जयपुर. राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रविवार के बाद सोमवार को भी दिनभर पतंगबाजी से हुई दुर्घटना के मामले सामने आते रहे. किसी के छत से गिरने से फ्रैक्चर होने तो किसी को मांझे की चपेट में आने की वजह से नाक, गला कटने के चलते अस्पताल लाया गया, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा दर्दनाक हादसा 13 वर्षीय रिंकू के साथ हुआ. अस्पताल उपाध्यक्ष के डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि जयपुर के तूंगा प्रेमपुरा भटेरी का रहने वाला रिंकू पतंग उड़ाते वक्त छत से गिर गया. जिसे लेकर परिजन अस्पताल तक तो पहुंचे, लेकिन यहां आने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी.
उन्होंने बताया कि 29 लोग पतंगबाजी के कारण दुर्घटना का शिकार हुए. इनमें 9 केस मांझे से कटने की वजह से अस्पताल पहुंचे. इनमें 6 की इंजरी ज्यादा थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है. जिनमें सुभाष चौक में रहने वाले दशरथ शर्मा की हेलमेट होने के बावजूद मजे से गर्दन कट गई. उसके गले में 6 टांके आए हैं. इसी तरह ट्रांसपोर्ट का रहने वाले मोहम्मद तज्जुद्दीन भी दोपहिया पर सवार होकर घर से निकले थे, लेकिन रास्ते में मांझे से उनकी नाक कट गई.
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वहीं, निवारू रोड स्थित लालचंदपुरा में रहने वाली 9 साल की मासूम राधिका दूसरी मंजिल से पहली मंजिल पर जा गिरी. उसके सिर पर चोट आई है. हालांकि, बच्ची की स्थिति नॉर्मल बताई जा रही है, लेकिन उसे 24 घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा है. वहीं, चाकसू की रहने वाली 7 वर्षीय अलीना भी पतंग के चक्कर में छत से गिरी, जिसके सीधे हाथ की हड्डी टूट गई. टोंक के रहने वाले 5 वर्षीय युवान और सलेमपुर की रहने वाली 9 वर्ष की तन्वी की भी सिर्फ छत से गिरने से सिर में काफी चोट आई है.
इससे पहले रविवार को भी करीब 60 पेशेंट ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे, जिनमें से करीब 15 के हालात क्रिटिकल थे. इनमें पांच और छह साल के दो मासूम सीरियस हेड इंजरी की वजह से आईसीयू में भी भर्ती है.