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माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना में 36 करोड़ 91 लाख रुपए जमा, 92 करोड़ से अधिक के मूल व ब्याज की राहत - Jodhpur circle tops in amnesty scheme

माइंस विभाग की विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना में बकाएदारों से 36 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि जमा हो गई (Mines department earning from amnesty scheme) है. योजना के अंतर्गत 129 करोड़ से ​अधिक के मामलों का निस्तारण हो गया है.

Mines department earning from amnesty scheme crosses Rs 36 crore
माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना में 36 करोड़ 91 लाख रुपए जमा, 92 करोड़ से अधिक के मूल व ब्याज की राहत
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Published : Jan 4, 2023, 5:36 PM IST

जयपुर. माइंस विभाग की विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना, 2022 में अब तक 565 प्रकरणों में 36 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि जमा हो गई (Mines department earning from amnesty scheme) है. गत 29 अगस्त को जारी हुए आदेश से 6 महीने के लिए लागू विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना में फील्ड अधिकारियों को संबंधित बकायादारों से सीधे संपर्क कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं. योजना के अनुसार 129 करोड़ से अधिक के प्रकरणों का निस्तारण हो गया है.

एसीएस माइंस डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना, 2022 अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी के लिए जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है. योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है. जिन बकायादारों में केवल ब्याज राशि बकाया है, उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता को स्वतः माफ करने के निर्देश दिए गए हैं. माइंस विभाग की यह बकाया व ब्याजमाफी योजना 29 अगस्त को आदेश जारी कर 6 माह के लिए लागू की है.

पढ़ें: माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना में 21 करोड़ की वसूली, जोधपुर सर्कल अव्वल

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में जोधपुर सर्कल में सर्वाधिक 179 प्रकरणों में 17 करोड़ 60 लाख रुपए जमा हुए हैं. योजना प्रावधानों के अनुसार 44 करोड़ 26 लाख रुपए की मूल व ब्याज राशि की राहत दी गई है. राजसमंद सर्कल में 97 प्रकरणों में 5 करोड़ 73 लाख रुपए जमा हुए हैं और 6 करोड़ 67 लाख रुपए की मूल व ब्याज में राहत दी गई है. इसी तरह से जयपुर सर्कल में 96 प्रकरणों में 3 करोड़ 13 लाख रुपए जमा हुए हैं और 9 करोड़ 23 लाख रुपए की मूल व ब्याज में राहत दी गई है. बीकानेर सर्कल में 48 प्रकरणों, भीलवाड़ा सर्कल में 26 प्रकरणों, अजमेर सर्कल में 31 प्रकरणों, भरतपुर सर्कल में 33 प्रकरणों, कोटा सर्कल में 26 प्रकरणों और उदयपुर सर्कल में 29 प्रकरणों में राशि जमा हुई है.

पढ़ें: माइंस विभाग का रिकॉर्ड : 4 हजार 234 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व किया इकठ्ठा

उन्होंने एमनेस्टी योजना के सभी प्रकरणों में संबंधित से संवाद कायम कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रेरित करने निर्देश दिए हैं. निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना में शेष रहे समय में अधिक से अधिक प्रकरणों में राशि जमा प्राप्त करने के निर्देश फील्ड अधिकारियों को दिए गए हैं. एमई जोधपुर के यहां सर्वाधिक 6 करोड़ 44 लाख रुपए जमा हुए हैं. वहीं एमई सोजत के यहां 6 करोड़ 27 लाख रुपए, एमई राजसमंद प्रथम के यहां 5 करोड़ 15 लाख जमा हुए हैं. सर्वाधिक 145 प्रकरणों का निष्पादन एमई सिरोही कार्यालय में हुआ है.

जयपुर. माइंस विभाग की विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना, 2022 में अब तक 565 प्रकरणों में 36 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि जमा हो गई (Mines department earning from amnesty scheme) है. गत 29 अगस्त को जारी हुए आदेश से 6 महीने के लिए लागू विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना में फील्ड अधिकारियों को संबंधित बकायादारों से सीधे संपर्क कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए हैं. योजना के अनुसार 129 करोड़ से अधिक के प्रकरणों का निस्तारण हो गया है.

एसीएस माइंस डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना, 2022 अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी के लिए जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है. योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है. जिन बकायादारों में केवल ब्याज राशि बकाया है, उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता को स्वतः माफ करने के निर्देश दिए गए हैं. माइंस विभाग की यह बकाया व ब्याजमाफी योजना 29 अगस्त को आदेश जारी कर 6 माह के लिए लागू की है.

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डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में जोधपुर सर्कल में सर्वाधिक 179 प्रकरणों में 17 करोड़ 60 लाख रुपए जमा हुए हैं. योजना प्रावधानों के अनुसार 44 करोड़ 26 लाख रुपए की मूल व ब्याज राशि की राहत दी गई है. राजसमंद सर्कल में 97 प्रकरणों में 5 करोड़ 73 लाख रुपए जमा हुए हैं और 6 करोड़ 67 लाख रुपए की मूल व ब्याज में राहत दी गई है. इसी तरह से जयपुर सर्कल में 96 प्रकरणों में 3 करोड़ 13 लाख रुपए जमा हुए हैं और 9 करोड़ 23 लाख रुपए की मूल व ब्याज में राहत दी गई है. बीकानेर सर्कल में 48 प्रकरणों, भीलवाड़ा सर्कल में 26 प्रकरणों, अजमेर सर्कल में 31 प्रकरणों, भरतपुर सर्कल में 33 प्रकरणों, कोटा सर्कल में 26 प्रकरणों और उदयपुर सर्कल में 29 प्रकरणों में राशि जमा हुई है.

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उन्होंने एमनेस्टी योजना के सभी प्रकरणों में संबंधित से संवाद कायम कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रेरित करने निर्देश दिए हैं. निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना में शेष रहे समय में अधिक से अधिक प्रकरणों में राशि जमा प्राप्त करने के निर्देश फील्ड अधिकारियों को दिए गए हैं. एमई जोधपुर के यहां सर्वाधिक 6 करोड़ 44 लाख रुपए जमा हुए हैं. वहीं एमई सोजत के यहां 6 करोड़ 27 लाख रुपए, एमई राजसमंद प्रथम के यहां 5 करोड़ 15 लाख जमा हुए हैं. सर्वाधिक 145 प्रकरणों का निष्पादन एमई सिरोही कार्यालय में हुआ है.

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