जयपुर. राजस्थान में महिलाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने या करने वाली 6 फुट 2 इंच की मालती चौहान न सिर्फ अपने हुनर की वजह से बल्कि अपने व्यवहार के कारण भी कर्मचारियों के दिलों में राज करती हैं. मालती उन तमाम महिलाओं के लिए एक मिसाल बनी है, जो स्कूल के समय तक तो खेलों में रुचि दिखाती हैं, लेकिन इसके बाद घर गृहस्थी और पैसे कमाने की दौड़ में खेलों से दूर हो जाती हैं.
मालती चौहान जहां भी जाती है. वहां लोग उनके काम के साथ साथ उनके कद को देखकर हैरान रह जाते हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने 6 फुट 2 इंच की मालती चौहान से उनकी कहानी के बारे में जाना.
मालती है इंटरनेशनल वॉलीबॉल प्लेयर....
मालती चौहान इंटरनेशनल वॉलीबॉल प्लेयर है और हमेशा वे महिलाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करती रहती है. जिसका परिणाम है कि आज कई महिलाएं, बच्चियां खेलों से जुड़ने लगी है. मालती सचिवालय में स्पोर्ट्स ऑफिसर के पद पर कार्यरत है. मालती ने इस पद पर रहकर कर ट्राइबल बच्चों के लिए टूर्नामेंट पॉलिसी बनाई तो वही ट्राइबल स्पोर्ट्स होस्टल के बच्चों के लिए स्कूल स्टेट लेवल प्रतियोगिता में भाग लेने की योजना बनाई, जो बहुत कारगर साबित हो रही है.
मालती ने कर्मचारियों के तनाव को देखते हुए उनके लिए सिविल सर्विसेज स्पोर्ट्स की शुरुवात की. जिसमें एक हजार से भी ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी भाग लेते हैं. सिविल सर्विसेज स्पोर्ट्स करवाने वाला राजस्थान पहला राज्य है. इसी के साथ चीफ सेक्रेटरी टूर्नामेंट की भी शुरुवात की गई. कद रहा चुनौतीपूर्ण, लेकिन कद को लिया पॉजिटिवमालती की 6 फुट 2 इंच का कद चुनौतीपूर्ण रहा. लेकिन मालती ने उस कद को पॉजिटिव लेते हुए समाज सेवा के रूप में भी काम लिया.
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मालती का मानना है कि हर काम को सकारात्मक रूप से लिया जाना चाहिए. मालती ने बताया कि 4 साल की उम्र में ही पिता को मृत्यु हो गयी और उनके जाने के बाद घर की जिम्मेदारियां बढ़ गयी थी. मालती जब से स्पोर्ट्स ऑफिसर बनी है तब से वो निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रही हैं. इसी वजह से आमजन उनके पास अपनी फरियाद लेकर आता है तो वे उनकी मदद में हमेशा तैयार रहती हैं. मालती ने कहा कि निस्वार्थ भाव से किसी की सेवा करेंगे तो सफलता अपने आप मिलेगी.
मालती चौहान से प्रेरित हुई संध्या शर्मा उनकी मेहनत का उदाहरण है. 54 साल की संध्या शर्मा राजभवन में वित्त सलाहकार के पद पर कार्यरत हैं. संध्या ने बताया कि स्कूल समय में तो खेल बहुत खेला, लेकिन उसको निरंतर नहीं रख सकी. संध्या ने बताया कि मालती की वजह से ही आज दोबारा खेल में रुचि बढ़ी है. मालती ने ही मेरी हिम्मत बढ़ाई और मुझे खेल के लिए आगे बढ़ाया. इसी के साथ आज हमारे साथ कई महिलाएं जुड़ी हैं, जो समय समय पर टूर्नामेंट्स में भाग लेती रहती हैं.