जयपुर. शहर की निचली अदालत में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के न्यायिक अधिकारी के घर आत्मदाह से जुड़े मामले में अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों ने सोमवार को भी सामूहिक अवकाश जारी (Mass leave continues by judicial employees) रखा.
वहीं घटना की सीबीआई जांच और न्यायिक अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच की मांग के साथ-साथ कर्मचारियों ने मृतक कर्मचारी के आश्रितों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग भी जोड़ दी है. वहीं कर्मचारियों ने आंदोलन को तेज करते हुए क्रमिक अनशन शुरु कर दिया है. इसके साथ ही मंगलवार को सभी तहसील मुख्यालय के कोर्ट कर्मचारियों को जयपुर मुख्यालय बुलाया गया है.
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कर्मचारियों के अवकाश पर रहने के चलते अदालतों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है. न्यायाधीशों तक फाइल नहीं पहुंचने के चलते मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है. गौरतलब है कि एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत में पदस्थापित कर्मचारी सुभाष मेहरा ने गत 10 नवंबर को न्यायिक अधिकारी के घर की छत पर आत्मदाह कर लिया था. सुभाष देरी होने पर न्यायिक अधिकारी के घर की छत पर बने कमरे में रुकता था. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि उसकी हत्या की गई है. ऐसे में प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाए.
अतिक्रमण मामले में 3 माह का समय: राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुनूं की सूरजगढ़ तहसील के ग्राम फरहत की चारागाह भूमि पर हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पीएलपीसी को तीन माह का समय दिया है. वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह इस संबंध में अपनी आपत्ति पीएलपीसी के समक्ष पेश करे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश भगवानी देवी की याचिका पर दिए.
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याचिका में अधिवक्ता बाबूलाल बैरवा ने अदालत को बताया कि फरहत गांव की 7 हैक्टर चारागाह भूमि पर गांव के प्रभावशाली लोगों ने कब्जा करने के बाद निर्माण कर लिया है. यदि अन्य लोग इस भूमि पर गलती से भी प्रवेश कर जाए, तो अतिक्रमी उन्हें मारने पर उतारू हो जाते हैं. याचिका में कहा गया कि अतिक्रमण को हटाने ने लिए स्थानीय प्रशासन को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन अतिक्रमी रसूखदार होने के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जिला कलेक्टर को अतिक्रमण पर कार्रवाई करने को कहा है.
देह व्यापार कराने वाले को 24 साल बाद 3 साल की सजा: महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-3 महानगर द्वितीय ने युवतियों से अनैतिक व्यापार कराने वाले अभियुक्त मनोज उर्फ कुणाल जैन को घटना के 24 साल बाद तीन साल की सजा सुनाई (Accused of prostitution jailed for 3 years) है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 5500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं प्रकरण में दलाल आकाश बंगाली और दो महिलाएं फरार चल रही हैं.
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अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि मामले में अशोक नगर सीओ अनिल टांक ने 23 दिसंबर, 1998 को शिप्रा पथ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि मुखबिर से सूचना मिली कि शिप्रापथ पर किराए से रहने वाला मनोज जैन और आकाश लोगों को वैश्यावृत्ति के लिए रुपए लेकर महिलाएं उपलब्ध कराते हैं और खुद के मकान में भी अनैतिक काम कराते हैं. मुखबिर की सूचना पर मौके पर दबिश देकर दो महिलाओं सहित मनोज और आकाश को गिरफ्तार किया गया. वहीं प्रकरण में जमानत लेने के बाद आकाश और दोनों महिला आरोपी फरार हो गई. इस पर अदालत ने उन्हें पूर्व में भगोड़ा घोषित कर गिरफ्तारी के स्थाई वारंट जारी किए थे.