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दुष्कर्म के आरोपी पिता की आजीवन कारावास की सजा बरकरार - पुत्री

राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 साल की बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. आरोपी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सजा बरकरार रखी है.

आजीवन कारावास की सजा बरकरार
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Published : Apr 13, 2019, 11:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 साल की बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. साथ ही अभियुक्त मनोहर लाल की अपील को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश बी एल शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्त की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि घर ऐसी जगह है. जहां पिता की सुरक्षा में बच्चे खुशहाल जीवन बिताते हैं. लेकिन दुख की बात है कि इस मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाला खुद उसक पिता है. अभियुक्त ने अपील में कहा कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. शराब पीने के चलते उसका पत्नी के साथ आए दिन विवाद होता था. उधर गवाहों ने भी अपीलार्थी के पक्ष में बयान दिया कि गैस सिलेंडर की बात पर उसका अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था.

दुष्कर्मी पिता को मिली आजीवन कारावास की सजा बरकरार

वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पीड़िता ने निचली अदालत में पिता के खिलाफ बयान दिया है. जिसमें कहा गया कि 11 सितंबर 2013 की रात उसकी मां शौच के लिए गई थी. इस दौरान अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया. जब मां वापस लौटी. तो अभियुक्त पिता वहां से भाग गया. इसके अलावा पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म होना साबित है. ऐसे में अभियुक्त को राहत नहीं दी जा सकती. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपील को खारिज करते हुए अभियुक्त के कृत्य की घोर निंदा की है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 साल की बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. साथ ही अभियुक्त मनोहर लाल की अपील को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश बी एल शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्त की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि घर ऐसी जगह है. जहां पिता की सुरक्षा में बच्चे खुशहाल जीवन बिताते हैं. लेकिन दुख की बात है कि इस मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाला खुद उसक पिता है. अभियुक्त ने अपील में कहा कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. शराब पीने के चलते उसका पत्नी के साथ आए दिन विवाद होता था. उधर गवाहों ने भी अपीलार्थी के पक्ष में बयान दिया कि गैस सिलेंडर की बात पर उसका अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था.

दुष्कर्मी पिता को मिली आजीवन कारावास की सजा बरकरार

वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पीड़िता ने निचली अदालत में पिता के खिलाफ बयान दिया है. जिसमें कहा गया कि 11 सितंबर 2013 की रात उसकी मां शौच के लिए गई थी. इस दौरान अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया. जब मां वापस लौटी. तो अभियुक्त पिता वहां से भाग गया. इसके अलावा पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म होना साबित है. ऐसे में अभियुक्त को राहत नहीं दी जा सकती. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपील को खारिज करते हुए अभियुक्त के कृत्य की घोर निंदा की है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 साल की बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को मिली आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त की अपील को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश बी एल शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्त मनोहर लाल की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि दुष्कर्म करने वाला पीड़िता का खुद का पिता है। घर ऐसी जगह है, जहां वह अपने पिता की सुरक्षा में खुशहाल जीवन बिताती, लेकिन वहशी पिता ने घर में ही उसका साथ दुष्कर्म कर दिया।


Body:अपील में कहा गया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है। शराब पीने के चलते उसका अपनी पत्नी के साथ आए दिन विवाद होता था। गवाहों ने भी अपीलार्थी के पक्ष में बयान दिया कि गैस सिलेंडर की बात पर अपीलार्थी का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पीड़िता ने निचली अदालत में पिता के खिलाफ बयान दिया है। बयान में कहा गया कि 11 सितंबर 2013 की रात उसकी मां शौच के लिए गई थी। पीड़िता को अकेली देख अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब माँ वापस लौटी तो अभियुक्त पिता वहां से भाग गया। इसके अलावा पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म होना साबित है। ऐसे में अभियुक्त को राहत नहीं दी जा सकती। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपील को खारिज करते हुए अभियुक्त ले कृत्य की घोर निंदा की है।


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