जयपुर/सीकर. बस्सी के बांसखो स्थित नईनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर्व पर दो दिवसीय लक्खी मेला शुरू हुआ. मेले में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा. वहीं सीकर के फतेहपुर शेखावाटी में 217 साल पुराने ऐतिहासिक महादेव मंदिर में बुध गिरी बाबा समाधि स्थल पर भी लक्खी मेला शुरू हो गया.
बस्सी के बांसखो स्थित नईनाथ मंदिर में दूरदराज के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का तांता अलसुबह से ही लगा रहा. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. नईनाथ धाम स्थित मंदिर से गणेश मोड तक क्षेत्र को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया है. मेले में भजन संध्या, सत्संग समेत अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. मेले में सुरक्षा को देखते हुए बस्सी एसीपी मेंघचंद मीणा, एडीसीपी के साथ ही कानोता, बस्सी व तुंगा थाना प्रभारी भी मेले की व्यवस्था के मौजूद हैं. साथ ही 150 पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है.
इसके अलावा मेले में जेब कतरों एवं अन्य सुरक्षा सम्बन्धी उपायों के लिए 16 अलग-अलग जगह पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी रखी जा रही है. वहीं मेले में आने वाले श्रदालुओं के लिए बीजेपी नेता डॉ अजय मीणा की ओर से वसुंधरा जनता रसोई के माध्यम से चाय एवं बिस्किट की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है. साथ ही मेले में आए श्रदालु एवं होटल व्यवसायी अजय शर्मा ने पुलिस की ओर से की गई व्यवस्थाओ को पुख्ता बताते हुये कहा कि मेले में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर इंतजाम किये गये हैं. वही राज्य सरकार द्वारा बजट में बांसखो में पुलिस चौकी मिलने पर राज्य सरकार का आभार जताया.
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सीकर के फतेहपुर शेखावाटी में 217 साल पुराने ऐतिहासिक महादेव मंदिर पर बुध गिरी बाबा समाधि स्थल पर भी महाशिवरात्रि को लक्खी मेला शुरू हुआ. यहां पिछले 200 सालों से लगातार प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर यह मेला भरता है. महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए आने शुरू हो जाते हैं. मेले के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारी दी जाती है. फतेहपुर शहर से दक्षिण की ओर सीकर जाने वाले नेशनल हाइवे पर बुध गिरी बाबा का यह ऐतिहासिक मंदिर है. प्रचलित कथा के अनुसार 217 वर्ष पूर्व विक्रम संवत 1862 में महाशिवरात्रि के दिन संत बुध गिरी ने यहां पर जीवित समाधि ली थी. इसी स्थान पर ऐतिहासिक महाशिवरात्रि का मेला भरता है.