कोटपूतली (जयपुर). कोरोना महामारी की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. जिस प्रकार से राजस्थान में तमाम इंतजाम के बावजूद कोरोना पॉजिटिव केसों में निरंतर वृद्धि हो रही है, उससे साफ है कि हालात नियंत्रण में नहीं हैं. कोरोना की प्रथम लहर में राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल की काफी प्रशंसा हुई थी. वैसे ही जयपुर के कोटपूतली से 'मेरा गांव, मेरी जिम्मेदारी' काफी हद तक कारगर सिद्ध हो रहा है.
कोटपूतली पुलिस व प्रशासन की ओर से एक ऐसी मुहिम छेड़ी गई है जिसका नाम "मेरा गांव, मेरी जिम्मेदारी" रखा गया है. इस मुहिम के तहत पुलिस और प्रशासन की ओर से गांव-गांव, ढाणी-ढाणी जाकर लोगों को जागृत करने का कार्य किया जा रहा है और उसके साथ ही ग्रामीण परिवेश के लोगों को इस मुहिम से जोड़कर कोरोना को मात देने का प्रयास किया जा रहा है. अमूमन जब पुलिस का नाम आता है तो लोगों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग हो सकती हैं लेकिन कोटपूतली पुलिस की ओर से इस मॉडल को लेकर किए जा रहे कार्य की जितनी तारीफ की जाए वह कम है.
पढ़ें: राजस्थान से जांच के लिए पुणे भेजे गए सैंपल्स में यूके स्ट्रेन की पुष्टि: डॉ. रघु शर्मा
कोटपूतली एएसपी रामकुमार कस्वा के नेतृत्व में इस मुहिम को सुचारू किया जा रहा है. मॉडल के अनुसार पुलिस व प्रशासन के अधिकारी गांव के प्रत्येक मुखिया और आमजन को इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार किसी भी व्यक्ति को बेवजह बाहर निकलने से रोका जाए और यदि किसी भी व्यक्ति में संक्रमित होने का अंदेशा हो तो उसे निगरानी में गांव में ही रखा जाए. यह मॉडल काफी सुर्खियां बटोर रहा है और इस मॉडल से निरंतर कोटपूतली में कोरोना पॉजिटिव केसों में कमी आ रही है.
'मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी' मॉडल के तहत गांव के सभी वर्गों को जिम्मेदारी देते हुए पुलिस प्रशासन निरंतर कार्य कर रहा है और इस मॉडल के तहत ग्रामीण भी लामबंद हुए हैं जिसके चलते कोरोना केसों में निरंतर कमी भी आ रही है. इसमें पुलिस प्रशासन का मुख्य रूप से योगदान है. प्रशासन की ओर से सभी गांव की निरंतर मॉनिटरिंग भी की जा रही है और जहां से शिकायतें आ रहीं है वहां सख्ती से भी निपटा जा रहा है.
पढ़ें: Rajasthan corona Update : राजस्थान में कोरोना के 16080 नए मामले, 169 मरीजों की मौत, आज रिकवर हुए 13198
कोटपूतली एएसपी रामकुमार कस्वां ने बताया कि इस मॉडल के तहत हमने गांव में होने वाले कोरोना विस्फोट को रोकने में कुछ हद तक कामयाबी हासिल की है. इसमें ग्रामीणों का पूर्ण रुप से सहयोग भी प्राप्त हो रहा है और उसके साथ-साथ हमारी ओर से गांव में होने वाले विवाह सम्मेलन या किसी अन्य प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों को समझाइश के माध्यम से रोकने का काम भी किया गया है. इसके चलते गांव-गांव जाकर मुखिया,सरपंच, उपसरपंच व पंचों और अन्य बुद्धिजीवी लोगों के साथ मिलकर सभी को जिम्मेदारियां बांटकर इस मॉडल की शुरुआत की है, जो काफी हद तक कारगर साबित हुई है.
कस्वां ने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा और जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा के नेतृत्व में की गई थी जिसको स्थानीय पुलिस व प्रशासन के सहयोग से आगे बढ़ाया जा रहा है. यह मॉडल राजस्थान में विशेष इसलिए हो जाता है क्योंकि इस मॉडल के जरिए प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए खुद को और गांव को सुरक्षित रखने के लिए सभी को जागरूक किया जा रहा है और इस अभियान में मुख्य रूप से कोटपुतली एएसपी राम कुमार कसवां, एसडीएम सुनीता मीणा तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा सहित कई अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.