जयपुर. पिछले 1 साल में निर्दलीय विधायक बलजीत यादव पेपर लीक मामले में दो बार सेंटर पार्क के सुबह से शाम तक बिना रुके चक्कर काटकर अपनी मांग उठा चुके हैं. वहीं बलजीत यादव ने मंगलवार को विधानसभा में कृषि और पशुपालन विभाग की अनुदान मांगों में हिस्सा लेते हुए नौकरशाह आईएएस पर नाराजगी दिखाते नजर आए. यादव ने कहा कि हम गौशाला को अनुदान देते हैं. अगर किसान को सीधा उसकी गाय पालने पर अनुदान दें, तो उस किसान की स्थिति भी सुधरेगी और गाय माता भी बचेगी. लेकिन किसान को कोई फायदा देना नहीं चाहता, क्योंकि सब जानते हैं कि अगर किसान के पेट में रोटी आ गई, तो वह सोचने लग जाएगा कि कौन क्या कर रहा है.
उन्होंने कहा कि आईएएस हजारों करोड़ खा रहे हैं. फिर भी उनकी 1500 गुना सैलरी बढ़ रही है. एक आईएएस बनता है, तब उसका घर कैसा होता है. 5 साल बाद देखो तो उसके बच्चे मर्सिडीज में घूमते हैं, विदेश में घूमते हैं. क्या सरकार ने पूछा है कि कहां से आ गया? उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों के बड़े-बड़े फार्म हाउस हैं. बड़े-बड़े फार्म हाउस में मंत्री जाते हैं और फार्म हाउस पर पार्टी करते हैं. कभी किसी ने पूछा कि यह कहां से लेकर आया?
यादव ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी किसान कर्ज क्यों मांगता है, वह भीख नहीं मांगता. उसका कर्जा माफ करने की बात कर सरकारी सहानुभूति इसलिए ले रही है क्योंकि किसान को उसकी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा. किसान की स्थिति तब तक नहीं सुधरेगी जब तक उसे बिजली, पानी, खाद, बीज नहीं मिलेंगे. तब तक कर्ज की ही बात होगी. उन्होंने कहा कि आईएएस की सैलरी 250 रुपए थी. वह 3 लाख से से 3.5 रुपए लाख हो गई. 1967 में डीजल 20 लीटर था. वह आज 100 रुपए लीटर हुआ है. सोना 200 रुपए तोला था, आज वह 60000 रुपए का हो गया.
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निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने कहा कि जबकि गेहूं 1700 से 1800 रुपए क्विंटल में बिक रहा है. अगर हिम्मत है किसी सरकार में में तो आईएएस की सैलरी घटाकर दिखा दे. क्योंकि देश को आजाद किसानों ने किया था, आईएएस ने नहीं. देश आजाद किसानों की बदौलत है. लेकिन जब पॉलिसी बनती है, तो यही आईएस राय देते हैं कि बजट नहीं है और किसान को पैसा नहीं दे सकते.
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योग्य छात्र रह गए पीछे: बलजीत यादव ने कहा कि मुझे कुछ स्टूडेंट ने बताया कि हमने खूब तैयारी कर एग्जाम दिया, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ. पड़ोस में रहने वाले ट्रक चालक ने 10-10 लाख में पेपर खरीदा और वह पुलिस कांस्टेबल बन गए. कोई सेकंड ग्रेड टीचर बन गया. किसान कर्जा लाकर अपने बच्चों को पढ़ा रहा है और भर्ती नहीं होती. पेपर लीक हो जाता है. कोर्ट में भर्ती रूक जाती है. उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर की लूट के ऊपर सरकार की कोई लगाम नहीं है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आवारा पशुओं के लिए भी आंदोलन होगा. रोजड़े, सूअर आवारा पशु फसल खा रहे हैं. उसपर सरकार को ध्यान देना होगा.