जयपुर. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल का कहना है कि माइंस विभाग की विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना 2022 में 141 प्रकरणों में 21 करोड़ 85 लाख रुपए की वसूली हुई है. उन्होंने बताया कि 18 अक्टूबर तक विभाग ने 3420 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित (Revenue earned by Mines department) किया, जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 463 करोड़ रुपए से भी अधिक है. उन्होंने खनिज विभाग में जीरो रिमाइण्डर सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए हैं.
डॉ सुबोध अग्रवाल शुक्रवार को सचिवालय में वर्चुअली माइंस विभाग की मासिक रिव्यू बैठक ले रहे (Review meeting of mines department) थे. उन्होंने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना, 2022 अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी के लिए जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है.
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योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है. जिन बकायादारों में केवल ब्याजराशि बकाया है उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता द्वारा स्वतः माफ करने के निर्देश दिए गए हैं. बकाया व ब्याजमाफी योजना 29 अगस्त को आदेश जारी कर 6 माह के लिए लागू की है. डॉ अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में जोधपुर सर्कल में सर्वाधिक 57 प्रकरणों में 16 करोड़ 18 लाख, भीलवाड़ा सर्कल में 5 प्रकरणों में 3 करोड़ 10 लाख, जयपुर सर्कल में 12 प्रकरणों में एक करोड़ 91 लाख की वसूली हुई है.
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एसीएस डॉ अग्रवाल ने राजस्व वसूली पर बताया कि विभाग ने 18 अक्टूबर तक 3420 करोड़ 82 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया गया है जो कि गत वर्ष के अक्टूबर माह के 2957.72 करोड़ की तुलना में 463 करोड़ रुपए अधिक है. राजस्व अर्जन में बीकानेर वृत आगे रहा है. वहीं एमई एएमई कार्यालयों में टोंक एएमई ने लक्ष्यों के विरुद्ध 169 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की है. बीकानेर, बारां, जैसलमेर, करौली, सवाई माधोपुर, सीकर, राजसमंद प्रथम, बिजौलिया और जयपुर ने लक्ष्यों के विरुद्ध सौ प्रतिशत से भी अधिक उपलब्धि हासिल की है.