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जयपुर में बंधक बनाकर बालश्रम कराने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास

जयपुर में पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने क्रम-6 ने बच्चों को बंधक बनाकर उनसे बालश्रम कराने वाले अभियुक्त शाकिब खां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख सत्तर हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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बालश्रम कराने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास
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Published : Dec 24, 2019, 8:11 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने क्रम-6 ने बच्चों को बंधक बनाकर उनसे बालश्रम कराने वाले अभियुक्त शाकिब खां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख सत्तर हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

बालश्रम कराने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास

वहीं अदालत ने प्रकरण में एक अन्य आरोपी को बरी करते हुए तीन पुलिसकर्मियों हरदयाल सिंह, महेन्द्र सिंह और उदयभान सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है. अदालत ने कहा कि 6 बच्चों के साथ किए जा रहे आपराधिक कृत्य को मजबूती देने के लिए मौके से साक्ष्य एकत्रित करने और खेंचे गए फोटो को अदालत में पेश ही नहीं किया गया. पुलिसकर्मियों ने न केवल लापरवाही बरती, बल्कि आरोपियों को लाभ पहुंचाया. जिससे चलते एक आरोपी को बरी करना पड़ रहा है.

पढ़ेंः जयपुरः समीक्षा बैठक में भड़के यूडीएच मंत्री, कहा- बढ़ा चढ़ाकर आंकड़े पेश न करें अधिकारी

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने अदालत को बताया कि 11 जनवरी 2016 को रामगंज थाना पुलिस ने तेलियों का मोहल्ला में आरीतारी का काम कर रहे छह बच्चों को बरामद किया था. अभियुक्त उनसे सुबह छह बजे से रात 12 बजे तक काम कराता था. जहां न तो उन्हें पैसे दिए जा रहे थे और ना ही भरपेट खाना दिया जाता था. इसके अलावा बीमार होने पर डॉक्टर को भी नहीं दिखाया जाता था. अभियुक्त बच्चों को यूपी स्थित अपने गांव से काम सिखाने और पढ़ाने के नाम लाया और आरीतारी के काम में लगा दिया.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने क्रम-6 ने बच्चों को बंधक बनाकर उनसे बालश्रम कराने वाले अभियुक्त शाकिब खां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख सत्तर हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

बालश्रम कराने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास

वहीं अदालत ने प्रकरण में एक अन्य आरोपी को बरी करते हुए तीन पुलिसकर्मियों हरदयाल सिंह, महेन्द्र सिंह और उदयभान सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है. अदालत ने कहा कि 6 बच्चों के साथ किए जा रहे आपराधिक कृत्य को मजबूती देने के लिए मौके से साक्ष्य एकत्रित करने और खेंचे गए फोटो को अदालत में पेश ही नहीं किया गया. पुलिसकर्मियों ने न केवल लापरवाही बरती, बल्कि आरोपियों को लाभ पहुंचाया. जिससे चलते एक आरोपी को बरी करना पड़ रहा है.

पढ़ेंः जयपुरः समीक्षा बैठक में भड़के यूडीएच मंत्री, कहा- बढ़ा चढ़ाकर आंकड़े पेश न करें अधिकारी

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने अदालत को बताया कि 11 जनवरी 2016 को रामगंज थाना पुलिस ने तेलियों का मोहल्ला में आरीतारी का काम कर रहे छह बच्चों को बरामद किया था. अभियुक्त उनसे सुबह छह बजे से रात 12 बजे तक काम कराता था. जहां न तो उन्हें पैसे दिए जा रहे थे और ना ही भरपेट खाना दिया जाता था. इसके अलावा बीमार होने पर डॉक्टर को भी नहीं दिखाया जाता था. अभियुक्त बच्चों को यूपी स्थित अपने गांव से काम सिखाने और पढ़ाने के नाम लाया और आरीतारी के काम में लगा दिया.

Intro:बाईट - विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल 


जयपुर। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने क्रम-6 ने बच्चों को बंधक बनाकर उनसे बालश्रम कराने वाले अभियुक्त शाकिब खां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख सत्तर हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं अदालत ने प्रकरण में एक अन्य आरोपी को बरी करते हुए तीन पुलिसकर्मियों हरदयाल सिंह, महेन्द्र सिंह और उदयभान सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है।Body:अदालत ने कहा कि 6 बच्चों के साथ किए जा रहे आपराधिक कृत्य को मजबूती देने के लिए मौके से साक्ष्य एकत्रित करने और खेंचे गए फोटो को अदालत में पेश ही नहीं किया गया। पुलिसकर्मियों ने न केवल लापरवाही बरती, बल्कि आरोपियों को लाभ पहुंचाया गया। जिससे चलते एक आरोपी को बरी करना पड़ रहा है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने अदालत को बताया कि 11 जनवरी 2016 को रामगंज थाना पुलिस ने तेलियों का मोहल्ला में आरीतारी का काम कर रहे छह बच्चों को बरामद किया था। अभियुक्त उनसे सुबह छह बजे से रात 12 बजे तक काम कराता था। जहां न तो उन्हें पैसे दिए जा रहे थे और ना ही भरपेट खाना दिया जाता था। इसके अलावा बीमार होने पर डॉक्टर को भी नहीं दिखाया जाता था। अभियुक्त बच्चों को यूपी स्थित अपने गांव से काम सिखाने और पढ़ाने के नाम लाया और आरीतारी के काम में लगा दिया।Conclusion:
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