जयपुर. हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद उनके आवास पर जश्न का माहौल है. ढोल बजाते हुए समर्थक, हेरिटेज नगर निगम के पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि महापौर के परिजनों को बधाई देने पहुंचे. इस दौरान महापौर मुनेश गुर्जर ने न्यायालय में अभी भी प्रकरण पेंडिंग होने की बात कहते हुए, सुदर्शन चक्र वाले पर भरोसे की बात कही है. वहीं, परिजनों ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. षड्यंत्र करने वालों को जवाब मिल गया है, जल्द ही सुशील गुर्जर भी आरोपों से मुक्त होंगे.
गणेश मंदिर पहुंचीः पद से निलंबित किए जाने के प्रकरण को हाईकोर्ट में चैलेंज करने के बाद बुधवार को मुनेश गुर्जर को राहत मिली. इसके बाद उन्होंने सबसे पहले मोती डूंगरी गणेश मंदिर और जीण माता मंदिर पहुंच मत्था टेका. वहीं, महापौर ने कहा कि न्यायालय में अभी प्रकरण पेंडिंग है, इसलिए ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहेंगी, लेकिन ये जरूर कहेंगी कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और पार्षद इन विपरीत परिस्थितियों में संबल बनकर साथ खड़े थे. इससे बहुत हिम्मत और ताकत मिली. उन सभी को बहुत धन्यवाद देना चाहेंगी. उन्होंने कहा कि जयपुर ने उन्हें बहुत प्यार दिया है, वो जयपुर की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगी. उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र वाले का आशीर्वाद है, जैसा वो चाहेंगे वैसा ही होगा.
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पिता बोले- सत्य की जीत हुईः वहीं, मुनेश गुर्जर के पिता बीरबल गुर्जर ने भगवान का धन्यवाद देते हुए कहा कि ये सत्य की जीत हुई है. उनके बच्चे आगे भी कांग्रेस के कार्यकर्ता ही रहेंगे और तन मन धन से पार्टी के लिए काम करेंगे. उन्होंने कामना की कि जल्द सुशील गुर्जर को भी राहत मिलेगी. मुनेश गुर्जर के ससुर कैप्टन राम प्रसाद गुर्जर ने कहा कि ऊपरवाला हमेशा सही फैसला करता है. उनके बेटे और बहू ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा और अब तो पहले से भी ज्यादा खुशी है, क्योंकि यदि व्यक्ति समुद्र में डूब रहा होता है और बच जाता है तो उसे पहले से भी ज्यादा खुशी महसूस होती है. उन्होंने कहा कि षड्यंत्र करने वालों को जवाब मिल गया है और अभी और मिलेगा, इससे काम नहीं चलेगा, क्योंकि वेदों की भी यही वाणी है कि जो किसी के लिए गड्ढा खोदता है, वह उसमें खुद गिरता है.
वहीं, इस पूरे प्रकरण में उप महापौर की कुर्सी पर भी तलवार लटकी हुई थी. ऐसे में न सिर्फ मुनेश गुर्जर ने बल्कि उपमहापौर असलम फारूकी ने भी राहत की सांस ली. उन्होंने कहा कि कहीं भी आपको लगता है कि आपके साथ गलत हुआ है तो कोर्ट का सहारा लेते ही है मेयर ने भी कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट ने माना कि डिसीजन में गलत हुआ है. इसलिए कोर्ट ने इंसाफ किया.
उन्होंने कहा कि उन्हें भी एडिशनल कमिश्नर प्रकरण में नोटिस दिए गए हैं, ये भी डिपार्टमेंट की चूक है. क्योंकि जिस प्रकरण की जांच अभी तक राजस्थान पुलिस ने पूरी नहीं की उसमें आप कैसे दोषी ठहरा सकते हो, बाकी सरकार को जवाब पेश किया जा चुका है, वही फैसला करेगी. आखिर में उन्होंने कहा कि डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस पार्टी की इच्छा से दिया गया है, और यदि पार्टी की इच्छा हुई किसी और को डिप्टी मेयर बनाने की तो उसकी इच्छा का सम्मान किया जाएगा.