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महापौर और पार्षदों को समझाने पहुंचे मंत्री महेश जोशी, अतिरिक्त कमिश्नर पर जाति का सहारा लेकर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप - Heritage nagar nigam jaipur latest news

हैरिटेज नगर निगम का विवाद सुलझाने के लिए बुधवार को मंत्री महेश जोशी निगम मुख्यालय पहुंचे. जोशी ने धरने पर बैठे मेयर और पार्षदों से समझाने के लिए दोनों पक्षों को अपनी-अपनी गलती मानते हुए कोई बीच का रास्ता निकालने की नसीहत दी.

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Published : Jun 22, 2023, 10:04 AM IST

Updated : Jun 22, 2023, 10:12 AM IST

महापौर और पार्षदों को समझाने पहुंचे मंत्री महेश जोशी

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम का विवाद सुलझाने के लिए बुधवार को मंत्री महेश जोशी निगम मुख्यालय पहुंचे. जोशी ने धरने पर बैठे मेयर और पार्षदों से समझाने के लिए दोनों पक्षों को अपनी-अपनी गलती मानते हुए कोई बीच का रास्ता निकालने की नसीहत दी. वहीं अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा की ओर से एसटी एससी एक्ट में एफआईआर दर्ज कराने के लिए सरकार को पत्र लिखने पर महापौर ने कहा कि वर्मा अपनी जाति का सहारा लेकर अपने भ्रष्टाचार के काले कारनामों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने वर्मा के इस तीर के लिए अपनी गोद ली हुई बेटी को ढाल बनाया.

सत्य की नांव डगमगा सकती हैं डूब नहीं सकती हैं, ये कहना है हैरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर का. उन्होंने अतिरिक्त आयुक्त के आने के बाद निगम में माहौल खराब होने की बात कहते हुए कहा कि उनके भ्रष्टाचारों की जुड़ी बाढ नियंत्रण, सुभल शौचालय और अस्थाई बीट्स की फाइलों की जांच होनी चाहिए, और सच सभी के सामने आना चाहिए. जिन फाइलों को लेकर राजेन्द्र वर्मा से विवाद हुआ उन फाइलों की कमेटी बनाकर जांच की जाए. यदि राजेन्द्र वर्मा फाइलों में सही हैं तो जांच कमेटी के अनुसार वो अपना इस्तीफा दे देंगी.

दरअसल, एडिशनल कमिश्नर राजेन्द्र वर्मा ने राज्य सरकार से 16 जून को उनके साथ अभद्रता और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले मेयर, मेयर पति और पार्षदों पर मुकदमा दर्ज कराने की राज्य सरकार ने अनुमति मांगी हैं. जिस पर काउंटर करते हुए मेयर ने कहा कि अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा अब अपनी जाति का सहारा लेकर एसटी और एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कराने के लिए सरकार को पत्र लिखकर अपने भ्रष्टाचार के काले कारनामों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि उन्होंने एक भी जातिसूचक शब्द का प्रयोग नहीं किया है. ऐसा यदि वीडियो अतिरिक्त आयुक्त उपलब्ध करा देते हैं तो वो अपना इस्तीफा दे देंगी.

पढ़ें महापौर और पार्षदों के आरोप के बाद, अब एडिशनल कमिश्नर के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाला वीडियो वायरल

उन्होंने स्पष्ट किया कि एससी और एसटी वर्ग के प्रति उनकी कोई द्वेष भावना नहीं हैं. उनके कार्यकाल में दो आयुक्त अवधेश मीणा और विश्राम मीणा एसटी वर्ग से थे. लेकिन उनसे कभी कोई विवाद नहीं हुआ. जबकि अक्सर देखा जाता है कि आयुक्त और मेयर में विवाद चलता है. इससे उलट एडिशनल कमिश्नर उन पर जाति सूचक शब्द बोलने का इल्जाम लगा रहे है. उन्होंने करीब एक मिनट का वीडियो दिखाकर मेयर बनते ही एक एससी की बच्ची को इशिता जाजोरिया को गोद लेने, उसका जन्मदिन मनाने और उसे एक दिन का मेयर भी बनाने की बात कहते हुए, वाल्मीकि समाज से अपना रिश्ता भी उजागर किया.

