जयपुर. जलदाय विभाग प्रदेश में पानी के अवैध कनेक्शनों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रहा है. प्रदेश में अब पानी के कनेक्शन के लिए एल फॉर्म भरना जरूरी होगा. संभावना जताई जा रही है कि इसी महीने से ये व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी. साल 2008 में पानी के कनेक्शन के लिए एल फॉर्म भरने की व्यवस्था को समाप्त कर दी गई थी.
गौरतलब है कि प्रदेश भर में जलदाय विभाग के करीब 30 लाख उपभोक्ता हैं. जयपुर शहर में करीब 5 लाख उपभोक्ता हैं, जबकि हकीकत में उपभोक्ताओं की संख्या इससे कहीं ज्यादा है. इसलिए जलदाय विभाग का मानना है कि रिकॉर्ड से ज्यादा उपभोक्ताओं की संख्या अवैध कनेक्शन के कारण बढ़ी है. इसके कारण राजस्व का नुकसान रहा है. साथ ही अवैध कनेक्शन भी लगातार बढ़ रहे हैं.
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बता दें कि साल 2008 से पहले अगर कोई व्यक्ति पेयजल कनेक्शन लेता था तो उसके लिए एल फॉर्म भरना जरूरी था. लेकिन, इसके बाद तत्कालीन प्रमुख सचिव ने एक आदेश जारी कर इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया था.
जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अवैध कनेक्शन होने पर राजस्व का घाटा हो रहा था. एल फॉर्म व्यवस्था लागू होने से विभाग को राजस्व का फायदा होगा. साथ ही पानी भी बचेगा. इसके अलावा जिन लोगों के अवैध कनेक्शन हैं, वो अपने कनेक्शन को नियमित करवाएंगे, जिससे विभाग को और राजस्व मिलेगा. साथ ही अवैध कनेक्शनों में भी कमी आएगी.
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जलदाय विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब अगर कोई व्यक्ति पानी के नए कनेक्शन के लिए आवेदन करता है तो उसे रजिस्टर्ड प्लंबर से ही कनेक्शन करवाना होगा. जलदाय विभाग इसी महीने पेयजल कनेक्शन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी करेगा.
नया कनेक्शन लेने की ये होगी प्रक्रिया
उपभोक्ता को सबसे पहले अभियंता कार्यालय में पानी कनेक्शन के लिए आवेदन करना होगा और फाइल मंजूर होने के बाद अभियंता कार्यालय से रजिस्टर्ड प्लंबर ही कनेक्शन के लिए उपभोक्ता के घर जाएगा. पेयजल कनेक्शन के लिए वो जांच करेगा कि पाइप, मीटर और अन्य उपकरण अच्छी गुणवत्ता के हैं या नहीं. कनेक्शन के बाद प्लंबर एल फॉर्म भरेगा और प्रमाणित करेगा कि पेयजल कनेक्शन नियम के अनुसार लिया गया है या नहीं.