जयपुर. प्रदेश में जहां हर कोई होली के रंग में रंगा हुआ है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो काली होली के रूप में मना रहे हैं. प्रदेश के 252 महाविद्यालयों में लगे संविदा व्याख्याताओं को नौकरी से रिलीव कर दिया गया है. ऐसे मे वो समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षा संकुल में धरने पर बैठे हैं.
बता दें, संविदा व्यख्याताओं का धरना लगातार 4 मार्च से ही जारी है. उनकी मांग है कि समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. इसी को लेकर पिछले ढाई हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं.
संविदा व्यख्याता डॉ सुरेश के वर्मा ने कहा कि महाविद्यालयों में फिलहाल 1400 पदों पर आरपीएसई से शिक्षकों को लगाया गया है. लेकिन, कॉलेज में अभी भी 2500 पद खाली पड़े हैं, उसके बावजूद संविदाकर्मियों को रिलीव कर दिया गया.
व्याख्याताओं ने मांग की है कि सरकार जल्द उन्हें नियुक्त करे नहीं तो धरना ऐसे ही जारी रहेगा. उनका कहना है कि वो पिछले 10 साल से सेवा दे रहे है बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है. जबकि, व्यख्याताओं का समान काम, समान वेतन का आदेश उच्चतम न्यायालय ने दे दिया था. लेकिन, पूर्ववर्ती सरकार ने बिना सोचे समझे हटा दिया, जिससे 107 संविदा व्यख्याताओं का भविष्य अंधकार में चला गया है.
प्रदेश में कुल सरकारी कॉलेज- 252
- कुल पद- 4500
- खाली पद-2500
- संविदा व्यख्याता-129 (107 रिलीव, 22 ड्यूटी पर)