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जयपुर: सामूहिक विवाह सम्मेलनों में हाथो-हाथ होंगे विवाह पंजीयन - जगरूप सिंह यादव

जयपुर में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा. इस संबंध में जगरूप सिंह यादव ने विवाह पंजीयन अधिकारी को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि विवाह पंजीयन की व्यवस्था मौके पर ही अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए.

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Published : Nov 8, 2019, 5:01 PM IST

जयपुर. सामूहिक विवाह आयोजन में होने वाले विवाह पंजीयन की व्यवस्था मौके पर ही अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने इस संबंध में विवाह पंजीयन अधिकारी, नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, ग्राम विकास अधिकारी को निर्देश जारी किया है.

सामूहिक विवाह सम्मेलनों में तत्काल होंगे विवाह पंजीयन

कलेक्टर यादव ने बताया कि राजस्थान सामूहिक विवाह और अनुदान नियम 2018 के अंतर्गत होने वाले सामूहिक विवाह आयोजन में विवाह पंजीयन अधिकारी को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि नियमानुसार सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाली संस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन सामूहिक विवाह में होने वाले विवाहों के पंजीकरण के लिए राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2009 के अंतर्गत वांछित सभी दस्तावेज पंजीयन आवेदन के साथ संलग्न कर दिए जाएं.

इसके साथ ही सभी विवाह सम्मेलन में विवाह पंजीयन अधिकारी मौजूद रहकर पंजीयन की कार्रवाई करेंगे. यादव ने बताया कि नियमानुसार विवाह के पंजीकरण के लिए विवाह के बाद 15 दिन का समय मिलता है. लेकिन, नियमों की समझ नहीं होने और विवाह के बाद रीति-रिवाजों में व्यस्त होने के चलते यह समय निकल जाता है. इसलिए राज्य सरकार द्वारा विवाहित जोड़े को दिए जाने वाला अनुदान मिलने में कठिनाई होती है.

पढ़ें- जयपुर: केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस करेगी विरोध प्रदर्शन

इसी के चलते सम्मेलनों में मौके पर ही विवाह पंजीयन की सुविधा अनिवार्य किए जाने का निर्देश जारी किया गया है. कलेक्टर यादव ने बताया कि प्रत्येक जोड़ी को 15 हजार रुपये की अनुदान राशि मिलती है.

जयपुर. सामूहिक विवाह आयोजन में होने वाले विवाह पंजीयन की व्यवस्था मौके पर ही अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने इस संबंध में विवाह पंजीयन अधिकारी, नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, ग्राम विकास अधिकारी को निर्देश जारी किया है.

सामूहिक विवाह सम्मेलनों में तत्काल होंगे विवाह पंजीयन

कलेक्टर यादव ने बताया कि राजस्थान सामूहिक विवाह और अनुदान नियम 2018 के अंतर्गत होने वाले सामूहिक विवाह आयोजन में विवाह पंजीयन अधिकारी को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि नियमानुसार सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाली संस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन सामूहिक विवाह में होने वाले विवाहों के पंजीकरण के लिए राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2009 के अंतर्गत वांछित सभी दस्तावेज पंजीयन आवेदन के साथ संलग्न कर दिए जाएं.

इसके साथ ही सभी विवाह सम्मेलन में विवाह पंजीयन अधिकारी मौजूद रहकर पंजीयन की कार्रवाई करेंगे. यादव ने बताया कि नियमानुसार विवाह के पंजीकरण के लिए विवाह के बाद 15 दिन का समय मिलता है. लेकिन, नियमों की समझ नहीं होने और विवाह के बाद रीति-रिवाजों में व्यस्त होने के चलते यह समय निकल जाता है. इसलिए राज्य सरकार द्वारा विवाहित जोड़े को दिए जाने वाला अनुदान मिलने में कठिनाई होती है.

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इसी के चलते सम्मेलनों में मौके पर ही विवाह पंजीयन की सुविधा अनिवार्य किए जाने का निर्देश जारी किया गया है. कलेक्टर यादव ने बताया कि प्रत्येक जोड़ी को 15 हजार रुपये की अनुदान राशि मिलती है.

Intro:जयपुर। सामूहिक विवाह आयोजन में होने वाली विवाह पंजीयन की व्यवस्था मौके पर ही अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने इस संबंध में विवाह पंजीयन अधिकारी, नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, ग्राम विकास अधिकारी को निर्देश जारी किया है।


Body:ग्राम विकास अधिकारी को निर्देश जारी किया है।
कलेक्टर यादव ने बताया कि राजस्थान सामूहिक विवाह एवं अनुदान नियम 2018 के अंतर्गत होने वाली सामूहिक विवाह आयोजन में विवाह पंजीयन अधिकारी को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं उन्होंने बताया कि नियमानुसार सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाली संस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन सामूहिक विवाह में होने वाले विवाहों के पंजीकरण के लिए ''राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2009 के अंतर्गत वांछित सभी दस्तावेज पंजीयन आवेदन के साथ संलग्न कर दिए जाएं। सभी विवाह सम्मेलन में विवाह पंजीयन अधिकारी मौजूद रहकर पंजीयन की कार्यवाही करेंगे। यादव ने बताया कि नियमानुसार विवाह के पंजीकरण के लिए विवाह के बाद 15 दिन का समय मिलता है लेकिन नियमों की समझ नहीं होने और विवाह के बाद रीति-रिवाजों में व्यस्त होने के चलते यह समय निकल जाता है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा विवाहित जोड़े को दिए जाने वाला अनुदान मिलने में कठिनाई होती है। इसी के चलते सम्मेलनों में मौके पर ही विवाह पंजीयन की सुविधा अनिवार्य किए जाने का निर्देश जारी किया गया है। कलेक्टर यादव ने बताया कि प्रत्येक जोड़ी को 15 हजार रुपये की अनुदान राशि मिलती है।

बाईट जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव


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