवासियों को हिंदू नहीं माना है. हमें ना ब्राह्मण, ना शूद्र, ना क्षत्रिय और ना ही वैश्य माना. उन्होंने कहा कि आदिवासी कभी किसी का गुलाम नहीं रहा. आदिवासी स्वतंत्र है. आदिवासी प्रकृति पूजक है. ऐसे में जातिगत जनगणना होनी चाहिए और हमारा आदिवासी कोड अलग से होना चाहिए था. 1951 में आदिवासियों की जो कॉलम संख्या 9 थी, उसे वापस चालू करें.

पढ़ें: आदिवासियों के लिए अलग से धर्म कोड बनाने की मांग पूरी नहीं की गई तो हम आदिवासी राज्य बनाने की मांग करेंगे: गणेश घोघरा

आदिवासी हिन्दू हैं शबरी सबसे बड़ा उदारण: इस दौरान भाजपा विधायक समाराम गरासिया ने आदिवासियों को हिंदू बताते हुए कहा कि दक्षिणी राजस्थान में जो आदिवासी हिंदू हैं या नहीं है की बात चल रही है. अभी की चिंगारी है. सरकार ध्यान दें. कहीं इस मामले में आग लग जाएगी, तो दिक्कत हो जाएगी. समाराम गरासिया ने कहा कि अगर किसी आदिवासी ने कोई अन्य धर्म अपना लिया, तो फिर वह आदिवासी कैसे रहा. ऐसे में डीलिस्टिंग की जाए.

पढ़ें: साजिश के तहत आदिवासियों में भ्रम फैलाया जा रहा है: रमेश मीना

उन्होंने कहा कि कुछ लोग दूसरा धर्म भी अपना रहे हैं. जनजाति का फायदा भी ले रहे हैं और यह भी बोलते हैं कि हम हिंदू नहीं हैं. जबकि आदिवासी हिंदू हैं और शबरी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. जन भगवान रामचंद्र के समय वह धार्मिक प्रवृत्ति के थे और परंपरागत आदिवासी हिंदू है. उन्होंने कहा कि अपने आप को हिंदू नहीं कहने वाले आदिवासियों को डीलिस्टेड किया जाए. राजनीति करें, लेकिन हिंदू नहीं हैं. इस तरह का जहर घोलने का काम नहीं किया जाए.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अनुदान मांगों पर बहस के दौरान आदिवासियों हिन्दू हैं या नहीं पर भी चर्चा हुई. कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने आदिवासी हिन्दू नहीं होने और 1951 के आदिवासी कोड को फिर लागू करने की बात कही, तो भाजपा विधायक समाराम गरासिया ने आदिवासियों को हिंदू बताते हुए कहा कि जो लोग आदिवासी को हिंदू नहीं मानते, उन्हें डीलिस्ट किया जाए.

गणेश घोघरा ने कहा कि 1951 में आदिवासियों का धर्म कोड 9 नंबर था. 2011 में उस धर्म कोड को हटा दिया गया. पहले आदिवासियों का अलग से कॉलम था, जिसे हटा दिया गया. घोघरा ने कहा कि मैं किसी धर्म या जाति का विरोध नहीं कर रहा, लेकिन जैन धर्म के लोग 54 लाख हैं, उनके लिए धर्म कोड है. लेकिन आदिवासियों के लिए जाति के लिए कोई कॉलम नहीं है. घोघरा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों का धर्म कोड अलग से लागू करे. घोघरा ने इस दौरान जातिगत जनगणना होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम 1995 सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने आदिवासियों को हिंदू नहीं माना है. हमें ना ब्राह्मण, ना शूद्र, ना क्षत्रिय और ना ही वैश्य माना. उन्होंने कहा कि आदिवासी कभी किसी का गुलाम नहीं रहा. आदिवासी स्वतंत्र है. आदिवासी प्रकृति पूजक है. ऐसे में जातिगत जनगणना होनी चाहिए और हमारा आदिवासी कोड अलग से होना चाहिए था. 1951 में आदिवासियों की जो कॉलम संख्या 9 थी, उसे वापस चालू करें.

पढ़ें: आदिवासियों के लिए अलग से धर्म कोड बनाने की मांग पूरी नहीं की गई तो हम आदिवासी राज्य बनाने की मांग करेंगे: गणेश घोघरा

आदिवासी हिन्दू हैं शबरी सबसे बड़ा उदारण: इस दौरान भाजपा विधायक समाराम गरासिया ने आदिवासियों को हिंदू बताते हुए कहा कि दक्षिणी राजस्थान में जो आदिवासी हिंदू हैं या नहीं है की बात चल रही है. अभी की चिंगारी है. सरकार ध्यान दें. कहीं इस मामले में आग लग जाएगी, तो दिक्कत हो जाएगी. समाराम गरासिया ने कहा कि अगर किसी आदिवासी ने कोई अन्य धर्म अपना लिया, तो फिर वह आदिवासी कैसे रहा. ऐसे में डीलिस्टिंग की जाए.

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उन्होंने कहा कि कुछ लोग दूसरा धर्म भी अपना रहे हैं. जनजाति का फायदा भी ले रहे हैं और यह भी बोलते हैं कि हम हिंदू नहीं हैं. जबकि आदिवासी हिंदू हैं और शबरी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. जन भगवान रामचंद्र के समय वह धार्मिक प्रवृत्ति के थे और परंपरागत आदिवासी हिंदू है. उन्होंने कहा कि अपने आप को हिंदू नहीं कहने वाले आदिवासियों को डीलिस्टेड किया जाए. राजनीति करें, लेकिन हिंदू नहीं हैं. इस तरह का जहर घोलने का काम नहीं किया जाए.

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