जयपुर. प्रदेश के हजारों मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर सोमवार से सामूहिक अवकाश पर रहे. राजस्थान राज्य मंत्रालय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मंत्रालयिक कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी भी दी कि यदि 16 अप्रैल तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो जयपुर में 17 अप्रैल से मुख्यमंत्री आवास पर महापड़ाव डाला जाएगा.
विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कर्मचारी संगठनों ने भी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिए हैं. अलग-अलग संगठन अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश के हजारों बाबू सामूहिक अवकाश पर रहे और प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सरकार को साफ तौर पर चेतावनी दी और कहा कि 16 अप्रैल तक यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं, तो जयपुर में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी के नेतृत्व में महापड़ाव डाला जाएगा और इस महापड़ाव में प्रदेश भर के हजारों मंत्रालयिक कर्मचारी शामिल होंगे.
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महासंघ के जयपुर जिला अध्यक्ष मुकेश मुद्गल ने बताया कि 16 अप्रैल तक मांगे नहीं माने जाने पर 17 अप्रैल को सिविल लाइंस फाटक मुख्यमंत्री आवास पर महापड़ाव डाला जाएगा. यह महापड़ाव तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा करने के लिए आदेश जारी नहीं करेगी. जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पर सोमवार को अलग-अलग जिलों से आये मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से सभा की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. यहां राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों को संबोधित भी किया. मंत्रालयिक कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को 11 सूत्रीय मांग के लिए ज्ञापन भी सौंपा.
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मुद्गल ने बताया पिछले 4 साल से मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. मुद्गल ने बताया पिछली कांग्रेस सरकार ने 2013 में कनिष्ठ सहायक का वेतनमान 9840 रुपए किया था, लेकिन भाजपा सरकार आने के साथ ही इस वेतनमान को कम कर 8080 रुपए कर दिया गया. इसी वेतनमान को 9840 करने की मांग मंत्रालयिक कर्मचारी कर रहे हैं. सचिवालय में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों के समान ही वेतन भत्ते लेने की भी मंत्रालयिक कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि एक ही भर्ती और एक ही योग्यता होने के बावजूद भी उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. सचिवालय में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों से कम वेतन भत्ते दिए जा रहे हैं.
मुद्गल ने कहा कि पहले पटवारी और ग्राम सेवक के लिए भर्ती की योग्यता 12वीं पास थी, लेकिन अब उसमें परिवर्तन कर इस योग्यता को स्नातक कर दिया गया है. मंत्रालयिक कर्मचारियों की भी मांग है कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए योग्यता स्नातक की जाए. मंत्रालयिक कर्मचारियों ने ग्रेड पे 3600 करने की भी मांग की. मंत्रालयिक कर्मचारियों ने राज्य एवं अधीनस्थ सेवाओं में मंत्रालयिक संवर्ग के लिए 25 प्रतिशत पदोन्नति का कोटा एवं सीधी भर्ती में 12. 5 प्रतिशत कोटा तय करने की मांग की.