जयपुर: शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि पीड़ित की पत्नी (Victim Wife) कि वर्ष 2019 में मौत हो गई थी. जिसका फायदा उठाकर नारायण नाम के व्यक्ति ने पीड़ित की मुलाकात साधना नाम की महिला से करवाई. साधना ने पीड़ित को बताया कि वह संपत नाम की एक महिला के साथ रहती है जो उसकी धर्म माता है. उसके आगे पीछे कोई नहीं है और उसे भी सहारे की जरूरत है.
उसके बाद साधना ने पीड़ित की मुलाकात संपत नाम की महिला से कराई और दोनों के बीच में लिव इन रिलेशनशिप (Live-In Relationship) का एक इकरारनामा (Agreement On Live In) तैयार किया गया. जिसके बाद पीड़ित, संपत नाम की महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप (Live In Relationship) में रहने लगा.
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फिर रखी 50 लाख की डिमांड!
कुछ दिनों तक तो सब कुछ सामान्य चलता रहा लेकिन 1 दिन संपत ने पीड़ित (Victim) को उसकी धर्म बेटी साधना को 25 लाख रुपए का एक प्लॉट (Plot) दिलाने के लिए कहा. जिस पर पीड़ित ने असमर्थता जाहिर करते हुए प्लॉट नहीं दिलाने की बात कही तो संपत, साधना और उनके साथ गिरोह में शामिल अन्य लोगों ने पीड़ित को दुष्कर्म (Case Of Rape) के झूठे मामले (False Case) में फंसा कर जेल भिजवाने की धमकी देना शुरू कर दिया. इसके साथ ही पीड़ित को 25 लाख रुपए नकद देने और 25 लाख रुपए का प्लॉट दिलाने को लेकर ब्लैकमेल (Blackmail) करने लगे।
पड़ताल पर खुली पोल
इस पर जब पीड़ित ने अपने स्तर पर पड़ताल की तो पता चला की गिरोह में शामिल संपत नाम की महिला शादीशुदा है जो इसी प्रकार से पूर्व में अनेक लोगों को हनी ट्रैप (Honey Trap) में फंसा कर ब्लैकमेल कर चुकी है. गिरोह में संपत कंवर, साधना, पूनम, नारायण, नरेंद्र कुमार, सुमित्रा, रवि पूनिया, मोनिका, विक्रम सिंह और राजेश नामक लोग शामिल हैं. जिनके खिलाफ झुंझुनू (Jhunjhunu) के कोतवाली, चिड़ावा, बिसाऊ, जयपुर (Jaipur) के बगरू, झोटवाड़ा (Jhotwara) और कोटा (Kota) शहर के महावीर नगर थाने में ब्लैकमेल कर लोगों से राशि हड़पने के प्रकरण दर्ज (Fraud Case) है.
इनको फंसाते हैं
गिरोह के सदस्य (Gang) ऐसे लोगों की तलाश करते रहते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति (Financially Sound) मजबूत है और जिनकी शादी नहीं हुई है, तलाकशुदा (Divorcee) हैं या पत्नी नहीं है. ऐसे लोगों का हनी ट्रैप (Honey Trap) करने के बाद गिरोह के सदस्य ब्लैकमेल कर मोटी रकम हड़पते हैं. फिलहाल कालवाड़ (Kalwar) थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 384, 385, 386, 420 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.