वहीं बुधवार को कैबिनेट मंत्री महेश जोशी महापौर और पार्षदों से समझाने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि धरने को 6 दिन हो गए, ऐसे में बतौर जयपुर एमएलए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि पार्षदों की भावनाओं के बारे में जानें और उसे आगे पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि कोशिश करेंगे कि कोई रास्ता निकले ताकि ये धरना खत्म हो. इस मामले में हैरिटेज नगर निगम से जुड़े कांग्रेस के चारों एमएलए की टेलीफोन पर बातचीत हुई है. सभी चाहते हैं कि कोई रास्ता निकले, जिससे सारा कामकाज सामान्य हो सके. हालांकि महापौर और पार्षदों की राजेन्द्र वर्मा को सस्पेंड करने की मांग को लेकर उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वो यहां एमएलए के तौर पर आए हैं, मंत्री के तौर पर नहीं. वहीं महेश जोशी से वार्ता के बाद भी महापौर ने स्प्ष्ट कर दिया कि उन्हें वार्ता नहीं चाहिए, वो संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि यहां बात स्वाभिमान की है. राजेंद्र वर्मा ने महिला महापौर और महिला पार्षदों के साथ बदतमीजी की है. भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए उन्होंने भूमिका बनाई है. इसलिए भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए और जनता के कार्य पटरी पर लाने के लिए उनकी मांग अभी भी राजेंद्र वर्मा को सस्पेंड करने की ही है.

पढ़ें Heritage Nagar Nigam : सफाई कर्मचारी ने 15 दिन में न्याय नहीं मिलने पर सुसाइड की दी चेतावनी, अध्यक्ष पर धोखाधड़ी के आरोप

इससे पहले महेश जोशी के सामने महापौर और पार्षद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राजेंद्र वर्मा हंस रहे हैं, मेयर की कुर्सी पर बैठ गए, बाहर निकले हैं, अगर यही बंधक है तो आजाद कौन है. उनके साथ पांच अन्य अफसर भी बैठे हुए थे. इस पर महेश जोशी ने कहा कि सबसे कठिन चुनाव सबसे छोटा चुनाव होता है. जहां तक एससी एसटी के मुकदमे की बात है, तो कहने मात्र से कोई आरोप सिद्ध नहीं होता, ये एक जांच की मुद्दा है. कुछ आरोप एडिशनल कमिश्नर ने लगाए, कुछ इमोशनल जवाब पार्षदों ने दे दिए. उन्होंने पार्षदों से पूछा कि अब कोई ऐसा रास्ता निकाला जा सकता है क्या कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो कि जिससे गलती हो, वो गलती को मान ले. जहां तक बात फाइल रोकने की है तो यदि कानूनी दृष्टि से सही है, तो इस पर मेयर और पार्षदों को भी कुछ नहीं कहना है. यदि कानूनी दृष्टि से गलत है तो उस पर कार्रवाई हो. उन्होंने ये भी स्पष्ट कहा कि कोई भी एमएलए किसी काम को करने के लिए मना करें, ये गले नहीं उतरता. इस संबंध में प्रताप सिंह खाचरियावास का भी बयान आया है कि उन्होंने फाइल को लेकर कभी मना नहीं किया.

महापौर और पार्षदों को समझाने पहुंचे मंत्री महेश जोशी

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम का विवाद सुलझाने के लिए बुधवार को मंत्री महेश जोशी निगम मुख्यालय पहुंचे. जोशी ने धरने पर बैठे मेयर और पार्षदों से समझाने के लिए दोनों पक्षों को अपनी-अपनी गलती मानते हुए कोई बीच का रास्ता निकालने की नसीहत दी. वहीं अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा की ओर से एसटी एससी एक्ट में एफआईआर दर्ज कराने के लिए सरकार को पत्र लिखने पर महापौर ने कहा कि वर्मा अपनी जाति का सहारा लेकर अपने भ्रष्टाचार के काले कारनामों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने वर्मा के इस तीर के लिए अपनी गोद ली हुई बेटी को ढाल बनाया.

सत्य की नांव डगमगा सकती हैं डूब नहीं सकती हैं, ये कहना है हैरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर का. उन्होंने अतिरिक्त आयुक्त के आने के बाद निगम में माहौल खराब होने की बात कहते हुए कहा कि उनके भ्रष्टाचारों की जुड़ी बाढ नियंत्रण, सुभल शौचालय और अस्थाई बीट्स की फाइलों की जांच होनी चाहिए, और सच सभी के सामने आना चाहिए. जिन फाइलों को लेकर राजेन्द्र वर्मा से विवाद हुआ उन फाइलों की कमेटी बनाकर जांच की जाए. यदि राजेन्द्र वर्मा फाइलों में सही हैं तो जांच कमेटी के अनुसार वो अपना इस्तीफा दे देंगी.

दरअसल, एडिशनल कमिश्नर राजेन्द्र वर्मा ने राज्य सरकार से 16 जून को उनके साथ अभद्रता और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले मेयर, मेयर पति और पार्षदों पर मुकदमा दर्ज कराने की राज्य सरकार ने अनुमति मांगी हैं. जिस पर काउंटर करते हुए मेयर ने कहा कि अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा अब अपनी जाति का सहारा लेकर एसटी और एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कराने के लिए सरकार को पत्र लिखकर अपने भ्रष्टाचार के काले कारनामों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि उन्होंने एक भी जातिसूचक शब्द का प्रयोग नहीं किया है. ऐसा यदि वीडियो अतिरिक्त आयुक्त उपलब्ध करा देते हैं तो वो अपना इस्तीफा दे देंगी.

