जयपुर. एमबीबीएस में छात्रों को प्रवेश दिलवाने और नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. रविवार को प्रतापनगर थाना पुलिस ने 1.37 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में मास्टरमाइंड नीरज कुमार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने जोधपुर के कोचिंग सेंटर संचालक से धोखाधड़ी की थी. इससे पहले पुलिस दलाल को गिरफ्तार कर चुकी है.
एडिशनल डीसीपी ईस्ट अवनीश कुमार के मुताबिक मामले में आरोपी नीरज कुमार के दलाल रवि चौधरी को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोपी नीरज कुमार घटना के बाद से फरार चल रहा था. उसका नंबर भी बंद आ रहा था. पुलिस को आरोपी के दिल्ली में छुपे होने की सूचना प्राप्त हुई थी. पुलिस ने सूचना के आधार पर दिल्ली में दबिश देकर आरोपी नीरज कुमार को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
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भरोसा जीतने के लिए वापस लौटाई रकम : पुलिस के मुताबिक पीड़ित लाल गहलोत ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि एमबीबीएस में एडमिशन करवाए जाने का विज्ञापन देखकर रवि चौधरी से संपर्क किया था. रवि चौधरी ने राजस्थान के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाने की गारंटी दी थी. इसके बाद परिवादी ने वर्ष 2018 में 3 छात्रों का एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के नाम पर 60 लाख रुपए रवि को दे दिए.
झांसे में आकर सवा करोड़ से ज्यादा रुपये दिए : करीब 8 महीने बाद छात्रों का एडमिशन नहीं होने पर आरोपी ने 60 लाख वापस लौटा दिए थे. इसके बाद रवि चौधरी ने परिवादी को नीरज कुमार से मिलवाया. नीरज कुमार को एम्स दिल्ली में डॉक्टर बताया. नीरज ने भी परिवादी से भारत के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाने का झांसा दिया. उसकी बातों में आकर परिवादी ने 3 मार्च 2019 को 5 छात्रों में से 2 छात्रों को एम्स में नौकरी लगाने और तीन छात्राओं का एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर 1.37 करोड़ रुपए दे दिए.
रुपए लेने के बाद आरोपियों ने छात्रों को न तो नौकरी लगवाई और न ही एमबीबीएस में एडमिशन दिलवाया. जब परिवादी ने रवि चौधरी से संपर्क किया तो उसने कहा कि मैंने रुपए नीरज कुमार को दे दिए हैं. इसके बाद दोनों आरोपियों ने मोबाइल फोन बंद कर लिए और फरार हो गए. पीड़ित की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.