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मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास बोले- 2 हजार का नोट वापस लेने का फैसला, जनता से बड़ा धोखा है, सुप्रीम कोर्ट ले स्वत: संज्ञान - केंद्र की मोदी सरकार

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने RBI के दो हजार के नोट के वापस लेने के फैसले के बीच केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस फैसले से सबसे अधिक प्रभावित आम लोग होंगे. वहीं, जिस तरह से ये निर्णय लिया गया है, वो भी अपने आप में जनता से एक बड़ा (Khachariawas attacked the central government) धोखा है.

Khachariawas attacked the central government
Khachariawas attacked the central government
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Published : May 20, 2023, 7:04 PM IST

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास

जयपुर. दो हजार के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले के बीच अब कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जमकर केंद्र सरकार पर हमला बोला. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि ये देश की करेंसी को बदनाम करने की साजिश है. मंत्री खाचरियावास ने कहा कि भाजपा ने देश में गरीबी और बेरोजगारी को खत्म करने को लेकर कोई काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी की और अब जो सात साल पहले 2000 के नोट जारी हुए थे, उसे भी वापल लेने का निर्णय कर दिया गया है.

मंत्री ने कहा कि भाजपा आम लोगों को रोटी और रोजगार तो दे नहीं रही है, उल्टे नोट बंदी कर लोगों को लाइन में लगाकर देश का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले जब साल 2016 में नोटबंदी हुई तब भी कोई बड़ा नेता, अधिकारी या पैसे वाला लाइनों में नहीं लगा था, गरीब आदमी ही लाइनों में खड़ा नजर आया था और अब भी देश की आम जनता को ही लाइनों में लगना होगा.

इसे भी पढ़ें - Jaipur Yojana Bhawan Row : मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास बोले-अगर कोई अफसर भी चोर निकलेगा तो छोड़ेंगे नहीं

आगे उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार को सबसे पहले ये जवाब देना चाहिए कि वो आखिर 2000 का नोट लाए ही क्यों थे? खाचरियावास ने कहा कि विदेशों में तो अब भारतीय करेंसी की हालत ये हो गई है कि बार-बार इसमें हो रहे बदलाव के चलते भारतीय करेंसी विदेशों में लेने से इनकार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब संविधान में इस बात पर डिस्कस होना चाहिए कि क्या सात साल में देश की करेंसी को बदला जा सकता है?

मंत्री ने लगाए गंभीर आरोप - मंत्री ने कहा कि भाजपा पूरे देश को चोर घोषित करने में लगी है, क्या अकेली भाजपा ही साहूकार है? उन्होंने कहा कि 2000 के नोट को छापने में कहा जाता है कि 50000 करोड़ रुपए खर्च हुए तो फिर अब ऐसी क्या जरूरत थी कि उस नोट को वापस लिया जा रहा है. अगर नोट वापस ही लेने थे तो फिर उसे बैंक आगे जारी नहीं करते. साथ ही देश की जनता के साथ भी बड़ा धोखा है.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास

जयपुर. दो हजार के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले के बीच अब कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जमकर केंद्र सरकार पर हमला बोला. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि ये देश की करेंसी को बदनाम करने की साजिश है. मंत्री खाचरियावास ने कहा कि भाजपा ने देश में गरीबी और बेरोजगारी को खत्म करने को लेकर कोई काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी की और अब जो सात साल पहले 2000 के नोट जारी हुए थे, उसे भी वापल लेने का निर्णय कर दिया गया है.

मंत्री ने कहा कि भाजपा आम लोगों को रोटी और रोजगार तो दे नहीं रही है, उल्टे नोट बंदी कर लोगों को लाइन में लगाकर देश का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले जब साल 2016 में नोटबंदी हुई तब भी कोई बड़ा नेता, अधिकारी या पैसे वाला लाइनों में नहीं लगा था, गरीब आदमी ही लाइनों में खड़ा नजर आया था और अब भी देश की आम जनता को ही लाइनों में लगना होगा.

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आगे उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार को सबसे पहले ये जवाब देना चाहिए कि वो आखिर 2000 का नोट लाए ही क्यों थे? खाचरियावास ने कहा कि विदेशों में तो अब भारतीय करेंसी की हालत ये हो गई है कि बार-बार इसमें हो रहे बदलाव के चलते भारतीय करेंसी विदेशों में लेने से इनकार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब संविधान में इस बात पर डिस्कस होना चाहिए कि क्या सात साल में देश की करेंसी को बदला जा सकता है?

मंत्री ने लगाए गंभीर आरोप - मंत्री ने कहा कि भाजपा पूरे देश को चोर घोषित करने में लगी है, क्या अकेली भाजपा ही साहूकार है? उन्होंने कहा कि 2000 के नोट को छापने में कहा जाता है कि 50000 करोड़ रुपए खर्च हुए तो फिर अब ऐसी क्या जरूरत थी कि उस नोट को वापस लिया जा रहा है. अगर नोट वापस ही लेने थे तो फिर उसे बैंक आगे जारी नहीं करते. साथ ही देश की जनता के साथ भी बड़ा धोखा है.

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