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डीपीसी को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर के सामने जताई नाराजगी, किया घेराव

डीपीसी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पीएचईडी के मंत्रालयिक कर्मचारी संघ की अगुवाई में संघ पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर (प्रशासनिक) अनिल श्रीवास्तव का घेराव किया. साथ ही डीपीसी की प्रक्रिया जल्द पूरी कराने की मांग रखी. वहीं बातचीत के बाद चीफ इंजीनियर ने 30 मई तक डीपीसी करवाने का आश्वासन दिया.

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Published : May 28, 2019, 9:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की शाखा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार को डीपीसी सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर चीफ इंजीनियर (प्रशासनिक) अनिल श्रीवास्तव का घेराव किया. डीपीसी नहीं होने से नाराज कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर से कहा कि उनकी कई डीपीसी बकाया चल रही है, लेकिन इंजीनयरों की एक भी डीपीसी बकाया नहीं है. डीपीसी नहीं होने से मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर के दफ्तर में नाराजगी जताई. काफी देर तक वहां का माहौल गहमा-गहमी भरा रहा.

डीपीसी को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सीई के सामने जताई नाराजगी

मंत्रालयिक कर्मचारियों की चीफ इंजीनियर श्रीवास्तव से करीब ढाई घंटे तक वार्ता हुई. उन्होंने बताया कि बातचीत के बाद चीफ इंजीनियर ने 30 मई तक डीपीसी करवाने का आश्वासन दिया है. इसके बाद सभी कर्मचारी उनके कार्यालय से बाहर आ गए. वहीं इससे पूर्व में कर्मचारियों ने पहले अपने दफ्तर में मीटिंग की थी. उसके बाद चीफ इंजीनियर (प्रशासनिक) के दफ्तर में जाकर वहां उन्होंने अपना मांग पत्र चीफ इंजीनियर (प्रशासनिक) अनिल श्रीवास्तव को सौंपा. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने काफी देर तक अनिल श्रीवास्तव के साथ चर्चा की.

कर्मचारियों ने नियमों के बारे में भी अवगत कराते हुए बताया कि किस तरह से वे नियमों के तहत डीपीसी और उनकी मांगें पूरी कर सकते हैं. डीपीसी को लेकर कर्मचारियों ने यहां तक कह दिया कि हमारी ही डीपीसी बाकी चल रही है. बाकी अधिकारी स्तर के इंजीनियरों की एक भी डीपीसी पेंडिंग नहीं है, ऐसा क्यों हो रहा है. कुछ कर्मचारी तो आज ही डीपीसी पूरी कराने की जिद कर रहे थे, लेकिन 30 मई तक डीपीसी पूरी करने के आश्वासन के बाद कर्मचारी बाहर आ गए. इस दौरान प्रवक्ता देवी सिंह भाटी सहित महासंघ के कई पदाधिकारी भी घेराव में शामिल थे.

डीपीसी नहीं की तो करेंगे आंदोलन

पीएचईडी के मंत्रालयिक कर्मचारी संघ जयपुर के अध्यक्ष विजय सिंह राजावत ने बताया कि उनके विभाग में काफी लंबे समय से डीपीसी बकाया चल रही थी. इसी को लेकर चीफ इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव का घेराव किया गया. उन्होंने 30 मई तक कुछ डीपीसी पूरी करने का आश्वासन दिया है. अगर, ऐसा नहीं किया जाता है तो वे आंदोलन करेंगे. राजावत ने कहा कि अगले 10 दिनों में उनके मांग पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वे भूख हड़ताल, घेराव और आमरण अनशन जैसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि शेष मांगों के लिए भी चीफ इंजीनियर ने अपने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं.

ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें -

1. विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के पदों की 1 अप्रैल 2019 तक बकाया चल रही डीपीसी पूरी करवाना.

2. विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के करीब 1250 पद नवसृजित करवाने और मुख्य अभियंता द्वारा अभिशंषा कर पत्रावली प्रशासनिक विभाग में विचाराधीन है, इसके निस्तारण की भी जल्द कारवाई कराई जाए.

3. विभाग में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों की 2 साल की सेवा पूरी होने पर नियमित वेतनमान देने की प्रक्रिया को मुख्यालय स्तर पर सरल किया जाए और जिस कर्मचारी ने विभाग में टाइप टेस्ट पास कर लिया हो, उन्हें छूट दिलवाई जाए. वहीं जिन कर्मचारियों ने टंकण परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है, उनको भी प्रशासनिक विभाग से स्वीकृति दिलवाकर तत्काल राहत दिलवाई जाए.

