जयपुर. राजस्थान में बदहाल कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं. मौजूदा आलम यह है कि आम तो छोड़िए खास भी सुरक्षित नहीं है. प्रदेश में आए दिन हो रहे आपराधिक घटनाओं के बीच अब बदमाशों के निशाने पर जनप्रतिनिधि भी आने लगे हैं. अब तक 6 विधायकों को धमकी या उन पर हमले हो चुके हैं. गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था पहले से ही बड़ी चुनौती रही है. लेकिन अब जिस तरह से जनप्रतिनिधियों को अपनी जान का खतरा सता रहा है, उसको केंद्र कर अब विपक्ष ने भी सत्ता पक्ष पर हमले तेज कर दिए हैं.
जनप्रतिनिधियों को सता रहा जान का खतरा - पहले कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर, भाजपा विधायक अभिनेष महर्षि और निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ को जान से मारने की धमकी मिली. वहीं, कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा की कार पर भोपालगढ़ में हमला किया गया. इससे पहले सांसद रंजीता कोहली, विधायक ओम प्रकाश हुड़ला और कृष्णा पूनिया ने अपने जान के खतरे के बीच सुरक्षा की मांग की थी और उन्हें सुरक्षा मुहैया भी कराई गई. वहीं, शुक्रवार को बसपा से कांग्रेस में आए नदबई विधायक और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना ने भी अपनी जान को खतरा बताया. अवाना ने सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग उनकी हत्या करवाना चाहते हैं.
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कार्रवाई पर सवाल - विधायक जोगिंदर सिंह अवाना ने तो इस बात पर भी दुख जताया कि सरकार को लिखित में शिकायत देने के बाद भी अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि, आवाना से पहले भी कांग्रेस के कई विधायक आरोप लगा चुके हैं. विधायकों की मानें तो पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं, प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर अब विपक्ष की ओर से भी गहलोत सरकार पर हमले तेज हो गए हैं. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा ने बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर राज्य की गहलोत सरकार पर हमले किए. शर्मा ने कहा कि अपराधियों के अंदर सरकार और पुलिस का कोई खौफ नहीं है. यही कारण है कि आज प्रदेश में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि अब आम आदमी तो छोड़िए वो जनप्रतिनिधियों को भी धमकी देने से बाज नहीं आ रहे हैं. इतना ही नहीं कई विधायकों के ऊपर तो हमले भी हुए हैं, जो प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था की निशानी है.
बता दें कि राजस्थान के चार विधायकों को जान से मारने की धमकी मिली है. लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि जिन विधायकों को धमकी मिली है, वो किसी दल विशेष के नहीं हैं. इसमें कांग्रेस, भाजपा के साथ ही निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. इतना ही नहीं किशनगढ़ के कांग्रेस विधायक के बेटे की निर्मम हत्या तक हो चुकी है. खैर, ये सब इस बात को इंगित करते हैं कि कांग्रेस शासन में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, जिन्हें न तो सरकार और न ही पुलिस से कोई खौफ है.