जयपुर. मंत्रालयिक कर्मचारियों के महापड़ाव का 28वां दिन उनके लिए नई चुनौती लेकर आया. राजधानी में रात को चले अंधड़ में महापड़ाव स्थल पर लगा टेंट उखड़ गए. धरना स्थल पर मौजूद कर्मचारियों ने टेंट पिल्लर को थामे रखा. इस दौरान तेज बारिश में भी कर्मचारी भीगते रहे और बाबू एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए महापड़ाव स्थल को नहीं छोड़ा.
राजस्थान के मंत्रालयिक कर्मचारी बीते एक महीने से सामूहिक अवकाश पर है. 28 दिन से जयपुर शिप्रा पथ मानसरोवर में महापड़ाव डालकर बैठे हैं. रविवार को मंत्रालयिक कर्मचारियों की मौसम ने भी परीक्षा ली. मौसम बिगड़ने और तेज अंदर में पहले तो मंत्रालय कर्मचारियों की एक हजार से ज्यादा कैपेसिटी वाला टेंट उखड़ गया. इसके बाद आई बारिश में कर्मचारी भीग गए. लेकिन उन्होंने महापड़ाव स्थल नहीं छोड़ा. कर्मचारियों ने बताया कि आंधी आए या तूफान कर्मचारियों को डिगा नहीं पाएंगे.
प्रदेश की जनता त्रस्त हो रही है और सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है. वेतन विसंगति दूर करने और पदोन्नति जैसी 11 सूत्री मांग पत्र की पूर्ति के लिए कर्मचारियों ने महापड़ाव शुरू किया था. जिसे 28 बीत चुके है. कर्मचारी सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित कराने के लिए गांधीवादी तरीका अपनाए हुए हैं. महिला कर्मचारी भी बड़ी संख्या में रोज इस महापड़ाव में शामिल होती है. यही नहीं मंत्रालयिक साथियों ने सोशल मीडिया पर भी आंदोलन छेड़ा हुआ है. बावजूद इसके सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.
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बता दें कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के अवकाश पर रहने के चलते वर्तमान में करीब 120 डिपार्टमेंट बंद हैं. वहीं राज्य सरकार के राहत शिविरों में भी मंत्रालयिक कर्मचारियों की कमी महसूस हो रही है. मंत्रालयिक कर्मचारियों के इसी महापड़ाव के दौरान 21वें दिन एक कर्मचारी की हार्टअटैक से मौत भी हो गई थी. बावजूद इसके सरकार ने अब तक वार्ता का रुख नहीं किया है.