4. मंत्रालयिक संवर्ग/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई की जाए आदि.

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की शाखा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार को डीपीसी सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर चीफ इंजीनियर (प्रशासनिक) अनिल श्रीवास्तव का घेराव किया. डीपीसी नहीं होने से नाराज कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर से कहा कि उनकी कई डीपीसी बकाया चल रही है, लेकिन इंजीनयरों की एक भी डीपीसी बकाया नहीं है. डीपीसी नहीं होने से मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर के दफ्तर में नाराजगी जताई. काफी देर तक वहां का माहौल गहमा-गहमी भरा रहा.

डीपीसी को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सीई के सामने जताई नाराजगी

मंत्रालयिक कर्मचारियों की चीफ इंजीनियर श्रीवास्तव से करीब ढाई घंटे तक वार्ता हुई. उन्होंने बताया कि बातचीत के बाद चीफ इंजीनियर ने 30 मई तक डीपीसी करवाने का आश्वासन दिया है. इसके बाद सभी कर्मचारी उनके कार्यालय से बाहर आ गए. वहीं इससे पूर्व में कर्मचारियों ने पहले अपने दफ्तर में मीटिंग की थी. उसके बाद चीफ इंजीनियर (प्रशासनिक) के दफ्तर में जाकर वहां उन्होंने अपना मांग पत्र चीफ इंजीनियर (प्रशासनिक) अनिल श्रीवास्तव को सौंपा. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने काफी देर तक अनिल श्रीवास्तव के साथ चर्चा की.

कर्मचारियों ने नियमों के बारे में भी अवगत कराते हुए बताया कि किस तरह से वे नियमों के तहत डीपीसी और उनकी मांगें पूरी कर सकते हैं. डीपीसी को लेकर कर्मचारियों ने यहां तक कह दिया कि हमारी ही डीपीसी बाकी चल रही है. बाकी अधिकारी स्तर के इंजीनियरों की एक भी डीपीसी पेंडिंग नहीं है, ऐसा क्यों हो रहा है. कुछ कर्मचारी तो आज ही डीपीसी पूरी कराने की जिद कर रहे थे, लेकिन 30 मई तक डीपीसी पूरी करने के आश्वासन के बाद कर्मचारी बाहर आ गए. इस दौरान प्रवक्ता देवी सिंह भाटी सहित महासंघ के कई पदाधिकारी भी घेराव में शामिल थे.

डीपीसी नहीं की तो करेंगे आंदोलन

पीएचईडी के मंत्रालयिक कर्मचारी संघ जयपुर के अध्यक्ष विजय सिंह राजावत ने बताया कि उनके विभाग में काफी लंबे समय से डीपीसी बकाया चल रही थी. इसी को लेकर चीफ इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव का घेराव किया गया. उन्होंने 30 मई तक कुछ डीपीसी पूरी करने का आश्वासन दिया है. अगर, ऐसा नहीं किया जाता है तो वे आंदोलन करेंगे. राजावत ने कहा कि अगले 10 दिनों में उनके मांग पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वे भूख हड़ताल, घेराव और आमरण अनशन जैसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि शेष मांगों के लिए भी चीफ इंजीनियर ने अपने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं.

ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें -

1. विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के पदों की 1 अप्रैल 2019 तक बकाया चल रही डीपीसी पूरी करवाना.

2. विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के करीब 1250 पद नवसृजित करवाने और मुख्य अभियंता द्वारा अभिशंषा कर पत्रावली प्रशासनिक विभाग में विचाराधीन है, इसके निस्तारण की भी जल्द कारवाई कराई जाए.

3. विभाग में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों की 2 साल की सेवा पूरी होने पर नियमित वेतनमान देने की प्रक्रिया को मुख्यालय स्तर पर सरल किया जाए और जिस कर्मचारी ने विभाग में टाइप टेस्ट पास कर लिया हो, उन्हें छूट दिलवाई जाए. वहीं जिन कर्मचारियों ने टंकण परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है, उनको भी प्रशासनिक विभाग से स्वीकृति दिलवाकर तत्काल राहत दिलवाई जाए.

4. मंत्रालयिक संवर्ग/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई की जाए आदि.

