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3,000 करोड़ के फूड पैकेट वितरण कॉनफैड को देने का प्रस्ताव, मंत्री खाचरियावास हुए खफा - राजस्थान के खाद्य मंत्री वर्सेस मुख्यमंत्री गहलोत

3000 करोड़ की फ़ूड पैकेट वितरण कि योजना खाद्य की जगह कौनफेड को देने के प्रस्ताव से विभागीय मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास खासे नाराज हैं. साथ ही कहा कि फिर मेरे विभाग की जरूरत ही क्या है. मुख्यमंत्री से मिलकर पूछुंगा की आखिर अधिकारी ऐसा क्यो चाहते हैं.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
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Published : Mar 10, 2023, 10:47 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट-2023 में महंगाई राहत पैकेज के तहत 3000 करोड़ के बजट से 1 करोड़ एनएफएसए (नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट) परिवारों को प्रतिमाह निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट बांटने की घोषणा की है. यह योजना आगामी 1 अप्रैल से लागू की जाएगी, लेकिन इस योजना के लागू होने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की नोडल एजेंसी खाद्य विभाग की जगह आइसीडीएस विभाग के कॉनफैड को देने का नीतिगत निर्णय लगभग ले लिया गया है.

वहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को दिए जाने वाले पैकेट प्रदेश के खाद्य विभाग की जगह कॉनफैड को देने का विचार शुरू हुआ, तो खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास नाराज हो गए. मंत्री खाचरियावास ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए कहा, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित खाद्य विभाग की इतनी महत्वपूर्ण योजना अगर कॉनफैड से लागू करवाई जाएगी तो फिर हमारे विभाग की जरूरत ही क्या है?.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, एनएफएसए परिवारों को राजस्थान खाद्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 1 करोड़ लाभार्थियों को गेहूं बांटने का काम पहले से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम पोस मशीन के माध्यम से ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से यह काम कर रहे हैं. ऐसे में उन्हीं 1 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को राज्य सरकार की ओर से बांटे जाने वाले फूड पैकेट का काम अगर कॉनफैड को दिया जाता है. इस बारे में हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे. मंत्री ने कहा कि इस मामले में अगर अधिकारी गड़बड़ कर रहे हैं तो अधिकारियों को भी बताना होगा कि आखिर किन कारणों से एक विभाग की योजना दूसरे विभाग को ट्रांसफर की जा रही है.

उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग टेंडर देकर पारदर्शी तरीके से काम करता है, जबकि कॉनफैड मिड-डे-मील और आंगनबाड़ी में पोषाहार का काम करवा रहा. अधिकारियों को भी जबाब देना होगा. मंत्री ने कहा कि सदन को भरोसे में लिए बगैर ऐसा करना अनुचित होगा.

पढ़ें: शांति एवं अहिंसा विभाग की वेबसाइट लॉन्च, गहलोत बोले- राजस्थान का बजट महात्मा गांधी के संदेश के अनुरूप

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कॉनफैड की पहले से कई शिकायतें मिली है. ऐसे में कॉनफैड पहले से जो काम कर रहा है उसे सही तरीके से तो कर ले. मंत्री ने कहा कि खाद्य विभाग के पास खाद्य वितरण का अपना फुलप्रूफ सिस्टम है और जब बांटना हमारे विभाग को ही है तो टेंडर भी हम ही करेंगे.

मंत्री खाचरियावास ने कॉनफैड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा, कॉनफैड तो वैसे भी टेंडर नहीं करके नॉमिनेशन के जरिए लोगों से काम करवाता है, जो आरटीपीपी एक्ट का साफ तौर से उल्लंघन है. जबकि, हमारा विभाग जो भी काम होगा वह टेंडर से होगा और फुलप्रूफ तरीके से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी कॉनफैड को यह काम दिया गया है या नहीं यह मेरी जानकारी में नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट-2023 में महंगाई राहत पैकेज के तहत 3000 करोड़ के बजट से 1 करोड़ एनएफएसए (नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट) परिवारों को प्रतिमाह निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट बांटने की घोषणा की है. यह योजना आगामी 1 अप्रैल से लागू की जाएगी, लेकिन इस योजना के लागू होने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की नोडल एजेंसी खाद्य विभाग की जगह आइसीडीएस विभाग के कॉनफैड को देने का नीतिगत निर्णय लगभग ले लिया गया है.

वहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को दिए जाने वाले पैकेट प्रदेश के खाद्य विभाग की जगह कॉनफैड को देने का विचार शुरू हुआ, तो खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास नाराज हो गए. मंत्री खाचरियावास ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए कहा, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित खाद्य विभाग की इतनी महत्वपूर्ण योजना अगर कॉनफैड से लागू करवाई जाएगी तो फिर हमारे विभाग की जरूरत ही क्या है?.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, एनएफएसए परिवारों को राजस्थान खाद्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 1 करोड़ लाभार्थियों को गेहूं बांटने का काम पहले से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम पोस मशीन के माध्यम से ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से यह काम कर रहे हैं. ऐसे में उन्हीं 1 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को राज्य सरकार की ओर से बांटे जाने वाले फूड पैकेट का काम अगर कॉनफैड को दिया जाता है. इस बारे में हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे. मंत्री ने कहा कि इस मामले में अगर अधिकारी गड़बड़ कर रहे हैं तो अधिकारियों को भी बताना होगा कि आखिर किन कारणों से एक विभाग की योजना दूसरे विभाग को ट्रांसफर की जा रही है.

उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग टेंडर देकर पारदर्शी तरीके से काम करता है, जबकि कॉनफैड मिड-डे-मील और आंगनबाड़ी में पोषाहार का काम करवा रहा. अधिकारियों को भी जबाब देना होगा. मंत्री ने कहा कि सदन को भरोसे में लिए बगैर ऐसा करना अनुचित होगा.

पढ़ें: शांति एवं अहिंसा विभाग की वेबसाइट लॉन्च, गहलोत बोले- राजस्थान का बजट महात्मा गांधी के संदेश के अनुरूप

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कॉनफैड की पहले से कई शिकायतें मिली है. ऐसे में कॉनफैड पहले से जो काम कर रहा है उसे सही तरीके से तो कर ले. मंत्री ने कहा कि खाद्य विभाग के पास खाद्य वितरण का अपना फुलप्रूफ सिस्टम है और जब बांटना हमारे विभाग को ही है तो टेंडर भी हम ही करेंगे.

मंत्री खाचरियावास ने कॉनफैड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा, कॉनफैड तो वैसे भी टेंडर नहीं करके नॉमिनेशन के जरिए लोगों से काम करवाता है, जो आरटीपीपी एक्ट का साफ तौर से उल्लंघन है. जबकि, हमारा विभाग जो भी काम होगा वह टेंडर से होगा और फुलप्रूफ तरीके से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी कॉनफैड को यह काम दिया गया है या नहीं यह मेरी जानकारी में नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा.

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