जयपुर. मंत्रालयिक कर्मचारियों के महापड़ाव का 21वां दिन बेहद दुखद रहा. महापड़ाव स्थल पर एक कर्मचारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. झुंझुनू जिले में पदस्थापित मंत्रालयिक कर्मचारी बाबूलाल मीणा अंतरजिला स्थानांतरण नहीं होने से परेशान थे. मृतक कर्मचारी की मौत के बाद महापड़ाव स्थल पर ही उसे श्रद्धांजलि दी गई.
दरअसल, राजस्थान के मंत्रालयिक कर्मचारी बीते 28 दिनों से सामूहिक अवकाश पर है और 21 दिन से जयपुर शिप्रा पथ मानसरोवर में महापड़ाव डालकर बैठे हैं. रविवार को दौसा जिले के मूलनिवासी और झुंझुनू में पदस्थापित मंत्रालयिक कर्मचारी बाबूलाल मीणा की महापड़ाव स्थल पर ही मौत हो गई. बताया जाता है कि पंचायती राज विभाग का कर्मचारी कम वेतन होने और उस पर अंतरजिला स्थानांतरण नियमों में प्रतिबंधित होने से परेशान थे. मंत्रालयिक कर्मचारियों के मांग पत्र में भी ये मांग शामिल है.
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मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ ने कर्मचारी बाबूलाल मीणा की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों से ऐसे कई कर्मचारी परेशान हैं और अंदर ही अंदर घुट रहे हैं. कर्मचारियों ने बताया कि प्रदेश की जनता त्रस्त हो रही है और सरकार ने आंख मूंद रखी है. पदोन्नति और वेतन विसंगति दूर करने जैसी 11 सूत्री मांग पत्र को लेकर कर्मचारियों ने महापड़ाव डाला है. कर्मचारी अलग-अलग तरह के कार्यक्रम जारी करके सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित कर रहे हैं. महिला कर्मचारी भी बड़ी संख्या में रोज सुबह से शाम तक इस महापड़ाव में शामिल होती हैं. यही नहीं मंत्रालयिक साथियों ने टि्वटर वार भी छेड़ा हुआ है.