जयपुर. शहर के दुर्गापुरा स्थित जी क्लब पर 28 जनवरी को हुई फायरिंग व व्यापारियों को धमकाने के आरोप मामले में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई ने उस पर लगाए गए आरोपों पर निचली अदालत में सवाल उठा दिया है. लॉरेंस ने कहा है कि जब वह न्यायिक व पुलिस हिरासत में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में था तो वह अपराध कैसे कर सकता है.
इस संबंध में लॉरेंस ने अपने अधिवक्ता के जरिए कोर्ट में दायर अर्जी में कहा कि उसे 15 जून 2022 को तिहाड़ जेल, नई दिल्ली से सिद्दू मूसेवाला हत्याकांड में प्रोडक्शन वारंट पर एसटीएफ ने हिरासत में लिया था. इस दौरान हर दिन उसकी वीडियोग्राफी करवाई गई और वह छह महीने से एसटीएफ की अभिरक्षा में ही रिमांड पर चल रहा था. इसके बाद 21 जनवरी 2023 से वह बठिंडा जेल में न्यायिक हिरासत में था और वीडियोग्राफी व सर्विलांस पर था. उसे जब जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया तो उसे इस झूठे मामले का पता चला.
जब वह सर्विलांस पर था तो उसकी ओर से फोन किया जाना संभव नहीं था. इसलिए इस दौरान की वीडियो रिकार्डिंग को वहां से तलब कर कोर्ट में पेश किया जाए. इस प्रार्थना पत्र पर कोर्ट 21 फरवरी को सुनवाई करेगा. इससे पहले कोर्ट के आदेश पर लॉरेंस के अधिवक्ता थाने जाकर लॉरेंस से मिले. लॉरेंस ने उन्हें बताया कि पुलिस हिरासत व न्यायिक हिरासत के दौरान वह सर्विलांस में था और उस पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही थी. ऐसे में उस पर इस मामले में लगाए गए आरोप झूठे हैं. बता दें कि इस मामले में लॉरेंस सात दिन के पुलिस रिमांड पर है. उस पर आरोप है कि उसके गुर्गों ने हरमाडा, जवाहर सर्किल सहित अन्य इलाकों में व्यापारियों से करोड़ों रुपए की फिरौती मांगी थी.