पढ़ें महापौर और पार्षदों के आरोप के बाद, अब एडिशनल कमिश्नर के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाला वीडियो वायरल

उन्होंने स्पष्ट किया कि एससी और एसटी वर्ग के प्रति उनकी कोई द्वेष भावना नहीं हैं. उनके कार्यकाल में दो आयुक्त अवधेश मीणा और विश्राम मीणा एसटी वर्ग से थे. लेकिन उनसे कभी कोई विवाद नहीं हुआ. जबकि अक्सर देखा जाता है कि आयुक्त और मेयर में विवाद चलता है. इससे उलट एडिशनल कमिश्नर उन पर जाति सूचक शब्द बोलने का इल्जाम लगा रहे है. उन्होंने करीब एक मिनट का वीडियो दिखाकर मेयर बनते ही एक एससी की बच्ची को इशिता जाजोरिया को गोद लेने, उसका जन्मदिन मनाने और उसे एक दिन का मेयर भी बनाने की बात कहते हुए, वाल्मीकि समाज से अपना रिश्ता भी उजागर किया.

वहीं बुधवार को कैबिनेट मंत्री महेश जोशी महापौर और पार्षदों से समझाने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि धरने को 6 दिन हो गए, ऐसे में बतौर जयपुर एमएलए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि पार्षदों की भावनाओं के बारे में जानें और उसे आगे पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि कोशिश करेंगे कि कोई रास्ता निकले ताकि ये धरना खत्म हो. इस मामले में हैरिटेज नगर निगम से जुड़े कांग्रेस के चारों एमएलए की टेलीफोन पर बातचीत हुई है. सभी चाहते हैं कि कोई रास्ता निकले, जिससे सारा कामकाज सामान्य हो सके. हालांकि महापौर और पार्षदों की राजेन्द्र वर्मा को सस्पेंड करने की मांग को लेकर उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वो यहां एमएलए के तौर पर आए हैं, मंत्री के तौर पर नहीं. वहीं महेश जोशी से वार्ता के बाद भी महापौर ने स्प्ष्ट कर दिया कि उन्हें वार्ता नहीं चाहिए, वो संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि यहां बात स्वाभिमान की है. राजेंद्र वर्मा ने महिला महापौर और महिला पार्षदों के साथ बदतमीजी की है. भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए उन्होंने भूमिका बनाई है. इसलिए भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए और जनता के कार्य पटरी पर लाने के लिए उनकी मांग अभी भी राजेंद्र वर्मा को सस्पेंड करने की ही है.

पढ़ें Heritage Nagar Nigam : सफाई कर्मचारी ने 15 दिन में न्याय नहीं मिलने पर सुसाइड की दी चेतावनी, अध्यक्ष पर धोखाधड़ी के आरोप

इससे पहले महेश जोशी के सामने महापौर और पार्षद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राजेंद्र वर्मा हंस रहे हैं, मेयर की कुर्सी पर बैठ गए, बाहर निकले हैं, अगर यही बंधक है तो आजाद कौन है. उनके साथ पांच अन्य अफसर भी बैठे हुए थे. इस पर महेश जोशी ने कहा कि सबसे कठिन चुनाव सबसे छोटा चुनाव होता है. जहां तक एससी एसटी के मुकदमे की बात है, तो कहने मात्र से कोई आरोप सिद्ध नहीं होता, ये एक जांच की मुद्दा है. कुछ आरोप एडिशनल कमिश्नर ने लगाए, कुछ इमोशनल जवाब पार्षदों ने दे दिए. उन्होंने पार्षदों से पूछा कि अब कोई ऐसा रास्ता निकाला जा सकता है क्या कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो कि जिससे गलती हो, वो गलती को मान ले. जहां तक बात फाइल रोकने की है तो यदि कानूनी दृष्टि से सही है, तो इस पर मेयर और पार्षदों को भी कुछ नहीं कहना है. यदि कानूनी दृष्टि से गलत है तो उस पर कार्रवाई हो. उन्होंने ये भी स्पष्ट कहा कि कोई भी एमएलए किसी काम को करने के लिए मना करें, ये गले नहीं उतरता. इस संबंध में प्रताप सिंह खाचरियावास का भी बयान आया है कि उन्होंने फाइल को लेकर कभी मना नहीं किया.

Last Updated : Jun 22, 2023, 10:12 AM IST

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