जयपुर. रवि पुष्य सर्वार्थसिद्धि योग में रविवार को गलता तीर्थ समेत अन्य स्थानों पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया. माघ पूर्णिमा के चलते आज ही होली का डांडा भी रोपा गया. साथ ही छोटी काशी में फाल्गुनी माहौल परवान पर चढ़ेगा. मंदिरों में कई संस्थाओं की ओर से फागोत्सव के कार्यक्रम होंगे. वहीं, जयपुर के प्रमुख मोती डूंगरी गणेश मंदिर में रवि पुष्य पर्व मनोकामना दिवस के रूप में मनाया गया.
भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक: मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का पंचामृत अभिषेक किया गया. साथ ही भगवान को नवीन पोशाक धारण कराई गई. मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि भगवान गणेश का 151 किलो दूध, 11 किलो दही, 24 किलो घी, 11 किलो बूरा, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र और गुलाब इत्र से अभिषेक किया गया. भगवान श्री गणपति सहस्त्रनाम से 1001 मोदक अर्पित किए गए. पूजन के बाद रक्षा सूत्र और स्वास्थ्य के लिये हल्दी का प्रसाद का वितरण किया गए.
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भगवान को नवीन पोशाक धारण कराई: रविवार शाम 4 बजे भगवान को फूल बंगले में विराजमान कराया गया और नवीन पोशाक धारण कराई. भगवान के खीर का विशेष भोग खीर भी लगाया गया. मोती डूंगरी के अलावा इस शुभ संयोग में नहर के गणेश जी, गढ़ गणेश, ध्वजधीश गणेश जी समेत शहर के सभी गणपति मंदिरों में विशेष पंचामृत अभिषेक और पूजा अर्चना की गई.
रोपे गए होली का डांडा: 5 फरवरी को परकोटे में सिटी पैलेस, गोविंद देव जी मंदिर के रूप चौक और चांदपोल स्थित माली कॉलोनी में होली का डांडा रोपा गया. परंपरा के अनुसार, जिस स्थान पर होलिका दहन होता है. वहां बड़ा डांडा लगाया जाता है, जो भक्त प्रहलाद का प्रतीक होता है. प्रहलाद रूपी डांडा का पूजन कर इस स्थान को पतंगों और गुलाल से सजाया गया. बता दें कि होलिका दहन के समय प्रहलाद रूपी डांडा को दहन से पहले सुरक्षित निकाल लिया जाता है. डांडा रोपने के साथ ही फागोत्सव कार्यक्रमों की भी शुरुआत होगी और ये दौर फाल्गुन के पूरे महीने चलेगा.