जयपुर. राजस्थान रोडवेज न केवल यह बस है, बल्कि इसे जयपुर सहित प्रदेश के लोगो की लाइफ लाइन कहा जाता है. लेकिन लॉक डाउन में इसके पहिये थमते ही रोडवेज में काम करने वाले लोगो के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. स्थिति ऐसी है कि सरकार के कर्मचारियों को समय पर वेतन नही मिल पा रहा है. हालांकि रोडवेज सरकार का एक ऐसा विभाग गए, जो जनता की सेवा के लिए है. इस विभाग की माली हालत पिछले कई सालों से ऐसी ही बनी हुई है. लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नही है. प्रदेश में जारी 10 मई से लॉक डाउन के बाद रोडवेज की बसों के पहिये भी लॉक हैं. और यंहा के कर्मचारियों को सैलरी भी समय पर नही मिल पा रही है.
रोडवेज के कर्मचारियों को लॉक डाउन के बाद से अप्रैल माह का वेतन नही दिया गया था. लेकिन रोडवेज के सीएमडी राजेश्वर सिंह के प्रयास रंग लाए और अब रोडवेज के कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन मिल सकेगा. सरकार ने रोडवेज को बकाया वेतन के लिए 40 करोड़ रूपए की राशि जारी की है. रोडवेज के सीएमडी राजेश्वर सिंह पिछले काफी समय से इस को लेकर प्रयासरत थे. मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी आभार जताया है.
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अप्रैल का वेतन नहीं मिलने से रोडवेज कर्मचारियों को काफी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. जिसके बाद उनके लिए अप्रैल का वेतन जारी हो गया है. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है, कि अभी भी रोडवेज के पहिए थमे हुए हैं और मई का महीना भी खत्म होने वाला है. अतः मई महीने का वेतन भी रोडवेज कर्मचारियों के लिए मुसीबत बनकर खड़ा हो सकता है. प्रदेश में लगाए गए लॉक डाउन की वजह से रोडवेज को हर दिन 3.75 करोड़ का नुकसान हो रहा है और राज्य सरकार ने कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन 8 जून तक बड़ा दिया है. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति तो पहले से ही खराब थी. लेकिन अब कोरोना के कारण विभाग को रोजाना 3.75 करोड़ रुपए का नुकसान भी हो रहा है. राजस्थान राज पथ परिवहन को कोविड-19 के पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1100 करोड रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था.