विराटनगर (जयपुर). कोटपूतली जिले में विराटनगर को शामिल करने के विरोध में सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके तहत उपखंड क्षेत्र में बाजार बंद रखे गए. इस बंद को व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया.
स्थानीय ग्रामीणों ने विराटनगर को जयपुर जिले में ही रखने की मांग की है. राजस्थान में 19 नए जिले बनाए जाने के बाद विराटनगर को कोटपूतली जिले में शामिल किये जाने से क्षेत्र के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसके चलते क्षेत्र के नागरिकों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. सोमवार को विराटनगर उपखंड क्षेत्र के प्रमुख कस्बे मैड, नवरंगपुरा, बीलवाडी व विराटनगर कस्बे में विरोध स्वरूप संपूर्ण बंद रहा. बंद को लेकर विभिन्न व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया.
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लोगों ने विराटनगर को कोटपूतली में शामिल नहीं करने की मांग को लेकर विराटनगर बस स्टैंड पर आम सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान पूर्व प्रदेश महामंत्री कुलदीप धनकड, भाजपा नेत्री रानी रत्ना कुमारी, भाजपा नेता देवनारायण लटाला, पवन शर्मा, पंकज पराशर, सोदान गुर्जर सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. सभा में वक्ताओं ने कहा कि विराटनगर मत्स्य प्रदेश की राजधानी में थी. लेकिन अब महाभारत कालीन विराटनगर के अस्तित्व को ओझल करने का प्रयास किया जा रहा है. इसे जनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी.
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लोगों ने मांग की है कि विराटनगर तहसील को जयपुर जिले में शामिल करना चाहिए. आमसभा में मौजूद लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन सुध नहीं लेता है, तो इस मांग को लेकर जल्दी विभिन्न संगठनों के साथ बैठक आयोजित कर चरणबद्ध रूप से आंदोलन चलाने के संबंध में विस्तृत निर्णय लिया जाएगा. सरकार की ओर से स्थानीय ग्रामीणों की मांगां की अनदेखी पर आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी.
रेनवाल को दूदू में शामिल करने का विरोधः जयपुर जिले के रेनवाल तहसील को प्रस्तावित दूदू जिले में शामिल करने के विरोध में सोमवार कस्बे का बाजार पूरी तरह से बंद रहा. तहसील पर अनिश्चितकालीन धरने में चौथे दिन रेनवाल कस्बे सहित तहसील के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. रेनवाल तहसील संघर्ष समिति के तत्वाधान में चल रहे धरने में वक्ताओं ने कहा कि जब तक प्रस्तावित दूदू जिले से रेनवाल तहसील को हटाकर जयपुर उत्तर में शामिल करने का ठोस आश्वासन नहीं मिलता, धरना जारी रहेगा. संघर्ष समिति ने तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा. इसमें जल्द रेनवाल तहसील को प्रस्तावित दूदू जिले से हटाकर जयपुर उत्तर में शामिल करने की मांग की गई.