जयपुर. राजधानी की पतंगबाजी देश-दुनिया में मशहूर है. मकर सक्रांति पर पतंगबाजी बेजुबान परिंदों की जान के लिए भी घातक बन जाती है. पतंग की डोर में फंसकर बेजुबान पक्षी घायल हो जाते हैं. घायल पक्षियों की जान बचाने के लिए वन विभाग अलर्ट है. घायल पक्षियों के इलाज के लिए वन विभाग की ओर से जयपुर शहर में विभिन्न एनजीओ के सहयोग से करीब एक दर्जन से ज्यादा बर्ड्स ट्रीटमेंट कैंप लगाए जाएंगे. वहीं वन विभाग की ओर से अशोक विहार में उपचार केंद्र बनाया गया है. 12 से 16 जनवरी तक पक्षी उपचार शिविर लगाए जाएंगे.
ज्यादातर एनजीओ के बर्ड्स ट्रीटमेंट शिविर 13 से 15 जनवरी तक लगाए जाएंगे. रक्षा संस्थान की ओर से 12 से 16 जनवरी तक बर्ड्स ट्रीटमेंट कैंप लगाए जाएंगे. रक्षा संस्थान की ओर से पूरे 12 महीने पक्षियों के ट्रीटमेंट के लिए मालवीय नगर में सेंटर बना हुआ है. लेकिन मकर संक्रांति पर शहर में अस्थाई रूप से अलग-अलग जगह पर कैंप लगाए जाते हैं. वहीं अशोक विहार में वन विभाग का पक्षी उपचार केंद्र नियमित रहेगा. वन विभाग ने आमजन से अपील की है कि बेजुबान परिंदों की जान बचाने के लिए विभाग का सहयोग करें. अगर कोई भी घायल पक्षी कहीं पर नजर आता है, तो उसे रेस्क्यू सेंटर पर पहुंचाएं या फिर वन विभाग और एनजीओ के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें.
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बर्ड्स ट्रीटमेंट कैंप लगाने की तैयारी: डीएफओ संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि मकर संक्रांति पर घायल पक्षियों की जान बचाने के लिए वन विभाग ने एनजीओ के साथ मिलकर बर्ड्स ट्रीटमेंट कैंप लगाने की तैयारी की है. घायल पक्षियों के लिए रेस्क्यू सेंटर अस्थाई रूप से बनाया गया है. रेस्क्यू सेंटर में डॉक्टर की ड्यूटी रहेगी. एनजीओ कार्यकर्ता अलग-अलग स्थान से घायल पक्षियों को सेंटर पर लाते हैं. आमजन भी घायल पक्षियों को रेस्क्यू सेंटर तक पहुंचने में सहयोग करते हैं. रेस्क्यू सेंटर पर घायल पक्षियों का उपचार किया जाता है.
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पक्षियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना जरूरी: कटियार के मुताबिक किसी को भी अगर घायल पक्षी मिलता है, तो वन विभाग के कैंप में ला सकता है या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दे सकता है. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सुबह और शाम के समय पक्षियों का स्वच्छंद विचरण रहता है. ऐसे में सुबह और शाम के समय पतंगबाजी नहीं करें. इसके साथ ही चाइनीज मांझे का उपयोग नहीं करें. चाइनीज मांझा पक्षियों के साथ ही आमजन की जान के लिए भी घातक होता है.
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर के मुताबिक वन विभाग का अशोक विहार पक्षी उपचार केंद्र पूरे साल चालू रहता है. लेकिन मकर सक्रांति पर ज्यादा पक्षी घायल होते हैं, ऐसे में जयपुर शहर के विभिन्न इलाकों में पक्षी उपचार शिविर लगाए जाएंगे. पक्षियों के भोजन-पानी के इंतजाम भी किए गए हैं. पक्षियों को तेज ठंड से बचाने के लिए सेंटर पर हीटर की व्यवस्था भी की गई है.
डॉक्टर अशोक तंवर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुबह 6 से 8 बजे तक और शाम को 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी नहीं करें. सुबह के समय पक्षी अपना खाना तलाश करने निकलते हैं. और शाम के समय अपने घोसलों में वापस लौटते हैं. चाइनीज मांझा का उपयोग नहीं करें, सादा डोर से पतंग उड़ाएं. पक्षी के घायल होने पर उसका ब्लड लॉस रोकने के लिए बीटाडीन का उपयोग करके कॉटन लगा दें. घायल पक्षी को खाना-पीना नहीं देना चाहिए. बल्कि ब्लड को रोकने का प्रयास करना चाहिए.