Intro:जयपुर। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की शाखा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार को डीपीसी सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर चीफ इंजीनियर प्रशासनिक अनिल श्रीवास्तव का घेराव किया। डीपीसी नहीं होने से नाराज कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर को कहा कि हमारी कई डीपीसी बकाया चल रही है लेकिन इंजीनयरों की एक भी डीपीसी बकाया नहीं है। डीपीसी नहीं होने से मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर के दफ्तर में नाराजगी जताई वहां काफी देर तक वहां का माहौल गहमा गहमी का रहा।


Body:मंत्रालयिक कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर प्रशासनिक से करीब ढाई घंटे तक वार्ता हुई। बातचीत के बाद चीफ इंजीनियर ने 30 मई तक डीपीसी करवाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद सभी कर्मचारी बाहर आ गए।
कर्मचारियों ने पहले अपने दफ्तर में मीटिंग की उसके बाद चीफ इंजीनियर प्रशासनिक के दफ्तर में जाकर वहां उन्होंने अपना मांग पत्र चीफ इंजीनियर प्रशासनिक अनिल श्रीवास्तव को सौंपा। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने काफी देर तक अनिल श्रीवास्तव के साथ बहस की। कर्मचारियों ने उनको नियमों के बारे में भी अवगत कराया कि किस तरह से वे नियमों के तहत डीपीसी और हमारी मांगे पूरी कर सकते है। डीपीसी को लेकर कर्मचारियों ने यहां तक कह दिया कि हमारी ही डीपीसी बाकी चल रही है बाकी अधिकारी स्तर के इंजीनियरों की एक भी डीपीसी पेंडिंग नहीं है ऐसा क्यों हो रहा है। कुछ कर्मचारी तो आज ही डीपीसी पूरी करने की जिद कर रहे थे लेकिन 30 मई तक डीपीसी पूरी करने के आश्वासन के बाद कर्मचारी बाहर आ गए। इस दौरान प्रवक्ता देवी सिंह भाटी सहित महासंघ के कई पदाधिकारी भी घेराव में शामिल थे।

डीपीसी नहीं की तो करेंगे आंदोलन
पीएचईडी के मंत्रालयिक कर्मचारी संघ जयपुर के अध्यक्ष विजय सिंह राजावत ने बताया कि हमारे विभाग में काफी लंबे समय से डीपीसी बकाया चल रही थी इसी को लेकर चीफ इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव का घेराव किया गया । उन्होंने 30 मई तक कुछ डीपीसी पूरी करने का आश्वासन दिया है अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वे आंदोलन करेंगे। राजावत ने कहा कि अगले 10 दिनों में अगर हमारे मांग पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो हम भूख हड़ताल, घेराव और आमरण अनशन जैसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि बाकी मांगो के लिए भी चीफ इंजीनियर ने अपने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं।


Conclusion:कर्मचारियों की कुछ प्रमुख मांगे निम्न है-

1. विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के पदों की 1 अप्रैल 2019 तक बकाया चल रही डीपीसी पूरी करवाना।
2. विभागीय मंत्रालयिक संवर्ग की वेतन वसूली समस्या का जल्द ही समाधान करवाना।
3. विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग की लगभग 1250 पद नवसृजित करवाने और मुख्य अभियंता द्वारा अभिशंसा कर पत्रावली प्रशासनिक विभाग में विचाराधीन है इसके निस्तारण की भी जल्द कारवाई की जाए।
4. विभाग विभाग में 18 वर्ष की आयु से पुर लगे मृतक आश्रित कर्मचारियों को 9, 18, 27 का लाभ नियुक्ति दिनांक से ही देय हो जबकि विभाग 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पश्चात ही 9 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर यह लाभ दिया जा रहा है
5. विभाग में कार्यरत मंत्रालय कर्मचारियों की 2 साल की सेवा पूर्ण होने पर नियमित वेतनमान देने की प्रक्रिया को मुख्यालय स्तर पर सरल किया जाए और जिस कर्मचारी का विभाग में टाइप टेस्ट पास कर लिया हो उन्हें छूट दिलवाई जाए और जिन कर्मचारियों ने टंकण परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है उनको भी प्रशासनिक विभाग से स्वीकृति दिलवाकर तत्काल राहत दिलवाई जाए।
6. मंत्रालयिक संवर्ग/ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई की जाए।

बाईट अध्यक्ष विजय सिंह राजावत
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