जयपुर. प्रदेश की राजधानी जयपुर में स्थित छोटी काशी में आज से बोल बम-ताड़क बम के जयकारों के साथ शिव मंदिरों में पूजा व आराधना का दौर शुरू हो गया. सावन के पहले दिन जयपुर बसने से पहले स्थापित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में सुबह से भगवान आशुतोष को जल चढ़ाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. यही स्थिति झारखंड महादेव मंदिर जागेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों में देखने को मिली.
सावन का महीना भगवान शिव को सबसे प्रिय है. ऐसे में इस पूरे महीने भगवान शिव की विशेष पूजा आराधना करने से भगवान शिव सभी दुखों को हर लेते हैं. इस बार सावन की शुरुआत मंगलवार से हो रही है. ऐसे में त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. खास बात ये है कि इस बार सावन का महीना 50 दिन तक चलेगा. दरअसल, इस बार सावन के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के बीच अधिमास पड़ रहा है. ऐसे में अधिमास के दिन भी सावन के ही कहलाएंगे. ये योग 19 साल बाद बन रहा है. सावन के ये 58 दिन भगवान शिव को समर्पित रहेंगे.
ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ सबसे जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. भगवान शिव को जलाभिषेक से भी प्रसन्न किया जा सकता है. इस पूरे महीने विधि पूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से भगवान आशुतोष की विशेष कृपा प्राप्त होती है. भगवान अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं. यही वजह है कि सावन के पहले दिन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे और कतार लगाकर भगवान शिव पर जलाभिषेक करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. इस दौरान भगवान को रिझाने के लिए गलता तीर्थ से शिवभक्त कावड़ में जल भरकर भगवान को अर्पित करने पहुंचे. वहीं मंदिरों के बाहर बेलपत्र और फूलों की दुकानें भी सजीं हैं.
इसके अलावा इस बार सावन में 8 सोमवार रहेंगे. पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवा सोमवार 7 अगस्त, छठा सोमवार 14 अगस्त, सातवां सोमवार 21 अगस्त और आठवां सोमवार 28 अगस्त को रहेगा. दूसरे सोमवार पर हरियाली और सोमवती अमावस्या का योग भी बन रहा है.
पढ़ें Adhikmaas 2023 : अधिकमास होने के चलते इस बार 2 माह का है सावन, जानिए क्यों है अधिकमास का महत्व