जयपुर. हार्डकोर बदमाश कुलदीप जघीना की पुलिस अभिरक्षा में बदमाशों द्वारा गोलियां बरसाकर हत्या के मामले को लेकर गुरुवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव आनंद कुमार ने की. इस बैठक में भविष्य में इस तरह की गतिविधियों की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. इन निर्देशों के मुताबिक, जेल विभाग के महानिदेशक डीजीपी से समन्वय स्थापित कर जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन करेंगे.
यह कमेटी हार्डकोर बदमाशों, संगठित गिरोह और गंभीर धाराओं में बंद ऐसे अपराधियों को चिह्नित करेंगे, जिन्हें पेशी पर ले जाने के दौरान जानलेवा हमला होने या फिर कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो. ऐसे बदमाशों की एक सूची तैयार की जाएगी. सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसे अपराधियों की कोर्ट में पेशी हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर की तर्ज पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाई जाएगी.
व्यक्तिगत पेशी विशेष परिस्थितियों में हीः इस बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि व्यक्तिगत पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होने या कोर्ट के आदेशों की पालना में ही होगी. किसी हार्डकोर बदमाश की विशेष परिस्थितियों में व्यक्तिगत पेशी करवाने के लिए बंदी की जेल के जिले और जहां पेशी पर ले जाना है. उन दोनों जिलों के एसपी पेशी के दौरान बंदियों के आवागमन के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाएंगे. साथ ही संभव हो तो ऐसे बंदियों को सामान्य बस के स्थान पर पुलिस वाहन से ही पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ भेजा जाएगा.
फायरिंग की घटना की जांच आईजी प्रफुल्ल कुमार कोः डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि भरतपुर जिले के अमोली टोल प्लाजा पर बस में बदमाश कुलदीप जघीना और विजयपाल पर हुई फायरिंग की घटना की जांच आईजी (क्राइम) प्रफुल्ल कुमार को सौंपी गई है. आईजी (क्राइम) प्रफुल्ल कुमार और एएसपी (क्राइम) नरोत्तम वर्मा इस मामले की जांच करने के लिए भरतपुर पंहुच गए हैं. इस बैठक में डीजीपी उमेश मिश्रा, डीजी (जेल) भूपेंद्र कुमार दक, प्रमुख सचिव (विधि) ज्ञान प्रकाश गुप्ता, शासन सचिव (गृह विभाग) सरवन कुमार, एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन, संयुक्त शासन सचिव गृह (जेल) अवधेश मीणा सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे.