जयपुर. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने गुरुवार को अपने सरकारी बंगले पर एक प्रेस वार्ता कर राजस्थान में जल जीवन मिशन को लेकर हो रही प्रगति की रिपोर्ट मीडिया के सामने रखी, साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दिए गए बयान पर भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियां होने के बावजूद भी राजस्थान में जल जीवन मिशन को लेकर अच्छा काम हो रहा है. जल जीवन मिशन के तहत अब तक प्रदेश में 42 लाख से अधिक कनेक्शन हो चुके हैं.
मीडिया से रूबरू होते हुए जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री समय-समय पर प्रदेश में जल जीवन मिशन की प्रगति को लेकर आरोप लगाते रहे हैं. बुधवार को भी उन्होंने कहा था कि राजस्थान जल जीवन मिशन को लेकर गंभीर नहीं है. इस बात पर पलटवार करते हुए महेश जोशी ने कहा कि शेखावत जी को यह बात अच्छी नहीं लगती कि जल जीवन मिशन योजना की राजस्थान में परफॉर्मेंस अच्छी हो. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को लेकर राजस्थान में अच्छा काम हो रहा है, जो पैरामीटर बनाए गए हैं उनके अनुसार देखा जाए तो राजस्थान में अच्छा काम अन्य राज्यों के मुकाबले हुआ है.
उन्होंने कहा कि योजना के पैरामीटर इस तरह से बना रखे हैं कि राजस्थान की परफॉर्मेंस खराब दिखाई दे. पेयजल को लेकर राजस्थान में विषम परिस्थितियां हैं, हमारे पास पूरे देश का 10 फीसदी भू-भाग है, जबकि पेयजल की मात्रा 1 प्रतिशत से थोड़ी सी अधिक है. जोशी ने कहा कि हाल ही में जारी आंकड़ों को देखा जाए तो योजना के तहत खर्च करने के मामले में प्रदेश दूसरे नंबर पर है और कनेक्शन देने के पैरामीटर के अनुसार हम बारहवे नंबर पर हैं. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश हमसे ऊपर हैं, लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जहां योजना के तहत खर्च राजस्थान से भी कम हुआ है. उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में आबादी भी हमसे ज्यादा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस गुजरात राज्य से आते हैं वहां भी हमसे कम पैसा खर्च हुआ है. जोशी ने कहा कि मैं गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान को पूरी तरह से गलत मानता हूं. राजस्थान का जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें अपना धर्म निभाना चाहिए और जेजेएम के तहत राजस्थान को अतिरिक्त सहायता दिलानी चाहिए. गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के लिए कुछ नहीं किया है. उनके मंत्रालय से जुड़ा हुआ ईआरसीपी का काम भी उन्होंने अटका दिया है.
महेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अजमेर दौरे को लेकर कहा कि वे उसी जगह सभा करने आए थे, जहां उन्होंने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा की थी और जनता को भी काफी उम्मीद थी कि वे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देंगे. लेकिन इस योजना को लेकर उन्होंने एक भी शब्द नहीं बोला. गजेंद्र सिंह शेखावत बार-बार राजस्थान को नीचा दिखाने की बात करते हैं और यह जनता का अपमान है.
भरत सिंह के बयान को लेकर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि युवाओं को सबसे ज्यादा मौका देने का काम कांग्रेस ने किया है. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस युवाओं को भी मौका देगी और उन लोगों को भी मौका दिया जाएगा जो जिताऊ प्रत्याशी होंगे. जोशी ने कहा कि जब चुनाव होते हैं तो जीतने के कई कारण होते हैं. एक चीज के आधार पर चुनाव नहीं जीता जाता. संगठन और नेताओं की भूमिका भी इसमें शामिल होती है. हाईकमान कभी संदेश होता है. उन्होंने कहा कि 2018 में जब सरकार बनी तो उसमें एक कारण यह भी था कि लोग चाहते थे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बनें. मुख्यमंत्री के लिए उनका नाम जनता ने चलाया. मुख्यमंत्री हाईकमान बनाता है और वह जिसको चाहे उसको मुख्यमंत्री नहीं बनाता.
विधायकों से हाईकमान पूछता है और हम लोगों से भी रायशुमारी की गई थी. राहुल गांधी ने भी एक-एक विधायक को मैसेज भेज जानकारी ली. इसके बाद मुख्यमंत्री का फैसला हुआ था. जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जितनी भी जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं, उनका व्यापक प्रभाव देश में पड़ा है.
फोन टैपिंग के मामले को लेकर भी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत विरोधाभासी बातें बोल रहे हैं. एक तरफ तो वह कहते हैं कि मेरी आवाज ही नहीं है और दूसरी तरफ कहते हैं कि मेरा फोन टेप हुआ है. हालांकि, अभी तक उन्होंने वॉइस सैंपल नहीं दिया है. जब उनकी आवाज ही नहीं है तो किस आधार पर ओएसडी पर केस दर्ज किया गया है. केस राजस्थान में दर्ज होना चाहिए था, लेकिन उन्होंने मामला दिल्ली में दर्ज करवाया.