जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को सीपीएम विधायक बलवान पूनिया ने उनके क्षेत्र में साल 2020 में फसल खराबी का बीमा क्लेम किसानों को नहीं मिलने को लेकर नाराजगी जताई. साथ ही पूनिया विधानसभा में अपनी पार्टी के दूसरे विधायक गिरधारी के साथ धरने पर बैठ गए. जिसके चलते कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने दोनों विधायकों से 2 दिन का समय मांगते हुए धरना समाप्त करने की अपील की.
दरअसल विधानसभा में अपनी बात रखते हुए बलवान पूनिया ने सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि अब हम और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकते. मेरा बीमा क्लेम दो नहीं तो मैं सदन में धरने पर बैठूंगा और जब तक हां नहीं करोगे, मैं यहां से नहीं जाऊंगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में अब कृषि बजट के बाद कोई बात नहीं बचेगी. बलवान पूनिया ने कहा कि यह हमारा अधिकार है. हम प्रीमियम देते हैं. हमारी फसल बर्बाद होती है, तो हम क्लेम मांगते हैं.
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पूनिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान के साथ मत खेलिए, जिसकी 2 साल पहले फसल खराब हो गई, अगर आपको यकीन नहीं होता है, भादरा नोहर के खेतों में जाकर देखें, जहां चने की फसल खराब हो गई. यह कहकर पूनिया धरने पर बैठ गए. सभापति के पूनिया को उनकी सीट पर बैठने के लिए कहने के बाद भी वे सदन में धरने पर बैठे रहे. आपको बता दें कि पूनिया के आरोप थे कि बीमा कंपनी बेईमानी कर रही है. कागजों में पॉलिसी वितरण की बात दिखाती है. जबकि बीमा पॉलिसी वितरण करने कंपनी का कर्मचारी जाता ही नहीं है.
तो वहीं 2020 में रबी फसल बीमा को रिजेक्ट करने के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि डबल बीमा ऑनलाइन नहीं होने के चलते हुआ था. उन्होंने आरोप लगाया कि किसी भी ब्लॉक में बीमा कंपनी के 5 से 6 प्रतिनिधि नहीं हैं. जब बीमा प्रतिनिधि ही नहीं हैख् तो क्रॉप कटिंग का सही आंकड़ा भी उनके पास नहीं होता. उन्होंने सेटेलाइट से क्रॉप कटिंग आंकड़े पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसकी खामी से भी किसानों को नुकसान हो रहा है.
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मंत्री के आश्वासन के बाद धरने से उठे दोनों विधायक: दोनों विधायक जब धरने पर बैठ गए, तो कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने विधायकों से 2 दिन का समय मांगा और आश्वासन दिया कि 2 दिन बाद इस मामले पर निर्णय ले लिया जाएगा. कटारिया ने कहा कि विधायक पूनिया ने बात उठाई है. यह सही बात है कि लंबे समय से यह प्रकरण विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि क्योंकि इसमें भारत सरकार के अधिकारियों से भी बात करनी होगी, जिसके लिए हमारे अधिकारी लगातार भारत सरकार के संपर्क में हैं. इनका विवाद केंद्र सरकार के यहां पेंडिंग है. आज की डिमांड को पूरा होने दें. इस पर मैं 2 दिन में निर्णय ले लूंगा.
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राठौड़ बोले-इसमें केंद्र सरकार का क्या लेना-देना: जब मंत्री लालचंद कटारिया ने केंद्र सरकार के पास ही मामला होने की बात कही, तो नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर जो कमेटी बनी थी, उसने क्रॉप कटिंग का फार्मूला कब बदला? उसने सेटेलाइट के आधार पर क्रॉप कटिंग को मान्यता देकर जो सर्वे किया, उससे किसान बर्बाद हुआ है. यह आपके स्तर पर है. आपका राज्यांश भी बाकी है. आप भारत सरकार की बात कर रहे हो.